पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१००

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वही . खूशा बही-संघा स्त्री० [सं० खोलक ] इस प्रकार का लपेट कर बनाया हया मुहा०-खूटी निकालना या लेना- ऐसा मुड़ना कि बाल फी कंचन या कपड़ा जिसे सिर पर डाल लेने से शरीर का ऊपरी जड़ तक न रह जाय। | भाग शीत या वर्षा से बचा रहता है । प्रायः अहीर, गड़ेरिए ५. नील की दूसरी फसल जो एक बार फसल काट लेने पर - आदि इसका व्यवहार करते हैं ) खोहीघोषो । खुड़मा। उसकी जड़ से पैदा होती है। इसे दौरेजी भी कहते हैं । ६. 30-सांवरी कामरी की है खुही, बलि, सांबरे पंचली साँवरी सीमा। हद । ७. मेव के आकार का लकड़ी प्रादि का वह हो । पचाकर (शब्द०)। . . छोटा टुकड़ा जो किसी चीज में किसी दूसरी चीज के घटकाने सूसार-वि० [फा० स्वार] १. रक्तदान करनेशना। ख न पीने. धादि के लिये लगा रहता है। जैसे,—बड़ाऊँ की खूटी। ... वाला । २. भयंकर। डरावना।३. ऋर । निर्दय । सितार की खुटी। खखारी-संभाजी० [फा० एवारी निर्दयता। अत्याचार। महा०-खूटी कसना-सितार आदि तंत्रवाद्यों के तार को खट-संवा पुं० [सं० खण्ड ] १. छोर । शोना। 10--पीतांबर को ___ खूटी पेठकर कसना । | खूट ले पाए अवध बिसे खि।-विधाम (शब्द०)।२. खूटी उखाड़-संशा पुं० [हिं० खटी+उखाड़ना ] घोड़े की एक . भारी, चौकोर या गोल पत्थर जो मकान की मजबूती के लिये भौरी जो परों में पुढें के पास होती है और जिसका मुंह ऊपर I. . कोनों पर लंगाया जाता है। और त । तरफं। 10- की पोर होता है । जिथ घोड़े को यह भौंरी होती है, वह बड़ा । दुइ ध्र व दुहू खूट बसारे । —जायसी (गन्द)।४. भाग। ऐवी समझा जाता है। . हिस्सा । जैसे,-खटत । ५. बहूत छोटी पूरी जो देवी, देवता खूटी गाड़-संश्था पुं० [ हि खुटी+गाड़ना ] घोड़े की एक मौरी . . “को चढ़ाने के लिये बनती है । ६. लकड़ी पर का महसूल । जो पैरों में पुछे के ऊपर होती है और जिसका मह नीचे की I , ७. कान में पहनने का एक प्रकार का गहना । १०--- पोर होता है । जिस घोड़े को यह भौंरी होती है. वह कुछ कानन्ह कुडल सूट श्री सूटी। जानह परी फचपची टूटी 1- ऐवी समझा जाता है। खूड़ा--संक्षा पुं० [सं० घोड़खूटा ] लोहे की वह पतली छड़ .: जायसी (शब्द०)। . जिसमे नरा लगाकर जुलाहे ताना तनते हैं। खूट-संघाची [देश] कान का एक बड़ा गहना जो गोल दीए के . | प्राकार का होता है । यिरिया । 10-तेहि पर खट दीप खूडो-संक्षा स्त्री० [हिं० चूड़ा] एक पतली लकड़ी जिसके सिर पर दुई बारे । दुई ध्रुव दुह" सूट बैसारे 1-जायसी (शब्द०)। काँव का एक चुल्ला फोड़कर बाँध देते हैं। इसी जुरले में खूटर-संचा पुं० [देश॰] पाठ सेर की तौल जो घी, तेल आदि के. रेशम के महान तागे डालकर जुलाहे ताना तनते हैं। - लिये प्रचलित थी। खूथो-संधा श्री० [हिं० दे० 'खुत्यो' । | ख ४४ साल मा और खूद--संथा श्री [सं०/खुर्द, दि० खूदना ] थोड़ी जगह में घोड़े का किसी तरह की बूट पूछ नहीं होती; तुम डरते क्यों हो। इधर उधर चलते रहना । उ-करे चाह सों चुटकि बरे सूट-संशा पुं० [हिं०कान का मैल । उदोहैं मैन । लाज नवाये तरफरत करत खद सी नैन ।- । यो०-बुटकढ़वा। विहारी (शब्द०)। 'खुटना-क्रि० सं० [सं० खण्डन तोड़ना] १. कुछ पूछताछ विशेष--ब किसी घोड़े को सबार एफ स्थान पर कुछ देर तक | करना। टोकाना । २. छेड़छाड़ करना । 30---गागरि मार खड़ा रखना चाहता है, उब वह घोड़ा सीधा और चुपचाप । कोकरी सो लागे मेरे गातरी । गैल माझ ठाढो रहै मोहिं जुट खड़ा न रहकर थोड़ी सी जगह में ही पागे पीछे हटता मौर आवत जात री।-(शब्द०)।१. कम होना । घटना। घूमता रहता है । इसी हटने और घुमने को खुद पाहते हैं। चुकना। ४. दे० 'खोंटना'। खूदना-क्रि० स० सं० रुपणन अथवा रणपिसा या कुचला टा-संघा पुं० [सं० क्षोड] [अत्पा० बी० खूटी]... बड़ी में हमारा अथवा खण्डन-वोड़ना 1१. पर उठा उठाकर जल्दी जिसको भूमि में गाड़कर उसमें किसी पशु को बांधते हैं। जल्दी भूमि पर पटकमा । उछल कूद करना । २. परों से २. कोई लकड़ी नो भूमि पर खड़ी गढ़ी हो और जिसमें कोई रोंदना । रौंद विकर खराव कर देना । उ०--मरा खोद खद छिमला सों। रोद राठ भंज्या भौरा सों।-लाल | वस्तु वाँधी या अटकाई जाय । ३. कोई खड़ी गड़ी हुई लकड़ी। (शब्द०) ३. कुचलना । कुटना।। महा--सूटा गाड़ना=(१)सीमा निर्धारित करना। हद खू संघा बी० [फा० ) स्वभाव । प्रकृति । पादय । ठेव (को०)। |... बांधना। केंद्र निर्धारित करना । (२) बराबर एक ही स्थान | पर दिखाई पड़ना हटा या ठिकाना बना लेना । खूट के सूखा खुख-संशश्री. दिव०] एक कीड़ा जो चढी फंसल को जाहेमा ...... बल छलना या कूदना=किसी पाश्रय या प्राधार के बल पर करता है इसे चूखी भी कहते है । की। कही। गेरई। कूदना । सूखा-संशा पुं० [फा० खूक शूकर । सुपर। खंच-संथा की। देश जलडमरूमध्य।-( खूटो-संवा बी० [हिं. खूटा ] १. छोटो मेव । २. नील, अरहर २०)। खूशा-संथा ई० [सं० गुप, प्रा० गुज्झ या सं० शुष्क]-१. किसी .या ज्वार के पौधे का वह सूखा इठल जो फल काट लेने पर खेम में गढ़ा रह जाता है। ३. गुल्ली।अंटी।४. बालों के फल मादि के अंदर का वह रेशेदार भाग जो निकम्मा समझदार कई मंकुर जो देने के पीछे रह जाते हैं या निकलते हैं। - फेंक दिया जाता है । जैसे,-नेनुए का खहा।