पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१३९

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गड़गिया ४ १२१५ .गड़ना गड़गिया-वि० [हिं० गईंग+इया (प्रत्य॰)] घमंडी। डींग मारनेवाला । शेखी वाज । वढ़ बढ़कर बात करनेवाला । गड़त-संक्षा श्री [हिं० गाड़ना] वह वस्तु जिसे लोग टोटके या अभिचार के लिये गाड़ देते हैं। विशेष--- तांत्रिक या प्रेतविद्या के जाननेवाले प्रायः मारण, मोहन और उच्चाटन आदि के लिये कुछ पदार्थों को मन पढ़कर किसी चौराहे में गाड़ देते हैं और इस गाड़ने को गत कहते हैं। यह गड़त कभी कभी आगंतुक दुःखों के निवारण के लिये भी की जाती है। गड-संज्ञा पुं० [सं०] १.प्रोट । पाड़ । २.घेरा । चारदीवारी । ३. वह धुस्स या टीला जो किसी स्थान के चारों योर बनाया जाय। ४. गढ्ढा । खाई। ५.प्राकार । गढ़। ६. एक प्रकार की मछली [को०] । गडक संधाधुं० [ देश०,या सं० गड+फ (प्रत्य०)] एक प्रकार की मछली। गडक-संशा श्री० [हिं० गड़कना] १. गड़गड़ शब्द करना (बादलों का)। २.गरजने या डांटने की क्रिया या भाव । गड़कर-संहा पुं० [अंगक] डूबने या गर्क होने का भाव । गड़क-संज्ञा स्त्री हि गड़कना] गटक जाना । पपा जाना (प्रण, रुपया आदि)। त्रि०प्र०-लेना। गड़न ना-क्रि० अ० [अनु०] गड़ गड़ श करना (बदलीक)। २ गरजना । डाँटना । डपटनः । गड़ना-क्रि० अ० [अ० ग १ डूबना । २ नष्ट होना। गड़ के -क्रि० स० [हिं० 'डफ] रग प्रदि का सपय' मर लेना ! दे० 'गटकना'। गड़काना'. क्रि० स० [अनु० गड़क ] १ गड़ गड़ शब्द उत्पन्न __ करना। गड़गड़ाना। २ डांटना। ३. धमकाना । डराना। गड़काना-क्रि० स० [अ० गर्क] डुबोना। शरावोर करना । गड़क्का संज्ञा पुं० [अ० गक ] डुवाव । २. डूबने का शब्द । गड़क्का -संज्ञा पुं० [अ० ग] दे० 'गड़क्क । गड़गड़-संग्मा पुं० [अनु०] १. गड़गड़ शब्द जो हुक्का पीने के समय या सुराही से पानी उलटने के समय होता है। २. पेट में होनेवाला गड़गड़ शब्द । गड़गज संज्ञा पुं० [हिं०] दे० 'गर गज' । गड़गड़ा-संचा पुं० [अनु०] १ एक प्रकार का हुक्का । २. बड़ा हुक्का। गड़गड़ाना-क्रि० अ० [हिं० गड़गढ़ ] गरजना । गड़गड़ गड़गड़ । करना। फड़कना । जैसे,—आज सवेरे से बादल गड़गड़ा गड़गड़ी-संशा श्री० [हिं० गड़गड़] नगाड़ा। दुग्गी। उल-टोल : दमामा गढ़गड़ी शहनाई पो तूर । तीतो निकसि न बाहर साधु सती श्री सूर 1---कावीर (शब्द०)। . .. गडगूदड़-छा पुं० [अनु० गूदड़] चियड़ा। लत्ता। उ०-लखनऊ- .. वालों का पहनावा जनाना है, पाजामे की मोहड़ियाँ इतनी चौड़ी रखते हैं कि उठावें तो सिर तक पहुंचे और पगड़ियों का . घेरा इतना बड़ा कि छतरी का भी काम न पड़े, बोझ में तो. . छोटी मोटी गठरी से कम न होगी, बरन् कहीं खुल जाये तो . अंदर से गडगूदड़ का ढेर इतना निकल पड़े कि एक टोकरी । भरें।-(शब्द०)। गड़च्चा -संशा पुं० [देश०] १. धमकी । घुड़नी । २. दबोच । ३.चकमा। . गड़हार - वि० [सं० घटन+-हिं० हार] गढ़नेवाला । मूर्तिकार ! - उल-जे एइ मरति साचि है तो गड़हारे खाउ ।—यावीर ग्रं॰, पृ० ३०५। गड़दारसंशा पुं० [हिं० गड़+दार ] वह नौकर जो मस्त हाथी । के साथ साथ भाना लिए हुए चलता है और जब हाथी इधर . उधर अपने मन से जाना चाहता है तब उसे भाले से मारकर राह पर ले चलता है। उ०—(क) अली भनी नबना हिल... पिय पं साजि सिंगार। ज्यों मतंग अडदार को लिए जात' गड़दार मतिराम (शब्द०)। (न) अरे ते गुसलखाने बीच ऐसे उमरा ले चले मनाय महाराज शिवराज को । दाबदार , निरपि रिमानो दी दलराज जैसे गड़दार अददार गजरंज को। -भूपण (शब्द०)। गड़ना-क्रि० प्र० [सं० गत, प्रा० गड्= गवा] १ घुमना । । घुसना । चुभना । जैसे,कांटा गढ़ना। उ०-वरकै छबि . पानि गड़ी उर में नृप रावन मैन रमै कसक ।-गुमान । (शब्द०) । २. शरीर में चुभने को सो पौड़ा पहचाना। . खुरखुरा लगना । जैसे,- पीठ के नीचे कंकड़ पड़ रहे हैं। ३. : दद करना । पीड़ित होगा। विशेप--इस अर्थ में 'गड़ना' केवल 'आंख' और 'पैट' के साथ पाता है । जैसे,--खि गड़ रही है । पेट गड़ता है। .. ४. मिट्टी प्रादि के नीचे दबना । दफन होना। नीचे पड़ जाना। जैसे,—जमीन में गड़े पत्थर निकाल लो। मुहा०-गड़े मुर्दे उखाड़ना=दबोदवाई या पुरानी बात उभाड़ना। ५. समाना । पैठना । 3- क्यों न गडि जाह गाड़ गहिरी गड़त . . जिन्हें गोरी गुरुजन लाज निगड़ गड़ाइती 1-- देव (शब्द०)। मुहा०-गड़ जाना-झपना । लज्जित होना। लजाना । जैसे.-.: तुम तो वेहया हो दूसरा कोई होता तो गड़ जाता। लज्जा ग्लानि प्रावि से गड़ना : लज्जा अादि से दष्टि नीची करना। उ०-देखि भरत गति सुनि मदुवानी । सब सेवक गन गरहि गलानी ।-तुलसी (शब्द०)। ६. खड़ा होना। भूमि पर ठहरना । जमीन पकड़ना । जैसे- झंडा गड़ना, खीमा गड़ना । उ०-भूनेहू गाहि विलोकत ही .. गड़ि गाढ़े रहें आति ही दृग दू पर।-(शब्द०)। ७. जमना। . गडगडाना-क्रि० स० गड़गड़ बोलना । गड़गड़ शब्द निकालना। गुड़गुड़ाना । जैसे,—वे दिन भर बैठे बैठे हुक्का गड़गड़ाया . . करते हैं.। गड़गड़ाहट-संज्ञा स्त्री० [हिं० गड़गड़ाना] १. गड़गड़ाने का शब्द । गराड़ी घूमने, गाड़ी चलने या वादल गरजने आदि का शब्द । कड़क । २. हुक्का पीने का शब्द ।