पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१५९

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'१२३६ गरमाना गरबहेला • गरगहेला-वि० [हिं गरव+गहेला ग्रहण करनेवाला] [वि० . . ० रव गहेली] जिसने गर्व धारण किया हो। गर्वीला। - -(क) तू गज नानिनि गरबगहेली। अब कस आस छाँडु ... तू वेली ।---जायसी (शब्द०)। (ख) जानत गरवगहेली सर्व छपी मन लाजि । जायसी ग्रं०, पृ० १३३ । रखना- क्रि० अ० [सं० गर्व से यायिकमातु] गर्व करना । - अभिमान करना। शेखी करना । उ०-इहि वहीं मोती सुगय तु नय नरवि निसांक । जिहि पहिरै जग दृग ग्रसति लसति लसति हनति सी नाक ।-बिहारी (शब्द०)। .. गखहियाँ@--संशमी० [हिं०] दे० 'गलवाही' । ३० वैठी जदपि . विमाननि महिवां। अपने पतिन सोंदै गरबहियाँ-नंद - ग्रं॰, पृ० २६५ गरवा-संशा पुं० दिश०] १. एक प्रकार का गीत जो प्रायः गुजराती . .. स्त्रियां गाती है। २. एक प्रकार का नृत्य जो रंगीन और . दिदार घड़े के अंदर दिया 'रखकर इसके चारों और गोन धेरे में किया जाता है। ' गरवाना -मि० अ० हि० गरवना का प्र० रूप 1 घमंड में आना। अभिमान करना। शेखी करना।जा तन देखि मन में गरवाना। मिलि गया मादी तजि अभिमाना।- ... संतवानी०, भा॰ २, पृ० १२।। गरवित -वि० [हिं०गरव+इत (प्रत्य॰)] दे० 'गवित' । ३०- ... तिनसों मिलि डोलें करें कलोल गरबित बोले बाम .... जहाँ।-हम्मौर०, पृ०८। .. गरवीजना / क्रि० अ० [हि ग रय] गरब युक्त होना। गर- .. बाना । उ०-तांता तणकाराह, गाणां क्यों गरबीजिया ।--- वाँकी० ग्रं, भा० ३, पृ० १२ । गरवाला-वि० [हिं गरव+ईला प्रत्य०] जिसे गर्व हो । घमंडी। अभिमानी। उ०-गरवीलन के नरवनि ढाहै। गरवाहारी - दिरद निवाहै। लाल (शब्द०)। गरभ'-संहा पुं० [सं०] १. दे० 'गर्भ'। २. भीतर। अंदर । गर्भ। उ.--समी गरम में अनल ज्यों त्यों तेरी पिय संत ।- . 'शकुंतला, पृ० ६७ । गरम @1-संशा पुं० [ सं० गर्व हि० परव, गरम] २० 'पर्व' । गरभदान--संशा पुं० [सं० गर्भाधान गर्भाधान के लिये ऋतुप्रदान। गरभवास संज्ञा पुं० [सं० गर्भवास] गर्न के अंदर रहने की स्थिति। उ-गरभवास अति प्रास, अधोमुख, तहां न मेरी सुधि " -बिसरी। -सूर०, ११११६।। गरभाना-कि अहि . गर्भ से नाविक धातु] १. गर्मिणी . होना । गर्भ से होना । २. धान, गेहूं आदि के पौधों में बाल गरमौ] १. जिसके छूने से जलन मालूम हो । जलता हुआ। तप्त । तता । उम्ण । क्रि० प्र०करना । होना। यौ०-गरमागरम =(१) तत्ता। उप्ण। (२) ताजा पका हुग्रा। विशेष—इसका प्रयोग साधारणतः खाने पीने की वस्तुओं के लिये होता है । जैसे,—ारमागरम पूरी, हलुवा आदि; पर अलंकार से गरमागरम खवर (ताजी खवर), गरमागरम बहस या बात (म्पावेश या जोश भरी वात, आदि ) भी बोलते हैं। मुहा०-गरमचोट=तुरंत की लगी चोट । ताजा घाव । जैसे- गरम चोट मालूम नहीं होती। गरम मामला=हाल की वात । ऐसी घटना जिसका प्रभाव लोगों पर बना हो । जैसे,—अभी मामला गरम है' जो करना हो सो कर डालो । गरम पानी वीर्य । शुक्र—(बाजारी)। गरम सर्द उठाना, देखना या सहना=संसार का ऊँचा नीचा देखना । भले बुरे दिन काटना । २. तीक्ष्ण । उग्र । खरा। मुहा०-मिजाज गरम होना=क्रोध पाना। गरम होना- आवेश में आना । ऋद्ध होना । जैसे,--तुम तो जरा सी बात में गरम हो जाते हो। ३. तेज । प्रबल । प्रचंड । जोर शोर का । जैसे,—गरम खबर । मुहा० किसी चीज (प्रायः नाव ) का बाजार गरम हो= मुह किसी बात की अधिकता होना । जैसे,—आजकल लूट का बाजार नरम है। ४. जिसका गुण उपण हो । जिसके व्यवहार या सेवन से गरमी बड़े । जैसे-लहसुन बहुत गरम होता है। यौ०-गरम कपड़ा-शरीर गरम रखनेवाला कपड़ा। जाड़े का कपड़ा । ऊनी कपड़ा। गरम मसाला=सुगंध की वस्तु जो भोजन को चरपरा, पाचक और सुस्वादु करने के लिये उसमें पड़ती है । जैसे,—घनियाँ, लौंग, बड़ी इलायची, जीरा, मिर्च इत्यादि। ५. उत्साहपूर्ण। जोश से भरा। आवेशपूर्ण । उ०-परम धरमघर धरम करम कर सुरस गरम नर ।--गोपाल (शब्द०)। गरमाई-संशा श्री० [फा० गरम गरमी।–(पंजाव) । गरमागरमी-संज्ञा श्री [हिं० गरमागरम ] मुस्तैदी। जोश । सन्नद्धता । उत्साह । जैसे,- पहले तो बड़ी गरमागरमी थी; अब क्यों ठंडे पड़ गए। गरमाना-क्रि० अ० [हिं० गरम से नायिक धातु] १. गरम पड़ना । उष्ण होना। जैसे, अभी तो कांपते थे, प्रौढ़ने से जरा गरमाए हैं। महा.-टेंट या हाय गरमाना-टेंट या हाथ में रुपया पाना । पास में रुपया पैसा ग्राना। २. उमंग पर पाना । मस्ताना । मद में भरना । जैसे,-घोडो गरमाई है । ३. ग्रावेश में पाना । क्रोध करना । नाराज । होना। आगबबूला होना। भल्लाना । जैसे,—तुम तो जरा . लगाना। - - - - गरभी-वि० [सं० गी] अभिमानी। घमंडी। . .. गरमी २-वि०म० गरन+हि० ई (प्रत्य०)] गरवास । गर्भस्थ । ०-गरमी की यातना सुन ले रे भाई नव मास बंधन डारे ज्। दक्खिनी०, पृ० १५ . गरम-वि०[फा० गर्म, मिलानो सं० धर्म ] [ कि० गरमाना, संशा