पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१६८

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, गर्भाक गर्भचलन १२४५ गर्भचलन-संज्ञा पुं० [सं०] गर्भ में बच्चे का हिलना डोलना [को०] गर्भभवन-संज्ञा पुं० [सं०] १. वह घर जो बीच में हो। मध्य की गर्भच्युति--संञ्चा की० [सं०] १. गर्भपात । २. प्रसव किो०] ! ..... कोठरी । २. प्रसूतिकागृह । सौरी। गर्भज-वि० [सं०] १. गर्भ से उत्पन्न । संतान । २. जो जन्म से गर्भमंडप, संज्ञा पुं॰ [सं० गर्भ मण्डप] १. गर्भगृह । २. शयनागार(को०] .. हो। जिसे साथ लेकर कोई उत्पन्न हो। जैसे, गर्भज रोग। गर्भमास-संशा पुं० [सं०] वह महीना जिसमें गर्भाधान हो। गर्भज गुण। . ..:. गर्भमोक्ष :- संज्ञा पुं० [सं०] प्रसव । जनन [को। . . गर्भजात-वि० [सं०] दे० 'गर्भज'। .. गर्भरा-संवा स्त्री॰ [सं०] प्राचीन काल की एक प्रकार की नाब। गर्भद-वि० [सं०] गर्भ देनेवाला। जिससे गर्भ रहे। . विशेष—यह ११२ हाथ लंबी, ५६ हाथ चौड़ी और ५६ हाय " गर्भद-संज्ञा पुं० पुत्रजीव वृक्ष। । ऊची होती थी और नदियों में चलती थी। गर्भदा-संशा स्त्री० [सं०] सफेद भटकटया । गर्भलक्षण-संवा पुं० [सं०] गर्भ के सूचक चिह्नको]। .... गर्भदात्री--संज्ञा स्त्री० [सं०] श्वेत कंटकारि । सफेद भटकटैया । गर्भवंत ५-:-वि० स्त्री० [हिं०] गर्भ धारण करनेवाली । गर्भवती। गर्भदास-संज्ञा पुं० [मं०] वह जो जन्म से दास हो । दासीपुत्र । उ०-गर्भवंत होती तिहि नारी। इंद्र अवाज मुनी अधि- - गर्भदिवस-संज्ञा पुं० [सं०] १. गर्भ का समय । गर्भकाल । २. , ' कारी।-कवीर सा०, पृ०५४६ । : । . .. .... बृहत्संहिता के अनुसार १६५ दिन का काल जिसमें मेघ का गर्म । गर्भवती वि० स्त्री० [सं०] जिसके पेट में बच्चा हो। गर्भिणी। होता है । यह समय प्रायः कार्तिकी पूर्णिमा के बाद आता है। ...गुर्विणी .. . .. गर्भद्र त-संज्ञा पुं० [सं०] पारे का तेरहवाँ संस्कार जो शुद्धि के लिये - गर्भवध-संज्ञा पुं० [सं०] गर्भ का विनाश । भ्रूणहत्या [को० . किया जाता है। गर्भवासं-संज्ञा पुं० [सं०] १. गर्भ के अंदर की स्थितिः।..२.. गर्भद्र ह-वि० [सं०] जो गर्भ रहने का विरोधी हो । जो गर्भाधान गर्भाशय । . . . न चाहे। गर्भव्याकरण-संज्ञा पुं० [सं०] १. निकित्सा शास्त्र का वह अंग .. गर्भद्र हा-वि० [सं०] (स्त्री) जो गर्भधारण की विरोधिनी हो। जो गर्भ धारण करना न चाहती हो । जो गर्भ गिरावे । ।

: जिसमें गर्भ की उत्पत्ति तथा वृद्धि आदि का वर्णन होता
है। २. गर्भ की स्थिति और वृद्धि (को०)।

गर्भध-वि० [सं०] गर्भ धारण करानेवाला। गर्भधरा-वि० खौ० [सं०] गर्भ धारण करनेवाली । गर्भवती [कोना गर्भव्यूह-संज्ञा पुं॰ [सं०] युद्ध में सेना की एक प्रकार की रचना। गर्भधारण-संज्ञा पुं० [सं० गर्भ होने की अवस्था की विशेष इसमें सेना कमल के पत्तों की तरह अपने सेनापति या. गर्भन-वि० [सं०गविन्धमंडी। गर्वयुक्त । गर्वर अभिमानी।30- . . .. रक्ष्य वस्तु को चारों ओर से घेरकर खड़ी होती और .. ... लड़ती थी।... __ अति प्रचंड बल संड गर्भ गर्भन डर छंडहि।-पृ० रा०, पार। .. गर्भनाड़ी-संज्ञा स्त्री० [सं० गर्भ नाड़ी ] सुश्रुत के अनुसार गर्भाशय ___ गर्भशंकु -संज्ञा पुं० [सं० गर्भशंकु] चिकित्सा शास्त्रानुसार एक . . प्रकार की सँड़सी। ...... . ..... की एक नाड़ी जिससे गर्भधारण होता है। गर्भनाल-मंधात्री० [सं०] फूलों के अंदर की वह पतली नाल जिसके विशेष: इससे. मरे हुए बच्चे को पेट के अंदर से निकालते हैं।... सिरे पर गर्भकेसर होता है। ..." ...... - इसके मुह का घेरा पाठ अंगुल का होता है....... गर्भशय्या-संज्ञा स्त्री० [सं०] गर्भ की उत्पत्ति का स्थान। विशेष-इसी गर्भकेसर और परागकेसर के संमिश्रण से फलों गर्भसंधि-संज्ञा स्त्री० [सं० गर्भसन्धि.] नाटय शास्त्र के अनुसार : और बीजों की पुष्टि और बृद्धि होती है। ... , पाँच प्रकार की संधियों में से एक।. ..' गर्भनिसव--संज्ञा पुं० [सं०] वह झिल्ली आदि जो, बच्चे के उत्पन्न गर्भस्थ-वि० [सं०] जो गर्भ में हो। जिसका जन्म होनेवाला हो। . होने पर पीछे से निकलती है। जैसे-आँवर, खेड़ी। गर्भस्थली संज्ञा स्त्री० [सं०] गर्भाशय । गर्भपत्र--संहा पुं० [सं०] १. कोमल पत्ता। गाभा । कोंपल । २. गर्भस्राव-संज्ञा पुं० [सं०]: चार महीने के अंदर का गर्भपात जिसमें .. . फूल के अंदर के पत्ते जिनमें गर्भ केसर रहता है। गर्भनाल । रुधिरादि गिरता है। . . ......... गर्भपाकी-संज्ञा पुं० [सं०] साठी धान । । विशेष-इस अवस्था में शास्त्रानुसार जितने महीने का गर्म होता. : . गर्भपात-संशा पुं० [सं०] १. गर्भ का पाँचवें या छठे महीने में गिर . है, उतने दिनों तक सूतक लगता है, जिसे गर्भलाव शौच... जाना । २. गर्भ का गिरना । पेट के बच्चे का पूरी बाढ़ के कहते हैं। . ..... .. । पहले निकल जाना। . गर्भस्रावी'- संज्ञा पुं० [सं० गर्भ स्त्रादिन् ] हिताल नामक वृक्ष, जो क्रि० प्र०- करना । होना। क्रि० प्र०--करना -हाना। . . . .... .: .... एक प्रकार का ताड़ है । ...... .......... . । गर्भपातक-संज्ञा पुं० [सं०] लाल सहिजन । रक्त शोभांजन। गर्भनावो-वि० गर्भपात करने या करानेवाला [को०)। " गर्भपातन-संज्ञा पुं॰ [सं०] १. पेट गिराना । गर्भहत्या । २.रीता। गर्भहत्या संज्ञा श्री० [सं०] भ्र राहत्या । गर्भपात ।.. : गर्भपातिनी-संशा स्त्री० [सं०] १. कलिहारी। कलियारी। २. गीक--संज्ञा पुं० [सं० गर्भाङ्क ] नाटक के अंक का एक अंश जिसमें विशल्या नामक प्रोपधि। . केवल एक दृश्य होता है। ..... ....::.: