पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१७४

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गलहस्त्य गला ... गलहस्त्य-संज्ञा पुं० [सं०] अर्धचंद्र या गर्द नियाँ देना [को०। गलहार-संवा पुं० [सं०] गले का हार । कंठहार । उ०-जानता गलहार है जंजीर को भी।-मिलन०, पृ०३० । गलही-संशा स्त्री॰ [सं० गला+ही (प्रत्य०) ) नाव का वह अगला और ऊपर का भाग, जहाँ उसके दोनों पाव भाकर समाप्त होते हैं। गलांकुर--संवा पुं० [सं० गक्षाङकुर] एक प्रकार का रोग जिसमें गले का कौवा बढ़ जाता है [को०] । गला-संशा पुं० [सं० गलक, प्रा० गलन] १.शरीर का वह अवयव जो सिर को धड़ से जोड़ता है। गरदन । कंठ। विशेप-इसके अंदर एक पतली नाली रहती है जिससे होकर भोजन किया हुआ पदार्थ तथा श्वास द्वारा खींची हुई वायु पेट में जाती है। नाभिमूल से नाद के साथ उठी हुई वायु इसी में से होकर मुख के भिन्न भिन्न स्थानों में टकराती हुई भिन्न भिन्न प्रकार की ध्वनि उत्पन्न करती है । यौ०- गलाफाड़। गलेबाज । गलवाही। मुहा॰—गला पाना=गले के अंदर छाला पड़ना । सूजन होना । गला उठाना या गला फरना-बच्चों के गले में उगली डाल- कर या रूमाल बांधकर उनके बढ़े हुए कौवे को ऊपर को दबाना जिसमें वह अपने ठिकाने पर प्रा जाय । घंटी बैठाना। गला कटना-(१) गरदन कटना । धड़ से शिर जुदा होना । (२) अनुचित हानि पहुचना। किसी की विरुद्ध कार्रवाई से नुकसान पहुचना । गला कटवाना या कटाना=(१) लोगों के कहने से या अपनी इच्छा से कोई ऐसा काम करना जिससे अपनी बड़ी हानि हो। (२) जान देना । प्राण देना । गला काटना:- (१) गरदन काटना । धड़ से सिर जुदा करना । (२) अत्यंत कष्ट पहुचाना । बहुत दुःख देना । अन्याय करना । जैसे- यह लोगों का गला काट काटकर रुपया इकट्ठा कर रहा है। (३) सरन, बंडे आदि का गले के अंदर एक प्रकार को जलन और चुनचुनाहट उत्पन्न करना । गले के अंदर कनकनाना। जैसे- यह सूर न बहुत गला काटता है । (४) विरुद्ध कार्रवाई करके हानि पहुँचाना । बुराई करना । अहित करना । जैसे- जो पहले मित्र बनते हैं, वे ही पीछे गला काटते हैं । गला घुटना=दम रुकना। • अच्छी तरह सास न लिया जाना। गला घोंटना=(१) गले को ऐसा दबाना कि साँस रुक जाय । टेंट्या दवाना । (२) जबरदस्ती करना । जन्न करना । जैसे- गला घोंटकर कोई किसी से कबतक काम ले सकता है। (३) मार डालना। गला दबाकर मार डालना। गला चलना-कंठ से सुरीला स्वर निकलना । आवाज का सुरीला होना । जैसे-उसका गला खूब चलता है। गला छूटना-- पीछा छूटना। पल्ला छूटना । छुटकारा मिलना । निस्तार होना। किसी अरुचिकर या इच्छाविरुद्ध वात का दूर होना। बचाव होना । जैसे—उसको ५) दिए तव जाकर गला छूटा। गला छूटाना या गला छुड़ाना-पीछा छुड़ाना । पल्ला छुड़ाना । पिट छुड़ाना । बंचाव करना । किसी ऐसी बात को दूर करना जिससे चित्त झंझट, हैरानी, दबाव या दुःख में पड़ा हो। जैसे—(क) उसे कुछ देकर गला छुड़ामो । (ख) कल' वह रास्ते में मुझसे ऐसा उलझ पड़ा कि गला छुड़ाना कठिन हो गया । गला जोड़ना=(१) प्रीति या मैत्री प्रकट करने के लिये एक दूसरे के गले में हाथ डालना। मिलना । मैत्री. करना । (२) साथ देना । गला टोपना= दे० 'गला दवाना। गला दबाना=(१) मले को इतने जोर से पकड़ना कि ... साँस रकने लगे। (२) गला दबाकर मार डालना । (३) . जबरदस्ती करना । अनुचित दवाव डालना । जैसे—(क) .. उसने लोगों का गला दबाकर रुपया वसूल किया। (ख) । जव वह नहीं जाना चाहता, तब क्यों उसका गला दबाते हो। . गला पकड़ना=(१) गले में बैठना। किसी खाई हुई वस्तु का गले में चिपकना या रुकना तथा जल्दी नीचे न उतरना। . जैसे--सूखा सत्तू गला पकड़ता है। (२) कंठावरोध करना। कंठ से स्पष्ट शब्द न निकलने देना । गला पड़ना या बंठना- (१) गले के अंदर सूजन होने या कफ आदि रहने तथा जोर से बहुत बोलने.या. गाने के कारण शब्द मुह से स्पष्ट ... न निकलना या घबराहट के साथ निकलना । जैसे-रात भर. . गाते गाते इसका गला बैठ गया। (२) गले के अंदर सरदी के कारण छोटी छोटी गिलटियाँ निकलना जिससे खाने पीने ' ' में बहुत कष्ट होता है । गला फटना- गला दुखना । गले के . अंदर दर्द होना । जैसे-चिल्लाते चिल्लाते उसका गला फट.' गया। गला फैसना-बंधन में पड़ना । लाचार होना । मजबूर। होना । कोर दबाना । विवश होना । जैसे-जब प्रादमी का गला फंसता है, तब सब कुछ करने को तैयार हो जाता है। गला फंसाना=(१) दांव में कसना । बंधन में डालना। वशीभूत करना । (२) आपत्ति में फंसाना । संकट में डालना । मुश्किल में डालना । जबावदेही में डालना। ऋण आदि का बोझ ऊपर डालना । जैसे-हमारा गला फंसाकर याप चलते बने । गला फाँसना--दे० 'गला फंसाना' । गला फाड़ना=इतना चिल्लाना कि गला दुखने लगे। जोर भर - अावाज लगाना। जैसे वह इतना गला फाड़ फाड़कर चिल्ला रहा था, पर तुमने न सुना। (ख) क्यों व्यर्थ गला फाड़ते हो, वह नहीं बोलेगा। गला फिरना गले का तान और लय पर चलना । गले से स्वर का तान, स्वर और . गिटकरी के अनुसार निकलना । गला फूलना=उकता जाना। दम फूलना । गला बँधना=(१) मजबूर होना। बंध जाना। (२) विवश होना । गला बंधाना-दे० 'गला . फसाना' । गला. बाँधना=(१) बंधन में डालना। मजदूर . करना । (२) दे० 'गला. फंसाना'। गला वाँधकर घन जोड़ना-खाने पोने का कष्ट उठाकर धन इकट्ठा करना। गला रेतना=(१) अत्यंत कष्ट पहुंचाना । अधिक और असह्य दुःख देना । (२) अहित करना । बुराई करना। विरुद्ध कार्रवाई करके हानि पहुंचाना। गले का ढोलना- (१) गले का वोझ। (२) दे० 'गले का हार'। गले का बोझ.व्यर्य का भार । ऐसी वस्तु जिसका रहना बुरा लगता हो । गले का हार:=(१) इतना प्यारा (व्यक्ति या वस्तु) कि पास से कभी जुदान किया जाय। अत्यंत प्रिय । चिर