पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१७५

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१२५२ गलावट गला सहचर । जैसे इस समय वह राजा साहब के गले का हार दिया है। ३. मॅगरने, कुरते यादि की काट में कपड़े का वह हो रहा है। भाग जो गले पर पड़ता है। गरेवान । क्रि० प्र० करना। बनना। -बनाना । —होना। क्रि० प्र०-काटना ।-कता करना। (२) पीछा न छोड़नेवाला। लाल नचाहने पर भी सदा ४.बरतन का वह तंग या पतला भाग जो उसके मुहढे के नीचे पास में बना रहनेवाला, वह जो बोझ मालूम हो। जैसे- होता है। जैसे-घड़े का गला, लोटे का गला । ५.चिमनी . . पहले तो उसे परचा अच्छा लगा, अद वहीं गले का हार हो का कल्ला 1 वर्नर। गलाऊ वि० [हिं० गलना जो गल जाय । जो गल सके। गलने- त्रि० प्र०- करना ।-वनना। -बनाना-होना।। वाला । जैसे गलाक दाल । (वात) गले के नीचे उतरना या गले उत्तरना=(वात) मन में गलाकट्टी-संवा जी० [हिं० गला-काटना] गला काटना । भारी नाम बैठना । जी में जचना । ध्यान में माना। समझ में माना। नुकसान पहुंचाना । 30-मिलशाही सबकी गलाकट्टी कर स्वीकृत होना। जैसे---उसे इतना समझाया जाता है, पर रही थी।-मान०, भा० १, पृ. ३३० उसके गले के नीचे उतरता ही नहीं। गले उतारना=स्वीकार गलाना-क्रि० स० [हिं० गलना का सकर्मक रूप] १. किसी वस्तु के कराना। गले या गरे पड़ना %D(१) इच्छा के विरुद्ध प्राप्त संयोजक या यों को पृथक् पृथक् करके उसे नरम, गीला या होना। न चाहने पर भी मिलना । मत्ये पड़ना । जैसे-(क) द्रव करना । जैसे—पानी में बताशा गलाना, पांच पर सोना गले पड़ा ढोल बजाए सिद्ध । (ब) गए निमाज छुट्टाने, राजा . चांदी, रांगा आदि गलाना, खौलते पानी में दाल, चावल गले पड़ा । (२) सिर पड़ना । पाने याना । भ गर्ने या गलाना इत्यादि। .. सहने के लिये सामने उपस्थित होना । उ०-होती अनजान संयो० कि०-डालना।—देना । ... तो न जानती इतीक विया मेरे जिय जान मेरो जानिबो गरे २.नरम या मुलायम करना । पुलपुला करना । जैसे-यह दवा परयो। देव (शब्द०)। गले पर छुरी चलाना=अत्याचार फोड़े को गला देगी। ३. अणुओं को पृथक पृथक् करके किसी करना। उ०-वत्रसों पर छुरी बला करके, क्यों गले पर वस्तु को धीरे-धीरे लुप्त करना । बहुत थोड़ा थोड़ा करके क्षय छुरी चलाते हो। चुभते०, पृ० ३४ । गले पर छुरी फेरना- करना । जैसे-यह दवा निल्ली को गलाती है । ४. (रुपया) अहित करना । हानि करना । उ०—तो छुरी बेढंग आपस खर्च करना । जैसे--तुमने हमारा बहुत रुपया गलाया। में चला, नत गले पर जाति के फेरो छुरी 1-चुभत०, पृ० गलानि-संपाश्री० [सं० ग्लानि] १. दुःख या पछतावे के कारण ३५॥ (अपने) गले बाँधना=(१) संग लगाना । सिर पर खिन्नता। अपने किए का पछतावा या वेद। अपनी करनी ले लेना । (२) व्यर्थ पास में रखना । निष्प्रयोजन लिए पर लज्जा । उ०—(क) गरइ मलानि कुटिलि कैकेई। काहि रहना । जैसे—इस टूटे गिलास को लेकर क्या हम गले कहइ केहि दूषण देई 1- तुलसी (शब्द०)। (ब) तुम गलानि बांधेगे । (२) इच्छा के विरुद्ध किसी से विवाह करना। जिय जनि करहु; समुनि मातु करतूति । तात कैकाहि (दूसरे ) के गले बाँधना=दूसरे को इच्छा के विरुद्ध उसे दोष नहि, गई गिरा मति धूति ।-तुलसी (शब्द०)। देना । जबरदस्ती देना। दूसरे फेन चाहने पर भी उसे लेने २. खेद । दुःख । परिताप । उ०—(क) राम मुपेमहि पोपत के लिये विवश करना । जैसे-जब वह इसे नहीं लेना चाहता, बानी। हरत सफल कलि कलुप गलानी।—तुलसी (शब्द०)। तो क्यों उसके गले बाँधते हो। गले मढ़ना--(१) किती की (ब) अमर नाग मुनि मनुज सपरिजन विगत विपाद गलानि । इच्छा के विरुद्ध उसे देना । जबरदस्ती देना । जैसे-वह —तुलसी (शब्द०)। दूकानदार टूटी फूटी चीजें लोगों के गले मढ़ता है । (२) गलानिल-संवा पुं० [सं०] एक प्रकार की मछली [को०] । किसी की इच्छा के विरुद्ध उसपर फिसी कार्य का भार देना। गलार–संहा पु० [?] एक पेड़ का नाम । दूसरे के न चाहने पर भी उसे कोई काम सौंपना । (२) किसी की इच्छा के विन्द उसके साथ किसी को व्याहना। गलार'-वि० [हि० गाल] १. थोड़ी सी बात के लिये बहत अंडयंड बानेवाला । झगड़ान । गलबलिया। गप्पी । जैसे- बहकानी स्त्री उसके गले मढ़ी गई । गले मिलना गले पर हाथ रखकर यालिगन करना । गले लगना=(१) मिलना। मलारसा पु० जना पक्षा।। गलारा-संज्ञा पुं० [हि गली गलियारा । गली कूवा । 3०- गले मिलना । गले में हाथ डालना । (२) गले पड़ना । इच्छा नाम तेरे की ज्योति जगाई भए उजियार भवन गलारे।---- के विद्ध प्राप्त होना । गले लगाना=(२) गले मड़ना । दूसरे मन रदि०, पृ० १३०। की इच्छा के विरुद्ध उसे देना । दुसरे के न चाहने पर भी उसे लेने के लिये विवश करना । जैसे,-यदि ग्राप इसे नहीं गलारी-संवा श्री० [* गल्प, प्रा. गल्ल ] गिलगिलिया नान फी लेना चाहते, तो कोई आपके गले नहीं लगाता है। (3) चिड़िया। " प्य र से मिलना या भेंटना । (३) यात्मीय बनाना । गलावट-संघा की [हिं० गला--बट (प्रश्वालने का अपनाना। या किया । २. यह वन्नु जो दूसरी वस्तु को गलाये । जैसे- ....२, गले का स्वर । कंठस्वर । जैसे-उसे भगवान ने अच्छा गला सोहागा, नौनादर प्रादि।