पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१९४

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मादह १२७१ गादहल-संभा० [सं: गर्दन, प्रा० गद्दन, गबह] दे० 'गदहा। जैसे,-गीत गाना, मलार गाना। २. मधुर ध्वनि करना। 7- कान्हर गोड़द हुपद गादह दीजइ दम ।~-टोला०, जैसे,—तुती का गाना, कोयल का गाना। ३. वर्णन करना। विस्तार के साथ कहना। उ०--द्विजदेव जू देखि अनोबी प्रभा गादा-मंधा (सं० गाश-दलदल] १. रोत का वह सन्न जो चतिचारन कीरति गायो करें। चिरजीवो वसंत सदा द्विजदेव माही तरह न पना हो । अधपका अन्न । गदर । जैसे,-मटर प्रसूनन की झरि लायो करें।--द्विजदेव (शब्द०)। का नादा, बाजरे का नादा । २.वै पकी फसल । कच्ची फसल । मुहा०--अपनी अपनी गाना=अपनी अपनी बात सुनाना। अपना ३. मए का फल जो पेड़ से टपका हो। उ०--गुर गोरस दुबड़ा रोना। अपनी ही गाना अपनी ही बात कहते जाना। मनुमा पर गादा । एन?' का मुह धोई दादा--लोकोक्ति । अपना ही हाल रहना । अपना ही विचारप्रकट करना। अपने ४. हा नमा। ' ही मतलब की बात करना । जैसे, तुम तो अपनी ही गाते हो, गादी--संधश्री. हि गद्दी] १. एका पकवान का नाम । यह एक दूसरे की सुनते नहीं। छोटी टिकिया होती है जिसमें इलायची, चिरोंजी और गरी . ४. स्तुति करना । प्रशंसा करना। बखान करना। जैसे,-को .. . मिलाकर पूर भरा रहता है। २. दे० 'गद्दी' । उ०-गह घरतो सब लोग उसका गुन गाते हैं । (ख) वह जिससे पाता है, । - रिणमल जिरा गादी। वित्रहिया मागे समवादी ।-रा००, उसकी गाता है। उ०—(क) गाइये गणपति जगवंदन।- तुलसी (शब्द०)। (ख) द्विजदेव जू देखि अनोखी प्रभा ..। गादुर-संधा यु० [सं० कातर, प्रा० कादर : डरपोक] चमगादर । अलि चारन कीरति गायो करें।-द्विजदेव (शब्द०)। • उ--पानी रहे मच्छ यो दादुर, टांग रहे बने मह गादुर ।- मुहा०--गाना बजाना=ग्रामोद प्रमोद करना। उत्सव मनाना। संदरिया, पृ०६। जैसे,-सब लोग गाते वजाते अपने घर गए। .. गाथ-संचा पुं० [सं०] १. स्यान। जगह। २. जल के नीचे का गाना - संधा पुं०१. गाने की क्रिया । गान । २. गाने की चीज। । . स्थल । याह। ३ नदी का बहाव । फल । ४.लोम | लिप्सा। गीत । जैसे,---कोई अच्छा गाना सुनायो। । गाध-वि०वि० सी० गापा] १.जिसे हलकर पार कर सकें । जो गानिनी, गानिली--संश क्षी०म० वच। पहूत गहरा न हो। छिछला । पायाव । २. थोड़ा। स्वल्प। गाना-वि० [सं० मानिन्] १. गानवाला । जानवाला [का जैसे,- तो गति अगाध सिंध, नाल मति मेरी वह असाधता गाफला-वि० [अ० गाफिल] दे० 'गाफिल' । उ०--अकबर साह । को राधे अपराध सिंधु मा कीजिये। देव (शब्द०)। गाफल गुमान सू भास्यो । तहवर खांन हाथ सद राजवोझ , गाधा-संशा सी० [सं०] गायत्री स्वल्पा महादेवी। धारयो ।-रा० रू०, पृ० १०१ । गाधि--संश पुं० [सं०] विश्वामित्र के पिता का नाम । ..... गाफिल-वि० [अ० गाफिल] [संज्ञा गफलत] १. बेसुध । वेखवर । । । विशेप-- कुविक राजा के पुत्र थे। हरिवंश में लिखा है कि २. यसावधान । बेपरवाह। . मुशिया ने इंद्र के समान पुत्र प्राप्त करने के लिये तपस्या की गाव--संक्षा पुं० [देश॰] एक पेड़। सब इंद्र प्रशले विश्वामित्र उत्पन्न हुए। विशेप-इसके फल के एक प्रकार का चिपचिपा रस निकलता है । । यौल-गापिनगर । गाधिपुर । गाधिनंदन । 'गाधितनय । गाधि जो नाव के पैदे में लगाया जाता है और जाल में मांझा देने के . । . पुष ! गाभिमुग्रन। काम में आता है। गाधिपुर-रांशा पुं० [सं०] कान्यकुब्ज । कन्नौज । गावर -संज्ञा पुं० [सं० गज+वर, प्रा० गय-+वर] दे० गयर। | गाधर--संधा[सं०] विस्वामित्र . उ०-उपट्ट घटें गावरं तुंड तुटू -पृ० रा०, १। ४५४) । गाधया-संपा क्षी० [सं०] गाधि की कन्या सत्यवती जो भार्गवपुत्र गावलीन-संवा श्री० [अं० केबुल+लेड] एक अौजार जिस । - चीन को पत्नी थी। जहाज पर पाल चढ़ाया जाता है । सिंजालपारी। . .... गान---- [सं०] [वि० गेम, तप] १. गाने की किया। विशेप--इसमें चरम पर चढ़ी हुई एक मोटी रस्सी होती है, जा . उगीत । नाना। झटके से ऊपर चढ़ती है। 'यो०-- मानविद्यासंगात काला। गाभा पुं० [सं० गर्न, पा० गन] १.पशुओं का गर्भ । २. गाने की चीज । गीत । ३. ध्वनि । पावाच । शब्द (को०)। महा---गान डालना=(१) गर्भ गिराना। गर्भ फेंकना । बच्चा । ४.स्तवन । प्रशंसन । बयान (को०)। ५. गनन । चलना oि दालना । (२) अत्यंत भयभीत होना। गानना - किस गान गाना। गान करना । - २.दे.गाभा' । ३. चरतन का सांचा जिसपर गोबरी को तह न । संफर भीक मानद सारद नारद गाना। ताही सर्व जगतगुरु चढ़ाई गई हो। ४. वृक्ष, पेड़ आदि का हौर। 30-(क) । गॉगिन गु मान:- नंद० ०,१०४१। चंदन गाभ की भुजा संवारीजनों सो बेल कमल पीनारी |- | नाना'- गान] १. बाल, स्वर के नियम के अनुसार 'जायसी (शब्द०)। (ख) माय जुरी. भौरन की पाती। इस्चारण करना। यातार गाय शनि निकालना। चंदन गाभ वास की मांतो।जायसी (शब्द०)।