पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/१९७

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गारना १२७४ ... गारत्मत: - हवालात में देना । हाजत में करना। पहरे में करना । गारद गारित्र-संज्ञा पुं० [सं०] धान्य । चावल । कि० , ...: .. में देना हवालात में बंद करना। गारद में रखना = पहरे गारिय -संज्ञा ली [सं० गालि] दे॰ 'गाली' । उ०-यारिय सुदीन में रखना । हवालात में रखना । नजरबंद रखना। ___ उग्गार हत्य, विरच्यो तु वाहि पत्थर समय ।—प० गारना-क्रि० स० [सं० सालन=निचोड़ना] १. दवाकर पानी रातो, पृ०४०। - या रस निकालना। निचोड़ना । उ०-गीले कपड़े उसने देह गारी--संवा स्त्री० [सं० नालि] १. गाली । दुर्वचन । उ-नारी से उतारे, उनको भली भांति गारा, देह को पोंछा; पीछे उन्हीं गारी विनु नहिं बोले पूत कर कलकानी । घर में आदर कादर " कपड़ों को पहन लिया |----अयोध्या (शब्द०)। २. (दूध) . को सों खीझत रैन विहानी।-सूर (शब्द०)। २०. कलंक- जनक आरोप । चरित्र संबंधी लांछन । . दूहना । जैसे, गाय गारना । ३. पानी के साथ घिसना जिसमें -.....उसका अंश पानी में मिले । जैसे,-चंदन गारना । उ०—बिन मुहा०-गारी प्राना, पड़ना, लगना-कलंक लगना। लांछन लंगना । दाग लगना । बदनामी होना । उ०—लोचन लालच

. ग्रोसर न सुहाय तन चंदन लीप गार। औतर की नीकी

• लगे मीता सौ सौ गार !--रसनिधि (शब्द०)। @ ४. भारी। इनके लए लाज या तन की सर्व श्याम सों हारी। वरजत मात पिता पति बांधव अर ग्रावै कुल गारी । तदपि निकालमा । त्यागना । दुर करना । उ०-मार दई अरविंदन रहत न नंदनंदन बिनु कठिन प्रकृति ह धारी ।—सूर की तऊ मानत नाहिं न ओगुन गारे । गारी दई पछितानि (शब्द०)।गारी देना= दे० 'गारी वकना'। उ० - चंगुल भरी अव. लाज गहो कछु नं ददुलारे।--(शब्द०)। गारना@--क्रि० स० [सं० गल ] १. गलाना । घुलाना। चेहरा खइलन खेत । बुलबुल अइलन गारी देत । ए बुलबुल मुहा०--तन या शरीर गारना: शरीर गलाना । शरीर को कप्ट तू काहे गारी देलऽ अपने खेत क भूसी लऽ हमरी मजूरी देना । तप करना । उ०—बज युवतिन मनहरयो कन्हाई।- दs ( बच्चों के गीत )। गारी बकना-अपशब्द, अश्लील ... रास रंग रस मन तचि पान्यो निसि वन नारि बुलाई। तव शब्द कहना। लांछित करना। गारी लगाना-कलंकित - तन गारि बहुत श्रम कीन्हों सो फल पूरन दैन । वेनुनाद रस करना । दाग लगाना । वि० दे० 'गाली। ३. एक गीत जो विवाह आदि में स्त्रियाँ भोजन के समय गाती • विवस कराई सुनि धुनि कीनो गौन 1-सूर (शब्द॰) । १. नष्ट करना । वरवाद करना । खोना । उ०-ग्राछो गात हैं । उ०--जेंवत देहिं मधुर धुनि गारी । ले ले नाम पुरुप अरु नारी ।—तुलसी (शब्द०)। - अकारथ गारयोः। करी न भक्ति श्यामसुदर सों जन्म हुआ क्रि० प्र०-गाना।—देना । ... ज्यों हारयो । -सूर (शब्द०)। गारमेली--संज्ञा स्त्री॰ देश०] एक प्रकार का जंगली फालसा । गारुड़-संज्ञा पुं० [सं० गाड] १. जिस मंत्र का देवता गरुड़ हों। साँप के विप उतारने का मंत्र। उ०--यावति लहरि ... विशेष-- इसका पेड़ बहुत छोटा होता है और यह उत्तर और पूर्व भारत तथा हिमालय की तराई में चार हजार फीट की विरहा की को हरि वेगि हकार। सूरदास गिरिधर जो - .... ऊँचाई तक होता है । इसकी छाल भूरे हरे रंग की होती है प्रावहिं हम सिर गारुड़ डा।--सूर (शब्द०)। २. सेना की .. और इसकी डालियों के रेशे से रस्तियाँ बनाई जाती हैं। यह एक व्यूहरचना जिसमें सेना को गरुड़ के आकार की बनाते हैं। इसे गण्डव्यूह भी कहते हैं । ३. मरकट । मरिण । पन्ना। ४.

कातिक, अगहन में फूलता और पूस से वैसाख तक फलता है।

सुवर्ण । सोना। ५. एक अस्त्र का नाम । गारुत्मक । ६. गरुड़ ..... फल देहातियों के खाने के काम पाता है । पुराण। - गारहस्थ-संचा पुं० नं० गार्हस्थ्य] गार्हस्थ्य । गृहस्थी । उ०- गारुड़-वि० [वि० बी० गाडी] गल्ड़ संबंधी। गरुड़ का । केचित् गारहस्य व भाँती। पुत्र कलत्र बंधै दिन राती। गाड़ि-संणा पुं० [सं० गारुडि] १. संगीत शास्त्र में पाठ प्रकार के .. -सुंदर० ग्रं॰, भा॰ १, पृ० ८६। तालों में से एक। २. गारड़ी। उ०-तब सरूप गारुड़ि - गारा'-संज्ञा पुं० [हि० गारना] मिट्टी अथवा चूने, सुर्थी आदि को रघुनायक मोहि जियाएउ जन सुख दायक । —मानस,६।६३ । . पानी में सानकर बनाया हया लसदार लेप जिससे ईटों की गारुड़िक-संचा पुं० [सं० गाडिक] १. साँप का विश झाड़नेवाला। ... जोड़ाई होती है। गारुडी। २. मंत्र से सांप पकड़नेवाला । सपेरा। - यौo-चने गारे का काम पलस्तर का काम । गच का काम। गारुडी-संज्ञा पुं० [सं० गाडिन ] मंत्र से सांप का विप उतारने- ५. गाग'--संवा पुं० [देश॰] संकीर्ण जाति का एक राग जो दोपहर को वाला । साँप झाड़नेवाला। उ०-(क) चले सब गारुडी

गाया जाता है।

पछिताइ । नेकहू नहिं मंत्र लागत समुझि काहु न जाइ ।---- ...गारा-संशा पुं० [देश॰] वहनीची भूमि जिसमें पानी बहुत दिन नटिके। सूर (शब्द०)। (ख) डसी री माई श्याम भुअगम कारे। . गारा कान्हड़ा-संथा पुं० दिश] संपूर्ण जाति का एक राग जो ग्रानहु बेगि गाड़ी गोविंद जो यहि विपहि उतार।-सर - . संध्या के उपरांत गाया जाता है। (शब्द०)! २. साप पकड़नेवाला । सँपेरा । ... गारि---संज्ञा स्त्री० [सं० नालि] दे०. 'गालि' । उ०-दीपक जोर गारुत्मत'-संवा पुं० [सं०] १. मरकत । पन्ना। २. गडजीका लै चली बाट मैं, छवि. सों बड़ो करि देति गारि ।-नंद० यस्त्र । गारुड़। .. .:: ०, पृ० ३५३ । . ... गारुत्मत-वि० गई संबंधी या गरुड़ का।