पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/२०३

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दिौरा १२८० .. विशेप---इसका व्यवहार प्रायः विवाह ग्रादि शुभ कार्यों में मुहा०-गिटपिट करना=()टी फूटी या साधारण मंगनी।। '... बिरादरी में बांटने के लिये होता है। भाषा बोलना । (२) किसी बात का साफ साफ न कह पाना । गिदौरा --संज्ञा पुं० [हिं० गिदौड़ा][त्री गिदौरी] दे० 'गिदौड़ा'। यौ०-गिटपिट बानो, गिटपिट बोली, गिटपिट नापा 3 उ०- पेठापाक जलेवो पेरा। गोंद पाग तिनगरी गिदौरा।- अंगरेजी। ... सूर (शब्द०)। गिट्ट -संवा पुं० [हि गिट्टा ] भाग। खंड ! उ०--एक नाली गिमारल-वि० [हिं० गमार, गॅवार] दे० 'गधार' । उ०-मारवरणी दुइ गिट्टे करें ।प्राण, पृ०२४ । तू अति चतुर, हीयइ चेत गिमार । डोला०, दू०६३ । गिट्टक'-संवा ली [हि गिट्टा] १. चिलम के नीचे रखने का ..गिवानल-संक्षा पुं० [सं० ज्ञान] दे० 'ज्ञान' । उ०-एहि बिधि कंकड़ । २. चुगल । ३. लकड़ी या लोहे ग्रादि का छोटा .. . . चीन्हहु करहु नियान-जायसौ ग्रं० (गुप्त), पृ० १२५ । और मोटा टुकड़ा। गिउ-संज्ञा पुं० [सं० ग्रीवा] गला । गरदन । उ०-अब जो फांद गिट्टकर--संधा पुं० [अनु०] गिटकिरी लेने में स्वर या ताम का ... परा गिउ, तब रोए का होय ?--जायसी (शब्द॰) । वह सबसे छोटा भाग जो केवल एक कंप में निकलता . . गिचपिच-वि० [अनु०] १. जो साफ या क्रम से न हो । एक में है। दाना ।--(स गीत)। मिलजुला । अस्पष्ट । २. बहुत सटाकर लिवा हुना। गिट्टा-संश पुं० [सं० गिरिज; हि० गेरू+टा (प्रत्य॰)] मिलन - गिचपिचा'-- संज्ञा स्त्री० [अनु॰] दे॰ 'फचपचिया' । का कंकड़ । केकड़ा। - गिचपिचा--वि० [अनु॰] दे॰ 'नियपिच'। गिट्टी--संज्ञा स्त्री० [हिं० गिट्टा] १. गेरू या पत्थर के छोटे छोटे - गिचपिचिया--संधा श्री० [अनु॰] दें० 'कचपचिया'। टुकड़े जो प्रायः सड़क, नोंद या छत नादि पर बिछाकर ..गिचिर पिचिर-वि० [अनु॰] दे॰ 'गिचपिच' । कूटे जाते हैं। २. मिट्टी के बरतन का टूटा हुमा छोटा .. गिजई-ममा पुं० [देश॰] सलमे के काम का एक प्रकार का तार । टुकड़ा । ३. चिलम को गिट्टक। ४. बादले या तागे गिजई-संचा ली० [सं० गृञ्जन] गिजाई या कनसलाई नाम का की लपेटी हुई रोस । फिरको । . बरसाती कीड़ा (पूरब) । वि० दे० 'गिंजाई। गिठुमा-संशा पुं० [देश॰] जुलाहे का करपा । अड्डा । - गिजगिजा-वि० [अनु॰] वि. लो. गिजगिजी] १. ऐसा गीला गिठुरा-संशा पुं० [हिं० गरा] ३. 'रा' । ..... और मुलायम जो अच्छा न मालूम हो। जैसे,—कच्ची गिड़गिड़ाना--कि० अ० [अनु०] आवश्यकता से अधिक विनीत . और नन्न होकर कोई वात या प्रार्थना करना। ... मोटी रोटी दाँत के नीचे गिजगिजी लगती है। २. जो छूने में मांसल मालूम हो । जैसे,—पैर के नीचे कुछ गिड़गिड़ाहट-संश स्त्री० [हिं० गिड़गिड़ाना] १.विनती। चिरौरी । २. गिड़गिड़ाने का भाव। गिजगिजा सा मालूम हुया, देखा तो भरा सांप था। गिड़नी संश पुं० [देश॰] तालों में होनेवाला एक प्रकार का गिजा संज्ञा श्री० [अ० गिजा ] वह जो खाया जाय । भोजन । साग। . वाद्यवस्तु । खोराक । उ०--और खाना जो कि हो खुश का गिड़राज@--संश पुं० [सं० ग्रहराज] सूर्य ।-(दि०)। तेरी सो कर गिजा।कविता कौ०, भा० ४, पृ० १० गिड्डा- वि०दिश०] नाटा। ठिगना। गिजाइयत -- संग स्त्री० [१० गिजाइयत ] माहार गुण । पोपकता। गिणना --क्रि० स० [हिं० गिनना] दे० 'गिनना' । उ०- ___.. अन्नतत्व (को०] । गिण पात्रु मित्र मारग गवरण, शत्रुदास ऊदान उर ।- '.. गिजाई'--वि० [अ० गिजा+फा० ई (प्रत्य॰)] १. आहार रघु०६०, पृ०1 .. संबंधी। २. जो आहार के रूप में हो [को०)। गितार-संगापुं०1 अं० गिटार] एक बाजा जिसमें छह वार गिजाई१२-संग स्त्री० [हि गिजाई] दे० 'गिजई। होते हैं और जो उँगलियों से बनाया जाता है। .. गिटकिरी'-संभाली० [हिं०] दे 'गिट्टी। गिद-संवा पुं० [सं०] रथपालक देवता । गिद्दा-संश पुं० [हिं० गीत ] एक प्रकार का चलना गीत जिसे गिटकिरी.... संत्रा की [अनु॰] तान लेने में विशेष प्रकार से स्वर । स्त्रियों गाती है। नकदा । का कांपना जो बहुत अच्छा समझा जाता है। सगाव गिद- संश पुं० [से गुन] एक प्रकार का बड़ा मांसाहारी पक्षी। क्रि० प्र०-निकालना । लेना। विशेष-इसकी छोटी बड़ी कई जातियों होती है। सरन बड़ा गिटकौरी-संग झी हि गिट्टी या निटकिरी] पत्थर या मेरू गिद्ध प्रायः तीन फुट संवा होता और प्रायः बारियों, मांगयों - का गोल छोटा टुकड़ा । कंफड़ो। तया दूसरी पालतू चिड़ियों को उठा ले जाता है। यह पक्षी गिटगिरी@--संक्षा कोहि गिटकिरी] दे० 'गिटकिरी' । उ०- प्रायः मरे हुए बीवों का मांस वातादमी में करियों ने .. कोज तराने गावत, कोउ गिटगिरी भर जह।-प्रेमपन०, रणस्थल में गिडों का दन्य प्रायः दिलाया है। इसकी मांग ना०.१, पृ. २०१। बहुत तेज होती हैं मोर यह प्राकार में बहुत ऊंचा उदसता गिटापिटा क्षौ मनु०] निरर्थक गध। है। इसके सरीर का रंग मटला होता है और रों में