पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/२०४

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गिद्धराज १२८१ उगलियों तक पर होते हैं। इसका किसी मनुष्य के शरीर संयोजाना ।डालना ।-देना ।.रखना लेना। । पर मंडराना या मकान पर बैठना अाभ माना जाता है। मुहा०---गिन गिनकर सुनाना या गालियां देना बहत अधिक। २. एक प्रकार का बड़ा कनकौवा या पतंग । ३. छप्पय छंद का गालिया देना। गिन गिनकर मारना या लगाना-खब। ५२ वाँ भेद। पीटना। गिन गिनकर दिन काटना=बहुत कष्ट से समय । गिद्धराज-संद्धा पुं० [हिं० गिद्ध-- राज] जटायु । . विताना । गिन गिनकर पैर रखना बहुत धीरे धीरे और । गिद्धि -संज्ञा पुं० [हिं० गिद्ध] दे० 'गिद्ध' । उo-~-डहकंत डक्क सावधानता से चलना। गिन देना=तुरत हिसाब चुकता । डाइन डरान । गहर्कत गिद्धि सिद्धनिय थान । पृ० रा०, करना। तुरंत रुपए गिन देना। जैसे, देखा? एक फटकार । १६६१। पर उसके रुपए गिन दिए। गिने गिनाए थोड़े से। संख्या । गिधरा--संधा पुं० [हिं० गिद्ध] दे० 'गिद्ध'। उ०-एक जीव को में बहुत कम । दिन गिनना=(१) प्राशा में समय बिताना।। ठाड़े कीना। काग गिद्ध को हुकुम करि दीना ।-कवीर सा०, पृ० ३६२ । सुख की प्राप्ति या दुःख की निवृत्ति के अवसर की ऊब ऊव- । गिनगिनाना-क्रि० अ० [ अनु० गन गन काँपना] १. अधिक कर प्रतीक्षा करना । उ०—दिन प्रौधि के को.लौं गिनों सजनी । बल लगाते समय शरीर का कांपना । जैसे,--वह पत्थर पकड़ । , अंगुरीन के पोरन छाले, परे। ठाकुर (शब्द०)। (२) किसी । कर घंटों गिनगिनाता रहा, पर पत्थर न हटा । २. रोमांच प्रकार कालक्षेप करना। होना। रोंगटे खड़े होना। २. गणित करना। हिसाब लगाना। जैसे,—ज्योतिषी ने गिन | गि गिनाना--क्रि० स० [हिं० गिन्नी, घिरनी चक्कर पकड़ गिनाकर कह दिया है कि मुहूर्त अच्छा है। ३.कुछ महत्व । कर घुमाना या चक्कर देना। झकझोरना । 30--विल्ली ने का समझना । मान. करना। प्रतिष्ठा करना । कुछ समझना। . चहै को गिनगिना डाला। खातिर में लाना । जैसे,--वहाँ तुम्हारे ऐसों को गिनता । गिनती-संवा स्त्री॰ [हिं०/गिन+ती (प्रत्य॰)] १. वस्तुओं को समूह , कौन है? से तथा एक दूसरी से अलग अलग करके उनकी संख्या गिनवाना--क्रि० स० [हिं० गिनना का प्रे० रूप] १. दे० 'गिनाना'।। निश्चित करने की क्रिया। गणना । शुमार। उ०-गिनती २.गिनती पड़ाना या सिखाना (छोटे बच्चों को)। ३.दूसरों । गनिबे तें रहे छत हू अछत समान ।—बिहारी (शब्द०)। की दृष्टि में ऊँचा उठाना । संमान करवाना । संमान का पात्र । क्रि० प्र०—करना ।--गिनना। होना। ४. दंभ या अहंकार से दूसरों के द्वारा अपनी प्रतिष्ठा । मुहा०--गिनती में पाना या होना=किसी कोटि में समझा कराना। जाना । कुछ समझा जाना । कुछ महत्व का समझा जाना। गिनान@ - संक्षा पुं० [सं० शान] दे० 'शान'। उ०-ब्रह्मवैवर्त । उ.-जिन भूपन जग जीति बाँधि यम अपनी बाँह सहसं अठार । केवल गिनान कथि भक्ति सार -पृ० रा०, । वसायो । तेरी काल कलेऊ कीन्हें तू गिनती कब आयो । —तुलसी (शब्द०)। गिनती कराना=किसी कोटि के गिनाना-क्रि० स० [हिं० गिनना का प्रे० रूप] गिनने का काम दूसरे । अंतर्गत समझा जाना । जैसे,--वह विद्वानों में अपनी गिनती

से कराना।

कराने के लिये मरा जाता है। गिनती गिनाने या कराने के गिनी-संथा स्त्री० [पं०] सोने का एक सिक्का जिमका व्यवहार । लिये- नाम मात्र के लिये। कहने सुनने भर को। जैसे,-- . इंग्लैंड में सन् १६६३ में प्रारंभ हुआ था और सन् १८१३ से | गिनती गिनाने के लिये वे भी थोड़ी देर आकर बैठ गए थे। जिसका बनना बंद हो गया । यह २१ शिलिंग (लगभग १५॥ गिनती होना=किसी महत्व का समझा जाना। __ रुपए) मूल्य की होती थी। कुछ समझा जाना। जैसे,-वहाँ बड़े बड़ों का गुजर नहीं विशेष--यह सिक्का पहले पहल अफ्रीका महाद्वीप के गिनी नामक तुम्हारी क्या गिनती है? . . देश से आए हुए सोने से बनाया गया था, इसी से इसका यह। .. २. संख्या । तादाद । जैसे,—ये आम गिनती में कितने होंगे। नाम पड़ा। भारत में प्रायः लोग अाजकल के प्रचलित पाउ। मुहा०---गिनती के बहुत थोड़े । संख्या में बहुत कम । जैसे,- .. या सावरेन को ही भूल से गिनी कहा करते हैं। - । वहां गिनती के पादमी पाए थे। ३. उपस्थिति की जाँचजो प्रायः गिनी--संज्ञा श्री [अं० गिनी ग्रास ] एक प्रकार की विलायती। त बोलकर की जाती है। हाजिर-सिपाही बारहमासी घास। . .. मुहा०-गिनती पर जाना हाजिरी देने या लिखाने जाना। विशेष-यह पशुओं के लिये बहुत बलवर्धक और पारोग्यकारक ४.एका से सौ तक की अंकमाला । जैसे स्लेट पर गिनती लिख- होती है । इसे गौयों और भैसों को खिलाने से उनका दूध कर दिखाओ। बहुत बढ़ जाता है और घोड़ों को खिलाने से उनका बल कि०प्र०--पाना। वहुत बढ़ जाता है। यह पास सभी प्रकार की जमीन में, गिनना-वि० स० [सं० गणन] १. वस्तुओं को समूह से तथा एक भली भाँति हो सकती है पर क्षार या सीड़याली जमीन में, . दूसरी से अलग अलंग पारके उनकी संख्या निश्चित करना। अच्छी नहीं होती। यद्यपि यह बीजों से भी बोई जा सकती गणना करना । शुभार करना। है, तथापि जड़ों से बोना अधिक उत्तम समझा जाता है । यदि