पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/२३५

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गर्गा-संक पुं० [हिं० गुरगा] दे० 'गुरगा'।.. (२) लंघन करना। फाका करना। गुर्रा बताना=(१) तातील गुर्ज-संज्ञा पुं० [फा० गुर्ज] गदा; सोटा। उ०-कोइ-कूकर शूकर, का वादा करना। (२) नागा करना । (३) लंघन करना। पर कोई । कर में गुजं भवानक सोई।-(रघुनाथ शब्द०)। (४) टालटूल करना। - .. यो०-गुर्जदार=गदाधारी सैनिक।.. ... .. गुरी-संहा पुं० [अनु॰] ऐंठन । मोड़। मरोड़। . .. - गुर्ज-संवा पुं० [फा० बुज] कोट या शहरपनाह की दीवार का वह क्रि० प्र०-देना-उमेठना । मरोड़ देना। ....

..::स्थान जो कुछ गोलाकार बना दिया जाता है । यहाँ पर गुरांदार-वि० [हिं० गुर्रा--फा० दार (प्रत्य०) ] ऐंठनदार।

..... योद्धामों के लिये विशेप पोट होती है जिसमें छिप छिप मरोड़दार । वे अाक्रमणकारी शत्र पर वार कर सकते हैं। गुर्जा । गुर्राना--क्रि०अ० [अनु०] कीधवंश गले से भारी आवाज निका- बुरज : उ०-कंचन कोट कंगूरे कलशा गोपुर गु दुपारा । लना । डराने के लिये घुर-बुर की तरह गंभीर शब्द करना । -रघुराज (शब्द०)। . .. .. (जैसा, कुत्ते बिल्ली आदि करते हैं। जैसे, कुत्ता गुरीकर -- गुर्जना-क्रि० स० [हिं० गर्जना] १.. गर्जना । गर्जन करना । २::.. चढ़ बैठा। २. क्रोध या अभिमान के कारण भारी और डांटना फटकारना। कश स्वर से बोलना । जैसे,-तुम काम भी बिगाड़ते हो .. गुर्जबरदार-संज्ञा पुं० [फा०] गदाधारी सैनिक । - और कहने से गति हो... ::

गुर्जमार--संशा पुं० [फा० गुज+हिं० मार] एक प्रकार के मुसलमान, गुर्राहट-संशा स्त्री० [हिं० गुर्राना] गुर्राने की क्रियाः । फकीर जो लोहे का गुर्ज लिए रहते हैं। । . ___ गुर्रा-संशा बी० [देश॰] 'मुने हुए जो.। .. -: विशेप-ये दूकानों पर माँगते फिरते हैं। यदि ये कहीं कुछ नहीं गुर्वादित्य-संवा पुं० [सं०] सूर्य और बृहस्पति का एक राशि पर पाते हैं तो उसी गुर्ज से वे अपनी आँख या. और किसी अंग गमन । गर्वस्त। .. पर आघात करते हैं। इन्हें मुडचिर भी कहते हैं । विशेष-विवाह आदि शुभ कार्य इस योग में वर्जित हैं। और गुर्विणी--वि० स्त्री० [सं०] १. सगर्भा । गर्भवती । उ०-प्रियतमा गुर्जर संका पुं० [सं०] १.गुजरात देश । २. गुजरात देश का निवासी। गुराव . .. ३. एक जाति । गूजर। .. पतिदेवता 'जेहिं उमा रमा सिहाहि । पुर्बीणी सुकुमारि - गुर्जराट-संशा पुं० [सं० गुर्जर+राष्ट्र गुजरात देश। सिय तियमणि समुझि सकुचाहिं ।—तुलसी (शब्द॰) । २. गुर्जरी--संवा पुं० [सं०] १. गुजरात देश की स्त्री। २.भैरव राग बड़ी या श्रेष्ठ स्त्री (को०)। ३. गुरु की पत्नी (को०)। की स्त्री। ...गुवा'-वि० सास] गभवता। गाभणा 1 - विशेप-यह संपूर्ण जाति की रागिनी है। इसमें तीव्र मध्यम . गुर्वी-संज्ञा सी० [सं०] १. बड़ी या थैष्ठ स्त्री। उ०-निगम आगम - अगम गुर्वि तव गुण कयन उविधर करत जेहि सहस जोहाः।- .. और शेष सब स्वर कोमल लगते हैं। यह रामकली और तुलसी (शब्द०)। २. गमिणी । अंतःसत्वा । ३. गुरुपत्नी

ललित को मिलाकर बनती है । इसके गाने का समय दिन में

(को०)। १० दंड से १६ दंड तक है। ३. गूजर जाति की स्त्री (को०] । गुलंच-संज्ञा पुं० [सं० गुलच] एक प्रकार का कंद । ...यो०-गुर्जरी टोडी संपुर्ण जाति का एक राग जिसमें सब गुलंचा -संज्ञा पुं० सं० गुडची] दे० 'गुरुच'। " कोमल स्वर लगते हैं। .. .. . " गुलंदाज -संश्च पुं० [हिं० गोलंदाज] दे० 'गोलंदाज'। . - गुर्जी-संज्ञा स्त्री० [हिं० गुर्ज का अल्पा०] छोटा गुर्ज। गुल'-संज्ञा पुं० [फा०] १.. गुलाब का फल । ।.. - गुद-संश पुं० [फा०] गुर्दिस्तान का निवासी। यो०-गुलकंद । गुलरोगन । . .. . ' गुदा-संका पुं० [हिं० गुरदा दे० 'गुरदा . २. फूल ! पुष्पः ।. .... . .. -- गुदिस्तान-संवा पुं० [फा०] फारस के उत्तर का एक प्रदेश जिसका “कुछ भाग आजकल रूम राज्य के अंतर्गत पड़ता है। इसे .. यौ०-गुलदान'! गुलदस्ता । . गुलकारी, आदि। .. महा०-गुल खिलना=(१) विचित्र घटना होना । अद्भुत बात कुर्दिस्तान भी कहते हैं।: ... " ... .... होना। ऐसी बात होना जिसका अनुमान पहले से लोगों को गुर--संक्षा सौ. अनु० या हिं. गुर्राना गुरहिट ।' न हो। मजेदार बात होना । कोई ऐसी घटना होना जिससे गुरु-संज्ञा पुं० हि० गरी] वह रस्सी जिससे धुनिया धनुही का ..... लोगों को कुतूहल हो । (२) बखेड़ा खड़ा होना । उपद्रव . 'फरहा कसते हैं। __ मचना । जैसे, हमने उसकी सारी करतूत उसके घर कह दी गुरी--संज्ञा पुं० [देश॰] १. मौन.: चुप्पी । सन्नाटा । . . है, देखो कैसाः गुल खिलता है। गुल खिलाना=(१) विचित्र ". क्रि० प्र०-खींचना=सं० मारना । दम साधना। घटना उपस्थित करना । ऐसी बात उपस्थित करना जिसका ... गुरी-संज्ञा पुं० [अ० गुरह] १. मुहर्रम महीने की द्वितीया का अनुमान. पहले से लोगों को न हो। (२) बखेड़ा खड़ा करना। . ... चांद । द्वितीया तिथि । २.तातील नागा। उपद्रव मचाना । गुल कतरना=(१) कागज या कपड़े आदि मुहा०-गुर्रा करना=(१) तातील करना । छुट्टी करना । (२) के बेल बूटे बनाना । (२) कोई विलक्षण यो प्रोवा काम लंघन करना । फाका करना । गुर्रा देना=(१) नागा करना। करना । गुल खिलाना।