पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/२५४

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गंगलाना .. गेदई गेगलाना---कि० अ० [हिं० गेगला] वात अनसुनी करना। ढिठाई संख्या ताने के सूत की संख्या के हिसाब से होती है। ये.. करना । टालमटोल करना । बिलल्लापन करना । मूर्खता कर तीलियाँ लकड़ी की चिरी हुई पतली फट्टियों की होती हैं। वैठना। गेय-वि० [सं०] गाने के योग्य । गाने के लायक । कीर्तन करने के गेगलापन-संज्ञा पुं० [हिं० गेगला] १. मूर्खता। जड़ता । भोंदूपन । योग्य । २. धृष्टता । अनसुनी करने की टेव या बान । ढिठाई । टालम गेयकाव्य-संघा पुं० [सं०] वह काव्य जो गाया जा सके । गीतात्मक टूल । बिलल्लापन । काव्य । उ०-~गीति काध्य और गेय काव्य दोनों एक ही वस्तु . गेगली-वि०सी० [हिं० गेगला ] दे० 'गेगला'। उ०-हमारे अब नहीं हैं।--पोद्दार अभि ग्रं॰, पृ० १६७ । . .:: वह दिन लद गए अब तुम्हारे दिन हैं। अब तुम खेलो कूदो गयपद---चा पुं० [सं०] नाटयशास्त्र के अनुसार लास्य के दस दिल खोल के । मगर तुम गेगली हो।--सैर कु०,पृ०२८। अंगों में से एक । वीणा या तानतूरा आदि यंत्र लेकर ग्रासन पर बैठे हुए केवल गाना । गेजुनिया-संज्ञा पुं॰ [देश॰] गुल दुपहरिया। गेरना -क्रि० स० [सं० गिरण] १. गिराना। नीचे गेटिस--संज्ञा पुं० [अं० गेटस] १. कपड़े या चमड़े का बना हुआ डालना । २. ढालना । उडेलना । ३. गिराना । झपकाना। एक आवरण जिससे घुटने से लेकर एड़ो तक पैर ढंका रहता उ०-यारंवार जगावति माता लोचन खोलि पलक, पुनि है । इसे सवार लोग अधिक काम में लाते हैं । २. मोजा आदि बाँधने के लिये रवर या चमड़े का फीता। गेरत।-सूर (शब्द०)। ३. डालना। आरोप करना। गेठा--संशा पुं० [देश॰] मोका नाम का वृक्ष जिसकी लकड़ी सजावट जैसे,-सुरमा गेरना (अाँख में), अचार गैरना । ४. धारण करना । पहनना । उ०-भाल लाल गुलाल गुलाल सों गेरि के सामान बनाने के काम में आती है । वि० दे० 'मौका' । गर गजरा अलबेली पद्माकर ग्रंक, पृ०६०। ... गेड़ना-क्रि० स० [सं० गएड-चिह्न, हिं० गंडा] १. लकीर से गेरना--क्रि० स० [हिं० घेरना] परिक्रमा करना। चारो ओर घेरना । मंडलाकार रेखा खींचना । २. परिक्रमा करना। - चारों ओर घूमना । फिरना । उ०-बीजों कला पांतर अमीरदौलो गेर बेठो।- बांकी० ग्रं०, भा० ३, पृ० १२६ । गेड़लो ---संचा सी० [सं० कुण्डली] दे० 'गडली' 1 गेरवाई-संशा पुं० [सं० चेयक, तुलनीय फा गरेबां ] पशुओं के गेड़ो--संशा स्त्री० [सं० गण्ड=चिह्न । हिं० गढ़ा] १. लड़कों का . | गेराँव । बंधन का वह अंश जो गले में लपेटा रहता है। एक खेल । गेराई --संघा सी० [सं० वेय, तुलनीय फा गरेबां ] गेराँव । ' विशेष---इससे पृथ्वी पर एक लकीर खींचकर कुछ दूर पर एक गे सं पं० [सं०वेय. तलनीय फा० गरेको] चौपायों के लकड़ी रख देते हैं । जो लड़का उस लकड़ी पर चोट लगाकर बंधन का वह अंश जो गले में लपेटा रहता है। .., उसे लकीर के पास कर देता है वह जीतता है। गेरुमा -- वि० [हिं० गेरूआ (प्रत्य०)]१. गेरू के रंग का। २. वह लकड़ी जो इस खेल में रखी जाती है। मटमैलापन लिए लाल रंग का। २. गेरू में रंगा हुमा।. गेड़ आ -संज्ञा पुं० सं० गे एडुक] दे० 'गेंडुआ'। उ०--दुहु दिसि गरिक । जोगिया। भगवा । उ०--चला.कटक जोगिन्ह कर गेडा औ गलसुई । काचे पाट भरी धुनि रुई 1-जायसी ग्रं० कै गेरुया सब भेसु । कोस बीस चारिहु दिसि. जानो फूला (गुप्त), पृ० ३१८ । टेसु ।—जायसी (शब्द०)। गेड़ लीg-संज्ञा स्त्री० [हिं० गेंडुली या गेडुरी] ३० 'गडुली'। गेरमा-संक्षा पुं० १. गेरू के रंग का एक कीड़ा जो माघ के महीने गेद --संज्ञा पुं॰ [देश॰] १. गोद का वच्चा । शिशु । २. छोटा में अधिक वर्षा से उत्पन्न होता है और अन्न के खेतों में लग बच्चा । नादान वालक । उ०-तुम मोहिं कीन्ह हाल को जाता है जिससे अनाज के पेड़ पीले पड़ जाते हैं। २. गेहूं के . गेदो इत उत यहँ भरमाई। भीखा श०, पृ०७४ । पौधों का एक रोग जिसके कारण वे कम शोर पड़ जात गेदहरा। संज्ञा पुं० [हिं० गेद] १. गोद का बच्चा। २. छोटा हैं और अन्न नहीं पैदा कर सकते । इसे गेरुई और कुकुही बालक। भी कहते हैं । गेदा-- संचा पुं० [ देश० ] चिड़िया का वह बच्चा जिसे 'पर'न गेरुवावाना--संज्ञा पुं० [हि. गेल्या+बाना. गेल्या रंग की निकले हों। पोशाक । साधु मों का पहनावा । गेरुई-चा बी० [हिं० गेरू] चत को. फसल का एक रोग जो .. गेनुर--संज्ञा पुं० [ देश० ] एक बारामासी घास। अनाज के पौधों की जड़ के पास लाल रंग के महीन महीन . विशेष-यह पशुनों के चारे के काम आती है और सूखने पर कीड़े उत्पन्न हो जाने के कारण होता है। छाजन के काम माती है। इसे गौनर या गनर भी कहते हैं। विशेष-ये कीड़े फैल जाते हैं और पत्तों पर लाली छा जाता है। गैवा-संशा श्री० [देश॰] ताने की कंघी की तीलिया। (जुलाहे)। इससे दाने मारे जाते हैं। सबसे अधिक इसका असर गेहू का .. विशेष-इन तीलियों के बीच बीच में ताने के सूत पिरोए रहते फसल पर होता है। जिस साल कुमार के पीछे जाड़े में वर्षों हैं जिसमें वे एक दूसरे से सरकार उलझने न पावें। इनकी अधिक होती है उस साल यह रोग होना है।