पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/२६०

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गुछ जानन निकलना (प्रण गोंद १३३७ गोईठौराः योर--- गोंददानी वह यरतन जिसमें गोंद भिगोकर रखा रहे। लोग प्रियंगु शब्द से इसी का ग्रहण करते हैं और इसके फूल,' . गोंद-संवा मी० ० गुन्द्रा] एक प्रकार की घास जिससे गोंदरी .. फल, छाल आदि का औपध में प्रयोग करते हैं। .. बनाईजाती है। २.इंगुदी। हिंगोट । गोंद-संघा सी० [हिं० गोंदी ] ६० 'गोंदी' । उ॰—गोंद कली सम मुहा०.-गोंदी सा लदना = (१) बहुत अधिक फलना । फलों से वि.सी महतु वसंत मी फाग --जायसी (शब्द०)। गुछ जाना । (२) शरीर में शीतला के या किसी प्रकार के गोंदनी-संशा श्री० [हिं० गोंद ] गोंदी का पेड़ । दे० 'गोंदी'। बहुत से दाने निकलना। गोंदपजीरी-संगाधो. हि गोंद+पंजौरी गोंद मिली हुई पंजीरी गोदीला--निक [हि० गोंद-+ईला (प्रत्य॰)] जिस (दक्ष) में से गोंद जिसे प्रसूता स्त्रियों को दिलाते हैं। निकलता हो । जैसे,—बबुल, ढाक आदि। . . गोंदपटेर - संथा मौ० [सं० गुन्द्र+पर्या० पटेर] पानी में होनेवाली गो-संशा जी० [सं०] १. गाय । गऊ । २. प्रकाशरश्मि । किरण । एक प्रकार की वनस्पति । ३. वृप राशि । ४. ऋषभ नाम की औषधि । ५..इंद्रिय । ६. विशेष-इसके पत्ते मोटे और प्रायः एक इंच चौड़े और चार बोलने की शक्ति । वाणी । उ०---गोकुल की छवि कवि क्यों पांच फुट लंबे होते हैं। इसके पत्तों में से नए पत्ते निकलते कहै । गो जब लौ गोकुल नहिं गहै । -धनानंद०, पृ० २९२ हैं। इसमें ऊपर की ओर बाजरे की बाल के समान धात भी ७. सरस्वती। ८. आँख । दृष्टि । देखने की शक्ति । ६. लगती है जिसके कपर सीके होती है। इन सीकों से चटाइयां बिजली। १०. पृथ्वी। जमीन । ११. दिशा। १२. माता... पादि बनती हैं । पंद्यक में यह कसैली, मधुर, शीतल, रक्तपित्त जननी । १३.किती धातु की वनी गोमूर्ति । १४.बकरी, नाशक और स्तन का दूध, शुक्र, रज तथा मूत्र को शुद्ध करने भैंस, भेडी इत्यादि दूध देने वाले पशु । १५. जीभ । जबान । वाली कही गई है। जिह्वा । १६, ज्योतिष में नक्षत्रों को नौ वीथियों में से एक।। गोंदपाग-संधा पुं० [हिं० गोंद+पाग] गोंद और चीनी के मेल से गो -संधा पं० [मं०] १. बैल । .नंदी नामक पिशवगण । ३. घोड़ा। बनी हुई एक प्रकार की मिठाई । पपड़ी। उ० -- पेठा, पाग, '४. सूर्य । ५. चंद्रमा। ६. वाण । तीर । ७. गवैया । गाने- जलेवी, पेरा । गोंदपाग, तिनगरी, गिदोरा।--सूर (शब्द॰) । वाला। २. प्रशंसक । ६. आकाश । १०. स्वर्ग । ११. जल। . . गोंदमखाना-सया पुं० [हिं० गोंद+मखाना ] भूना हुआ मखाना १२. वध । १३. शब्द । १४. नी का अंक । १५: शरीर के जिसमें और मसाले के साथ गोंद मिला होता है और जो रोम । १६. पशु (को०)। १७. हीरा (को०)। १८. गोमेध प्रसूता स्त्रियों को दिया जाता है। नामक यज्ञ (को०)। गोदरा-संधा'० [सं० गुन्द्रा-एक घास ] १. नरम घास या गो-गव्य० [फा०] यद्यपि । जैसे-गो ऐसी बात है, पर मैं कह तो . गयाल का बना हुआ एक 'मासन जिस पर किसान लोग नहीं सकता। साधारण तौर पर या चौपायों को चारा काटने के समय यौ०-गोफियद्यपि । गो। बैठते है। २. गौनरा घास। गा-प्रत्य० [फा०] पहनेवाला । जैसे----कानूनगो, दरोगगो। गोंदरो-संथा स्त्री० [मगुन्द्रा ] एक प्रकार की घास जो पानी में विशेष—इस अर्थ में यह शब्द यौगिक के अंत में प्राता है। उत्तम होती है मौर बहुत संबी, कोमल और गरम होती है। गो -किल म० [हिं० गा] २० 'गया' । उ०-रावं अमर, गो.. २. इस पारा की बनी हुई चटाई। ३. पयाल की बनी हुई अमरपुर ।-भूपण ग्रं॰, पृ० ४६ । चटाई। गोग्रार'@-वि० [हिं० गॅपार] दे० 'गवार' । 30-सखि हे बुझ्न गोंदला-या पु० [सं० गुन्द्रा] १. बड़ा नागरमोथा जो जलाशयों के कान्ह गोसार । विद्यापति, पृ० ११७ । ....... किनारे उगता और प्रायः एक गज तक ऊंचा होता है। २. गोधार'@-संशा पुं० [सं० गोपाल, प्रा. गोपाल ] दे० 'रावाला । एक प्रकार की घास जिससे गोंदरी बनाई जाती है। उ०--मथुरा मरि गौ कृष्ण गोपारा --कवीर बो० । गोंदा-सा पु० [हिं० गूपना ] १. भुने चनों का वेसन जो पानी - पृ० २०२ 1 मेंधकर बुलबुलों को पिलाया जाता है। गोवारि-मं स्त्री० [हिं गवार] गॅवारी । मूर्या । उ०-दूती मुहा०-गोंदा दिखाना=(१) बुलबुलों को लड़ाने के लिये भए जनु जनमए नारि, विनु, भेले भेलिहु गोनारि।-विद्यापति, उन्हें दिवाकर बीच में पारा फेंकना । (२) कोई ऐसी बात उपस्थित नारना जिससे दो पक्ष परस्पर लड़ जायें। लड़ाई गोइजी-संघा श्री० [देश॰] एक प्रकार की. मछली जिसका मुह .. . और पूछ दोनों एक ही तरह के होते हैं। इसपर छिलका २. गार मिट्टी का कपसा। नहीं होता। गांधी- [सं० गौवन्दनीय प्रियंगु] १. मौलसिरी की तरह गोइंठा-मंशा एक [सं० गो+विष्ठा ] ईंधन के लिये मुखागा हुवा .. 'मागे जिसके पते मौनती के पत्तों ने पुछ लय होते हैं। गोपर । उपला। पांडा । गोहरा। विशेष- कागुन में इसमें लाल रंग छोटे छोटे कून गो गोइौरा-संश[हि गोठा-प्रौरा (प्रत्ग)] उपस बना सय नोंदौर मकानों में होता है। बहुत से कानों में करने या रखने का स्थान । कंदीरा। ..