पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/२९५

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ग्रामयाजी १३७२ . ग्राम्य' - विशेष-शतातपर के अनुसार ऐसा ब्राह्मण अपने धर्म और वर्ग गाँव । प्रति गांव। उ०-ग्रामान ग्राम तोरनउतंग । बन बढि से पतित होता है और महाभारत के अनुसार ऐसे ब्राह्मण को कढि विघि निधि पुरंग !-पृ० रा०, १।६०६ । दान देने का कोई फल नहीं होता। ग्रामिक वि० [सं०] १. गाँव संबंधी। गाँव का 1 २. देहाती। - २. पुजारी (को०)। गॅवार (को०)। ग्रामयाजी-संज्ञा पुं० [सं० ग्रामपाजिन् ] दे० 'ग्रामयाजक' [को०।। ग्रामिक संघा पुं०१. वह मनुष्य जिसे गांववाले अपनी रक्षा के ग्रामयुद्ध-संज्ञा पुं० [सं०] वलवा । दंगा [को० । लिये अपना मुखिया चुनें । २. ग्रामीण । ग्रामवासी (को०)। ग्रामर-संवा पुं० [अं॰] व्याकरण । ग्रामिणी-संचा- [सं० नील का पौधा को ग्रामरथ्या-संज्ञा स्त्री० [सं०] गांव की गली [को० । ग्रामी-वि० [सं० ग्रामिन्] १. देहाती। गंवार । २. गाँव का। ग्रामवधू-संवा नो [सं० ग्राम+वधू] गांव की बहू । ग्रामीण स्त्री। ३. कामी। लंपट । ३. संगीत विषयक [को०)। ... ग्रामो-संवा पुं० १. ग्रामप्रधान ! गाँव का मुखिया। ३. ग्राम- ... ग्रामीण वधू । उ०-लोटी नामवधू पनघट गे।-पाराधना, श्री . पृ०३७ । निवासी को। - ग्रामवल्लभा-संशश मो० [सं०] १. वेश्या । कसबी। रंडी । २. ग्रामीण - वि० [सं०] १. देहाती । गवार 1 २. ग्राम (संगीत) संबंधी (को०) । ३. ग्राम या गांव संबंधी (को०)। ... पालकी का साग । ग्रामीण --संज्ञा पुं० १. मुरगा। २. कोना । ३. सूअर । ४. कुत्ता । ग्रामवास- संज्ञा पुं० [१०] गावं में निवास या बास करना [को०] । ५. ग्राम का वासी या निवासी (को०) । ग्रामपंड-संज्ञा पुं॰ [सं० ग्रामपण्ड] क्लीव। नपुसक [को०] । ग्रामसंकर-मंडा पुं० [सं० ग्रामसङ्कर गांव की नाली [को०] । ग्रामीणा ---संज्ञा स्त्री० [सं०] १. नील का पेड़। २. पालकी का साग । ग्रामोगा--संज्ञा सो गांव की रहनेवाली स्त्री। ग्रामनिवासिनी ग्रामसंघ-संज्ञा पुं० [सं० ग्रामसङ्घ ] ग्रामों का समूह या मंडल । को । कोगे। ग्रामीन--वि० [सं०] १. गाँव में उत्पन्न । २. गवार [को०)। ग्रामसिंह-संज्ञा पुं० [सं०] कुत्ता। उ०--चित्र मृग श्रमर गवं गए। ग्रामीय --वि० [सं०] [वि० बी० ग्रामीया ] गांव का । गाँव से विलोकि वन, ढील चटकीले ग्रामसिंह चले धाय फै। -रघुराज संबंधित [को०] । ग्रामीयः - संज्ञा पुं० ब्रामवासी । देहातो [को॰] । ग्रामस्थ-वि० [सं०] नामवासी । ग्रामीण (को०] । ग्रामेय - वि० [मं०] [वि० बी० ग्रामेयी] १. गाँव में उत्पन्न। २. • ग्रामहट्टार-संज्ञा पुं० [सं०] ग्राम का मुखिया या चौधरी । ग्रामकूट। देहाती । नवार [को०] । ग्रामहास :--संवा पुं० [सं०] बहनोई [को०] | ग्रामात-संज्ञ पुं० [सं० ग्रामान्त गांव की सीमा । २. गांव से सटा ग्रामय -संज्ञा पुं० [सं०] ग्रामवासी [को॰] । ग्रामेची--पंझा मी० [सं०] वेश्या । रंडी [को०] । हुआ भाग । सिवान [को०] । ग्रामेरुक--संज्ञा पुं० [सं०] चंदन का एक प्रकार या भेद [को०] । ग्रामांतर-संश पुं० [सं० नामान्तर] दूसरा गांव [को०] 1 ग्रामेश, चामेश्वर-पंज्ञा पुं० [सं०] दे० 'प्रामाधिपति' (को०) । ग्रामांतिक-संज्ञा पुं० [सं० ग्रामान्तिक] ग्राम का पड़ोस [को०] । ग्रामोद्योग संसा पुं० [सं० ग्राम+उद्योग] गांव के धंधे । ग्रामीण ग्रामांतीय–वि० [सं० ग्रामान्तीय] ग्राम के पास स्थित [को०] । उद्योग। ग्रामांतीय- संज्ञा पुं० ग्राम के पासपड़ोस की भूमि [को०] । ग्रामोफोन-संज्ञा पुं० [सं०] एक प्रकार का बाजा जिसमें गीत आदि ग्रामाक्षपटलिक- संज्ञा पुं० [सं०] गांव के लोगों को जुप्रा खेलाने का भरे और इच्छानुसार समय समय पर सुने जा सकते हैं। ., प्रबंध करनेवाला व्यक्ति [को०] । विशेप- इस वाजे में कुछ विशिष्ट द्रव्यों से बने एक प्रकार ग्रामाचार-संज्ञा पुं० [मं०] गांव के रीतिरिवाज को । के गोल तवे पर, जिसे चूड़ी कहते हैं, और जिस पर गोल रेखाएँ रहती हैं, सूई लगे हुए एक यंत्र की सहायता से सब ग्रामाधान-सं० [सं०] ग्राखेट । मृगया। शिकार । प्रकार के बोले हुए वाक्य या गाए हुए गीत आदि एक ग्रामाधिकृत, ग्रामाधिप-श गुं० [सं०] ग्राम का प्रधान । गाँव का । विशेष रूप से अकित हो जाते हैं और उन अकित वाक्यों . मुखिया। या गीतों को जब इच्छा हो, ध्वनि उत्पन्न करनेवाले एक ग्रामाधिपति- संज्ञा पुं० [सं०. ग्राम-+अधिपति ] ग्राम का प्रबंध दूसरे यंत्र की सहायता से सुन सकते हैं। करनेदाला एक अधिकारी । 30- गाँव का प्रबंध ग्रामा- ग्राम्य'-वि० [सं०] १. गाँव से संबंध रखनेवाला । ग्रामीण । २. धिपति गाँववालों की सलाह से करता था ।-हिंदु. बेवकूफ । ३. मूढ़ । ३. प्राकृत । असली। सभ्यता, पृ० १७३। ग्राम्य'-संशा गुं० १. एक प्रकार का रतिबध । २. काव्य का एक ग्रामाध्यक्ष-संज्ञा पुं० [सं०] ग्रामप्रधान । गाँव का मुखिया । दोप । वह काव्य जिसमें गॅवाल शब्दों की अधिकता हो अथवा. . . ग्रामानग्राम@-संशा पुं० [सं०. ग्रामानुग्राम ] एक गाँव से दुसरे जिसमें गवाह विषयों का वर्णन हो, इस दोप से दूपित समझा