पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/३५३

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चंद्रद्युति चंद्रकांता विशेष-इसके विषय में प्रसिद्ध है कि यह चंद्रमा के सामने करने विशेष- इसे विक्रम या विक्रमादित्य भी कहते थे। इसका विवाह . से पसीजता है और इससे दूद बद पानी टपकता है। लिच्छवी राज की कन्या कुमारी देवी से हुग्रा था । शिलालेखों --... यो०-चन्द्रकांत मणि ।। से जाना जाता है कि इस राजा ने सन् ३१८ के लगभग -:.२. एक राग जो हिंडोल राग का पुत्र माना जाता है। ३. समस्त उत्तरी भारत पर साम्राज्य स्थापित किया था । लोगों .... चंदन । ४. कुमुद । ५. लक्ष्मण के पुत्र चंद्रकेतु की राजधानी का अनुमान है कि इसी प्रथम चंद्रगुप्त ने गुप्त संवत् वनापा था। का नाम । ४.गुप्त वंश का एक दूसग राजा।। चंद्रकांता-संवा ली० [सं० चन्द्रकान्ता] १. चंद्रमा की स्त्री। २. रात्रि । विशेष-यह प्रथम चद्रगुप्त के पुत्र समुद्रगुन का पुत्र या । इसे । रात । ३. मल्ल भूमि की एक नगरी जहाँ लक्ष्मण के पुन विक्रमांक और देवराज भी कहते थे। इसने अपन' विवाह . . . चंद्रकेतु राज्य करते थे । ४ पंद्रह अक्षरों की एक वर्ण वृत्त । नेपाल के राजा की कन्या प्रवदेवी के साथ किया था। चंद्रकांति सभा खी० [सं० चन्द्रकान्ति] १. चाँदी । २. चांदनी (को०)। इसने दिग्विजय करके बहुत से देगों में पानी कीर्ति स्थापित ... चंद्र गम-मं पं० [सं० चन्द्रकाम वह पीड़ा जो किसी पुष्प को की थी। शिलालेखों से पता लगता है कि इसने ईसवी सन् . उस समय होती है, जब कोई स्थी उसे वशीभूत करने के ४०० से ४१३ तक राज्य किया था। - लिये मंत्र तंत्र प्रादि का प्रयोग करती है। चंद्रगृह--संज्ञा पुं० [सं० चन्द्रगृह ] कर्क रागि। चंद्रकी-पंचाची मिचन्द्रकिन वह जिसे चंद्रक हो। मोर । मयूर । विशेष-चंद्र या उसके किसी पर्यायवाची शब्द में गृह या उसके .. चंद्रकुमार -संश पुं० [सं० चन्द्रकुमार ] १. चंद्रमा का पुत्र- किसी पर्यायवाची शब्द के लगने में कर्क राशि' प्रर्य होता है। - बुध । २. बौद्धों के एक जातक का नाम । चंद्रगोल संज्ञा पुं० सं० चन्द्रगोल | नंदुमंडल। चंद्रलो।

चंद्रकुल्या-संज्ञा स्त्री० [सं० चन्द्रकुल्या ] काश्मीर की एक नदी चंद्रगोलका-संज्ञा श्री० [सं० चन्द्रमोलिका ] चंद्रिका । चाँदनी।

" का प्राचीन नाम ।। चद्रग्रहण-मंशा ०[मं० चन्द्रग्रहण चद्रमा का ग्रहग वि० दे० ग्रहण'। चंद्रघंटा-संज्ञा श्री० [मं० चन्द्रघण्टा ] नौ दुर्गाप्रों में से एक को०] । , जिनका बहुत कुछ माहात्म्य कालिका पुराण में लिखा है। च'द्रचंचल-संज्ञा पुं० [ चन्द्रचञ्चल] खरसा मछली। - बद्रकप- संज्ञा पुं० [सं० चन्द्रकप ] काशी का एक प्रसिद्ध कुना जी चद्रचंचला संज्ञा स्त्री० [मं० चन्द्रचञ्चला ] दे० 'चंद्रचंचल' (को०] । चला गंडा तीर्थ स्थान माना जाता हैं। चंद्रचित्र-मंडा पुं० [सं० चन्द्रचित्र] एक देश का नाम जिसका - चंद्रकेतु-संक्षा पुं० [सं० चन्द्र केतु लक्ष्मण के एक पुत्र का नाम उल्लेख वाल्मीकीय रामायण में है।

जिन्हें भरत के कहने से राम ने उत्तर का चंद्रकांन नामक चद्रचूड--संज्ञा पुं० [सं० चन्द्रचूड ] मस्तक पर चंद्रमा को धारण

प्रदेश दिया था। करनेवाले-शिव । महादेव। . चंद्रकीड-मंश सं० चन्द्रकोड संगीत का एक ताल किी। चंद्रचूडामरिण--संद्या पुं० [सं० चन्द्रचूडामणि] फलित ज्योतिप में चंद्रक्षय--संज्ञा पुं० [सं० चन्द्रक्षय ] अमावस्या। ग्रहों का एक योग । जब नवम स्थान का स्वामी केंद्रस्थ हो चंद्रगिरि-संज्ञा पुं०म० चन्द्रगिरि नेपाल का एक पर्वत । तब यह योग होता है। उ०-केंद्री है नवये कर स्वामी . विशेप--यह काठमांड के पास है. और इसकी ऊंचाई ८५०० , - योग चंद्रचूड़ामणि । गुरु हिज भक्त सकल गुण सागर दाता शूर शिरोमणि (शब्द०)। - चद्रगुप्त-संशा पं० [सं० चन्द्रगुप्त]?. चित्रगुप्त जो यम की सभा चंद्रज-संज्ञा पुं० [सं० चन्द्रज] बुध, जो चंद्रमा के पुत्र माने जाते हैं। .. . में रहते हैं। २. मगध देश का प्रथम मौर्यवंशी राजा। चंद्रजनक-संधा पुं० [सं० चन्द्र + जनक ] समुद्र। सागर । . विशेष--इसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी और इमने बलख के चंद्रजोत- संज्ञा स्त्री० [सं० चन्द्र+ज्योति ] १. चंद्रमा का प्रकाश । यूनानी (यवन) राजा सील्युकस पर विजय प्राप्त करके २. महताबी नाम की प्रातिशवाजी। उ०—भारत सरस्वती उसकी कन्या व्याही थी। कौटिल्य चाणक्य की सहायता से पाती है, सफेद चंद्रजोत छोड़ी जाय । -भारतेंदु पं०, भा० महानंद तथा गौर नंदवंशियों को मारकर इसने मगध का १, पृ० ५०१। राजसिंहासन प्राप्त किया था, जिसकी कया, विष्णु, ब्रह्म, चंद्रताल--संश्था पुं० [सं० चन्द्रताल ] एक प्रकार का वारहताला ताल स्कंद, भागवत आदि पुराणों में मिलती है। इसी. कथा को जिसे परम भी कहते हैं। • लेकर संस्कृत का प्रसिद्ध नाटक मुद्राराक्षस बना है। चंद्रगुप्त चंद्रदारा--संशा बी० [पं० चन्द्रदारा] २७ नक्षत्र जो पुराणानुसार बड़ा प्रतापी राजा था। इसने पंजाब प्रादि स्थानों से दक्ष की कन्याएँ हैं और चंद्रमा को व्याही ।.. यवनों (यूनानियों) को निकाल दिया था। यह ईसा से चंद्रदेव--संज्ञा पुं० [सं० चन्द्र+देव] १. चंद्रमा । २. महाभारत में राजसिंहासन पर बैठा और २४ कौरवों की पोर से लड़नेवाले एक योद्धा का नाम (को। वर्ष तक राज्य करता रहा। . . चंद्रद्युति-संज्ञा स्त्री० [मं० चन्द्रद्य ति ]१. चंद्रमा का प्रकाश ३. गुप्त वंश का एक बड़ा प्रतापी राजा । या किरण । २. चंदन ।