पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/४

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इस संस्करण के संबंध में हिंदी शब्दसागर हिंदी का सबसे प्रामाणिक कोश है, जो भारतीय भाषाओं का दिशा निर्देशक है। इसका परिवधित, संशोधित, नवीन संस्करण सं० २०२४ वि०, सन् १९६७ ई० में निकला था। इसके भाग क्रमशः अनुपलब्ध होते जा रहे हैं, इसलिए समा ने यह संकल्प लिया कि इसका दूसरा संस्करण प्रकाशित किया जाय ताकि इसकी निरंतर उपलब्धता बनी रहे। तृतीय भाग का यह संस्करण इसी क्रम में उपलब्ध कराया जा रहा है। यद्यपि यह संस्करण इधर बहुत दिनों से छपकर तैयार था किंतु कुछ कारणों से पाठकों को उपलब्ध नहीं हो सका। इस संस्करण में छापे की भूलों इत्यादि को भी सुधारने का भरपूर प्रयास किया गया है। प्राशा है, अपने गुण धर्म के कारण इस कोश का उपयोग और प्रयोग हिंदी जगत निरंतर करता रहेगा। वसंत पंचमी सं०२०४८ वि० सुधाकर पांडेय प्रधान मंत्री नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी