पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/४१३

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चलावा बलानदार १४६२ जैसे, 'कल संध्या को यह पकड़ा गया; और आज उसकी १०. बराबर काम में लाना । दिकाना । जैसे, वह कोट अभी चलान हो गई। ४. माल यसबाब आदि का एक स्थान से आप तीन वरत्त और चलावेंगे। ११. व्यवहार में लाना । लेन दूसरे स्थान पर भेजा जाना । जैसे,- प्राज वहां से दस बोरों देन के काम में लाना । जैसे- इन्होंने यह खोटा रुपया भी की चलान हो गई है, प्रा० दिन में माल अापको वहां मिल चला दिया । १२. प्रचलित करना । प्रचार करना । जैसे,-- जायगा। ५. एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा या पाया (क) रीति चलाना, धर्म चलाना । (ख) बाप तो यह एक हया माल। जैसे,--हाल में एक नई चलान पाई है, उसमें नई रीति चलाते हैं। (ग) मुहम्मद साहब ने मुसलमानी धर्म अापके काम की बहुत सी चीजें हैं। चलाया था। १३. व्यवहृत करना । प्रयुक्त करना। जैसे,- क्रि० प्र०-आना। भेजना ।-मंगाना। तलवार चलाना, लाठी चलाना, यालम चलाना, हाथ पर ६. यह कागज जिसमें किसी की सूचना के लिये भेजी हुई चीजों चलाना । १४. तीर, गोली ग्रादि छोड़ना । किसी वस्तु को की सूची या विवरण प्रादि हो । रवन्ना किसी और लक्ष्य करके बेग के साथ फॅफना । जैसे, तुला या विशेष-(क) उस प्रकार की चलान प्रायः सरकारी खजानों या गुलेला चलाना। १५. किमी वस्तु से प्रहार करना । किसी . . तहसीशों यादि से दूसरे दफ्तरों में भेजे जानेवाले रुपए के साथ चीज से मारना । जैसे,हाथ बलाना । डंडा चलाना । १६. भेजी जाती है (1) वह चलान चुगी आदि के संबंध में माल किसी व्यवसाय या व्यापार की वृद्धि करना । काम चमकाना। के लिये राहदारी के परवाने का भी काम देती है। जैसे, जब सब लोग हार गए, तब उन्होंने कारखाना चला- क्रि० प्र०-देना !--मेजना-लिखना, प्रादि । कर दिखला दिया। १७. याचरण कराना । व्यवहार कराना। विशेप--(क) उर्दुवालों ने इस शब्द को 'चालान' बना लिया १६. थान में से कपड़ा उतारते समय उसे सीधा न फाड़कर हैं । (ख) पश्चिम में यह शब्द प्रायः पुलिंग माना जाता है। असावधानी प्रादि के कारण टेडा या तिरछा फाडना । चलानदार--संज्ञा पुं॰ [ हि० चलान+फा० दार (प्रत्य॰) ] वह (बजाज)। ... मनुष्य जो माल की चलान के साथ उसकी रक्षा के लिये चलानी संहा स्त्री० [चलान ] खीद तथा विक्री के लिये माल जाता है। बाहर भेजने तथा लाने का कार्य। चलाना- क्रि० स० [हिं० चलना] १. किसी को चलने में लगाना । चलानी-वि० हि० चलान संबंधी 1 चलानवाला । 3०-ॐह तुम चलने के लिये प्रेरित करना । जैसे,—गाड़ी, घोड़ा. नाव खोटी चलानी घो हो । मेला०, पृ० ६५ । या रेल आदि चलाना । २. गति देना। हिलाना डुलाना । चलायमान - वि० [सं०] १. चलनेवाला । जो चलता हो। २. हरकत देना । जैसे,--चरखा चलाना । ( कलछी प्रादि से) चंचल । ३. विचलित । दाल भात चलाना, घड़ी चलाना। चलाया--संज्ञा पुं० [हिं० चलना] १. चलने का भाव । यात्रा। मुहा०-(किती) की चलाना-प्रसंगवश किसी का जिक्र प्रयाण । पयान । रधाननी। उ०-तपावंत छाला लिख .. करना । किसी के बारे में कुछ कहना। जैसे,- हम और किसी दीन्हा । वैग चलाव चहूँ दिसि कीन्हा ।-जायसी (शब्द०)। ... फी नहीं चलाते, अपने बारे में ही यह सकदे हैं। पेट २ दे० 'बलावा'। चलाना=(१) दस्त लाना। जैसे,—यह दवा एकदम पेट चला देगी। (२) निर्वाह करना। गुजर करना। मन या दिल चलावक@--वि० [हिं० ] चलानेवाला । उ०--राज माह इ ईणि परिरहई। राज चलावक और परधान । ईण सूविरोध चलाना=इच्छा करना । लालसा करना । जैसे,--वह चीज तुम्हें मिलने की नहीं; क्यों व्यर्थ मन चलाते हो। मुह नह बोलिज 1-बीसन० रास०, पृ० ५३ । चलाना-खाना। भक्षण करना । जैसे,---तुम खाली क्यों चलावनहार -वि० हिं० चलायना+हार (प्र.)] प्रवर्तक । व हो, धीरे धीरे मुह चलाते चलो। मुह पेट चलाना= चलावनहाराष'--वि० [हि० चलावन+हारा (प्रत्य॰) । के दस्त लाना । हाय चलाना=मारने के लिये हाथ उठाना । चलानेवाला । प्रवर्तक । उ०---धी गुमाई जी प्राप पुष्टिमार्ग पीटना । के बलाबनहारे है।-दो सौ वायन:, भा० १, पृ० ११२ । ३. कार्य निर्वाह में समर्च करना । निभाना । जैसे, हम इन्हें भी चलावना -क्रि० स० [हिं०] ३. 'चलाना' । जैसे तैसे अपने साथ चला ले जायगे। ४. प्रवाहित करना। बलाबा-संज्ञा पुं० [हिं० चलना] १. रीति । रसम । रवाज । यहाना । जैसे,-मोरी चलाना, हवा चलाना । ५. वृद्धि कि० प्र०-. चलना। करना । उन्नति करना । ६. किसी कार्य को अग्रसर करना। २. द्विरागमन । गौना। मुकलावा । ३. एक प्रकार का उतारा किसी काम को जारी या पुरा करना । जैसे, (क) हमने जो प्रायः गादी में भयंकर बीमारी पड़ने के समय किया यह काम चला दिया है। (ख) काम चलाने भर को इतना जाता है। बहुत है । ७. प्रारंभ करना । छेड़ना । जैसे,-बात चलाना। विदोष- इसे लोग बाजा बजाते हुए अपने गांव की सीमा के जिक्र चलाना । ६. वराबर बनाए रखना। जारी रखना । बाहर ले जाकर किसी दूसरे गांव की सीमा पर रख जाते हैं जसे वंश चलाना, नाम चलाना, कारखाना चलाना । ६. . और समझते हैं किवीमानी इस गांव से निकल कर उस गांव खाने पीने की वस्तु परोसना। खाने की चीन आगे रखना। में चली गई।