पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/४३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

खटकाना १११६ खटमल लटकती हुई एक लंबी रस्सी बंधी रहती है, जिसे हिलाने या (क) उन दोनों में न जाने क्यों खटपट हो गई है। (सा) रोज झटका देने से वह टुकड़ा किसी डाल या तने से टकराकर रोज की खाटपट अच्छी नहीं । दो कठोर वस्तुओं के टकराने 'खट' 'खट' शब्द करता है। खटखटा । खड़खड़ा। का शब्द । 'खट खट' का शब्द । उ०-अंग बचाय उछरि पग क्रि० प्र०--लगाना । बाँधना धरै। झपटहिं गदा गदा सो लरें। खटपट चोट गदा फट- खटकाना- क्रि० स० [हिं० खटकना] १.'खट' 'खट' शब्द कारी । लागन शब्द कोलाहल भारी!--लल्ल (शब्द॰) । ३. करना । किसी वस्तु पर इस प्रकार आपात करना जिसमें झमेला । पाल जाल । झझट 1 बखेड़ा। उ.--ठाकुर कहत खट खट शब्द हो । जैसे,-किवाड़ खटकाना, जंजीर खटकाना। कोऊ हरि हरिदास जे वे तिनकौं न व्याने दुनी के खटपट २ शंका उत्पन्न करना। भड़काना (५०)।३.विगाड़ हैं। ठाकुर श०, प०१३। ४. ऊहाड । संशय । १०- करा देना। झगड़ा करा देना। जो मन की खटपट मिट, चटपट दरसन होय !-संतवानी. खटकामुख-संवा पुं० [सं०] १. नृत्य में एक प्रकार की चेष्टा । २.तीर भा० १, पृ० ५६ । चलाने का एक आसन । ३.दाण चलाने के समय हाथों की खटखटिया-वि० [हिं० खटपट लड़ाई करनेवाला । झगडाल ।। मुद्रा (को०)। खटपटी-संशा सी० [हिं०] दे० 'खटपट' -11 उ०-भीख मागि खटकीड़ा, खटकीरा-संज्ञा पुं॰ [हिं० खाट + कीरा दे० 'खटमल'। व खाय खटपटी नीक न लागे । भरी गोन गुढ़ तज तहाँ से खटकना--क्रि० स० [हिं० खटकना] दे० 'खटकना' ।' उ०- साँझ भार्ग। -पलटू०, पृ०७। .. . खटक्क खटं सो विहू सूर वारे-परासो, पृ० २। खटपदसंज्ञा पुं० [सं० परपद ] दे० 'पट पद। खटक्किा -संवा खौ[सं०] गवाक्ष । खिड़की [को०] । खटपदी-संशा प्री० [सं० पट्पदी] दे० . पट पदो' खटक्रम -संज्ञा पुं० सं० षट् फर्म, प्रा० खटक्रम्म] दे० 'पट् खटपाटी-संज्ञा स्त्री० [हि० खाट+पाटी] बाट को पाटो । उ०- कर्म'। उ०- खक्रम सहित जे विप्र होते हरि भगति चित लचिलाय रही खटपाटी करीट सै मानो महोदधि को तट दृढ़ नाहीं रे ।-२० बानी, प०४१ । ज्यों । कट बोल सुनो पटुता मुख की पटु द पलटी पलटी पर खटखट-संज्ञा पुं० [अनु०] १. 'खट' 'खट' शब्द । २. झंझट । ज्यों ।-देव (शब्द॰) । झमेला । जैसे--इस काम में बड़ी खटखट है। यह हमसे न महा०. सपाटी लेना या लगना-हठ या त्रोध के कारण स्त्रियों होगा । ३. लड़ाई । झगड़ा । जैसे,---रात दिन की खटखट का काम धधा छोड़ देना। बुरी होती है। खटपापड़ी-संज्ञा स्त्री दिश०] करमई नाम का पेड़ जिसे अमली भी खटखटा-संक्षा पुं० [हिं०] है• 'खटका-६'। कहते हैं। खटखटाना-फ्रि० स० [अनु॰] १.खट खट शब्द करना । किसी खटपुरा-संज्ञा स्त्री० [हिं० सह+पूरा] मिट्टी होड़कर बराबर करने । वस्तु को ठोंकना या पीटना । खड़खड़ाना । जैसे-दरवाजा की मगरी। या कुंडी खटखटाना । स्मरण करना । याद दिलाना। खटवना-संज्ञा पुं० [हिं० खाट+चुनना] खाट या चारपाई, आदि जैसे--बीच बीच में उसे खटलाटाए चलो, रुपया मिल ही बुननेवाला । जायगा। खटभिलावा--संझा पुं० [देश॰] पियाल नामक वृक्ष जिसमें चिरोंजी खटखटिया --संज्ञा पुं० [अनु॰] अट ताट शब्द करनेवाली काठ की चट्टी । कठनहीं। (बोल.) खटभेमल- संज्ञा पुं० [देश॰] एक प्रकार का छोटा पेढ़। खटखटिया-वि० [अनु॰] दे० 'बाटपटिया' (बोल०)। विशेष-यह हिमालय की तराई, प्रासाम, बगाल और दक्षिण खटखादक-संज्ञा पुं० [सं०१. शृगाल। सियार । २.कोमा । ३. भारत में होता है । इसकी पत्तियां बहुत छोटी छोटी होती .. पशु । जानवर । ४.शीशे का पात्र या वर्तन 12. खानेवाला . हैं और चारे के काम में आती हैं । जेड से कुमार तक इसमें - प्राणी [को०। एक प्रकार के पोले छोटे फूल और तदुपरांत मटर के समान " खटना--क्रि० स० [देश० खट्टण] धन उपार्जन करना। कमाना। छोटे फल लगते हैं, जो पकने पर काले हो जाते हैं। . (पश्चिम) २. अधिक परिश्रम करना । कड़ी मेहनत करना। खटमल-संज्ञा पुं० [हिं० खाट+मल =मैल] मटमैले उन्नावी रग ... जैसे-दिन रात बाट लाट कर तो हमने मकान बनवाया और का एक प्रसिद्ध कीड़ा को गरमी में मैली खाटों, कुरसियों और भाप मालिक बनकर पा ठे। ३. कठिन समय में ठहरे विस्तरों ग्रादि में उसन्न होता है । खटकीड़ा उड़स । रहना । विपत्ति में पीछे न हटना । १ प्राप्त करना । पाना । विशेष—यह अपने डंक द्वारा मनुष्य के शरीर से रक्त चुसता है। उ.---धन वे पुरुप वड़ा पणधारी, बालक सिरोमण सुजस यह याकार में प्राय: उरद के दाने के बराबर होता है। और खट।-रधु० रू०, पृ०२४ । ५.४ढ़ना । सोजना।. इसके अंडे बहुत छोटे छोटे और सफेद होते हैं। अंडे से ..उ-मित हर अपच्छन वीद खाट। किरमाल वहै वरमाल निक नने के प्रायः तीन मास बाद यह पूरे प्रकार का होता है। . . कट।-रा०००, पृ०३६ । इसे छूने से बहुत बुरी दुगंध निकलती है । बहुत घधिक गरमी . खटपंट--संशा लो० [अनु०] १. अनवन । लड़ाई। झगड़ा। जैसे- या सरदी में यह मर जाता है।