पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/४३५

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__चाल्सील चार्वाक वारशील-वि० [*०] अच्छे स्वभाववाला को किसी शर्त पर जहाज को किराए पर लेना या देना । जैसे- चास्यवा-संवा धु० [सं० घाउथवस्] रुक्मिणी के गर्भ से उत्पन्न चीनी व्यापारियों ने माल लापने के लिये हाल में दो जापानी . श्रीकृष्ण के एक पुत्र ! जहाज चार्टर किए है। वास्थवा दि० सुंदर कानवाला। चार्टर वि० [अ० चर्टि] जो राजा की सनट से स्थापित हुमा चामार-मंच पं० [सं०] स्वर्ण । सोना (फो० । हो। जैसे,- महारानी के लटर्स पेटेंट्स से स्थापित होने के चावहासिनी' वि० सी० [सं०] सुंदर हमनेवाली। मनोहर कारण कलकत्ता, मद्रास, बंबई और इलाहाबाद के हाइकोर्ट ... मुसकानवाली। चार्टर्ड हाइको कहा है। चारहासिनी --संटा ली. १. मनोहर मुसकानवाली स्त्री। २. चार्म' संघा पुं० [अं०] वि० चामिंग पाकरण (को०)। बैताली नामक छंद का एक भेद । वाम-वि० [सं०] [वि० सौर चार्मी] १. चमं संबंधी। २. चमड़े वाम्हासी. वि० [सं० त्राम्हासिन्] [वि० सी० चाहातिनी] सुंदर का । ३. चमड़े में मढ़ा हुना। जैसे, रथ यादि । ४. ढाल- हंसनेवाला। वाला । ढालयुक्त (ो । घारेक्षण-सं० [सं०] भूपाल । राजा (को०ः । चामण-वि० [सं०] [वि श्री चामरणी] चमड़े से ढका हुआ [को०] । बारोली:-संश कुं० [देश॰] गुठली। चामरण-संपुं० १. खालों का समूह । २. हालों का समूह [को०। चा - मी० [सं०] एक प्रकार की सड़क जो छह हाथ चौड़ी चामिक-वि० [सं०][वि०सी० चामिफी चमड़े का बना हमा कि० । होती थी। चामिण-संद [सं०] डालधारियो का समूह [को०। पाचर्चाgt संघाती हिंच । उ०-अच्छर वारि पंदित चार्य---संशा पुं० [सं०] १. प्रात्य वैश्य द्वारा सवर्ण स्त्री से उत्पन्न पड़ि भूले कर चाची सोई।--जंग श०, पृ० ५४ । एक वर्णसंकर जाति (मनु)। २.दूतकार्य । दौत्य (को०)। ३. • चाचिक-वि० [-] कुशल या दक्ष वेदपाठी)। वेदपाठ में कुगल जासूसी । भेद लेने का कार्य (को॰) । चार्या-दी [सं०कौटिल्य अर्थशास्त्र में वरिणत एक प्रकार बाचिय-संज्ञा पुं० [सं०] १. अंगराग ! २. अंगराग लेपन [को०] I का मार्ग या पथ जो एक दंड चौड़ा होता था। नाज-ससी ([२०] १. किसी काम का भार । कार्यभार । जैसे- चार्वाक-संशा गुं० [सं०] १. एक अनीश्वरवादी और नास्तिक र (क) उन्होंने 2 तारीख को आफिस का चार्ज ले लिया। ताकिक। ..() लार्ड रीडिंग ने २ तारीख को बंबई में, जहाज पर, पर्या०--बाहंग्पत्य । नास्तिक । लोकायतिफ । नए वायसराय को चार्ज दिया। विदोप-ये नास्तिक मत के प्रतक वृहस्पति के शिष्य माने जाते क्रि०प्र०-देना।—लेना। हैं। बृहस्पति और चार्वाक कब हुए इसका कुछ भी पता नहीं २.संरक्षण । तुपुर्दगी । देखरेख । अधिकार । जैसे---सरकारी है। बृहस्पति को चाणक्य ने अपने अर्थशास्त्र में अर्थशास्त्र पताल सिविल सर्जन के चार्ज में है। ३. अभियोग । का एक प्रधान प्राचार्य माना है । सर्वदर्शनसंग्रह में इनका मत पारोप। इसजाम । जैसे,—मालूम नहीं अदालत ने उनपर दिया हया मिलता है। पद्मपुराण में लिखा है कि प्रसुनें को 'क्या दाज लगाया है। वहकाने के लिये वहस्पति ने वेदविरुद्ध मत प्रकट किया था। पौं-चार्जशी । - नास्तिक मत के सबंध में विष्णु पुराण में लिखा है कि जब - क्रि० प्र०-लगना ।-लगाना । देना । लेना। धर्मवल से दैत्य बहुत प्रबल हए तब देवताओं ने बिष्ण के यहाँ ४ दाम । मूल्य । जैसे,—(क) सापके प्रेस में छपाई का चार्ज पुकार की। विप्ना ने अपने शरीर से मायामोह नामक एक - अन्य प्रेनों की अपेक्षा अधिक है। (ख) इतना चार्ज मत पुन्प उत्पन्न पिया जिसने नर्मदा तट पर दिगवर रूप में जाकर तप करते हुए असुरों को बहकाकर धर्ममार्ग से भ्रष्ट किया । निप्र-पारना ।—देना ।-पढ़ना । मायामोह ने असुरों को जो उपदेश किया वह सर्वदर्शनसंग्रह ५. किराया । भाड़ा। जैसे, अगर अाप डाकगाड़ी से जायंगे में दिए हए चार मत के श्लोकों से बिलकुल मिलता है। तो पापली डचोदा चार्ज देना पड़ेगा। जैसे-मायामोह ने कहा है कि यदि वन में मारा हुमा पशु स्वर्ग कि प्रा-देना ।-हगना। जाता है तो यजमान अपने पिता को क्यों नहीं मार डालता ६. हमला । प्रापमा । जैसे, लाठी चार्ज । इत्यादि। सिंगपुराण में त्रिपुरविनाश के प्रसंग में भी पाजाट संज्ञा पुं० [ भियोगपत्र। मर्द जुर्म । 50- शिवप्रेरित एक दिगंबर मुनि द्वारा अरों के इसी प्रकार मायानों से इसहानुसार रपोर्ट लेते रहे। नाजशीट तैयार बहकाए जाने की गाथा लिखी है जिसका लक्ष्य जैनों पर जान करते रहे। हाल०, पृ०७० पडता है। वाल्मीकि रामायण अयोध्या कांड में महर्षि वालि पाटर- सदर-संह पुं० [पं०] १. वह लख जिसमें फिसी सरकार का ने रामचंद्र की बयास होई प्रयोध्या लौट जाने के लिये जो भारते किसी को कोई स्वत्व या अधिकार देने की बात लिखी उपदेश दिया है यह भी चार्वाक के मारे बिनत मिलता ही है। सनद । अधिकारपन । जैसे, चार्टर ऐक्ट । २. है। इन सब बातों से सिद्ध होता है: स्तिक गत वहन