पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/४४३

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

गुला ५५३३ चिकनी - पृ०३११।। में रहने के कारण किसी अंग का ऐसा संकोच कि वह फैलाने चिकटा-वि० [हिं० चिकट] ३० "चिकट' । ७०-गुरु गुरु अंतर .. से जल्दी न फैले। जानो भाई। गुरु चिक्टा गुरु चोख जनाई।-तुरसी सा०, क्रि०प्र०-घरना । --पकड़ना। --लगना। चिंगुला-संश पुं० [देश॰] १. बच्चा। बालक । २. किसी पक्षी · चिकड़ी-संक्षा स्रो० [देश॰] एक छोटा पेड़ जो हिमालय पर . का छोटा बच्चा।। ८,००० फुट की ऊँचाई तक मिलता है।" बिहार -संबा पुं० [हिं० चिन्हार ] दे० 'चिन्हार'। उ० विशेप-इसकी लकड़ी वहृत मजबूत और पीलापन लिए होती - और बिहार प्रीतम को लोज । जो सिख सो कारण कोज । है। अमृतसर में इनकी कंधियां बहुत अच्छी बनती हैं। कठौत . . -इंद्रा०, पृ० ५१! .. आदि बनाने के काम में भी यह लकड़ी आती है। इसके पत्तों विड़ा-संज्ञा पुं० [सं० चिविट, प्रा. चिबिड़ ] एक प्रकार का की खाद बनती है । फूलों में मीठी सुगंध होती है। चर्वण जो हरे; भिगोए या उवाले हुए धान को कूटने से बनता चिकन - [सं० चिकन ] दे॰ 'चिकना' । . हैं । चिड़वा । पूरा। यो०-चिकनमुहा=(१) भलमुहाँ बननेवाला । चिकनी चुपड़ी चिउरा - पुं० [हिं० चिउड़ा] दे० 'चिउड़ा'।०-दधि चिउरा वात करनेवाला । (२) अच्छी सूरतवाला। ___ उपहार अपारा। भरि भरि कावरि चले कहारा।- चिकन -संदा पुं० [फा०] एक प्रकार का महीन सूती कपड़ा जिस- मानस, १२३०५।। पर उमड़े हुए वेल या बूट बने रहते हैं । कसीदा काढ़ा हुआ चिरा-संथा पुं० [हिं० चावल, चाउर].दे० 'चावल'। १०-लै कपड़ा । सूजनकारी का कपड़ा। चिरा निधि दई सुदामहि जद्यपि बाल मिताई। -तुलसी यौ०-चिकनकारी 1 चिकनगर । (शब्द०)। २. विउली। चिकनई --संज्ञा स्त्री० [हिं० चिकनई] दे० 'चिकनाई। उ०-पत चिउली'-संधा कुं० [देश०] १. महा की जाति का.एक जंगली पड़ बचाती है उसी की चिकनई । गाल का तिल क्यों न हो बेतेल ... जो हिमालय के प्रासपास भूटान तक होता है। ही।-नोखे०, पृ०७२। विशेप- इसका पतझड़ होता है। इसमें से एक प्रकार का तेल विकनकारी-संज्ञा स्त्री० [फा०] चिकन बनाने का काम । निकलता है जो मक्खन की तरह जम जाता है। इस तेल के चिकनगर, चिकनदोज-संवा पुं० [फा० चिकनगर, चिकनदोज ] जमे हुए कतरों को चिउरा या चिउली का पानी या फुलवा चिकन काढ़नेवाला । चिकन का काम करनेवाला । . भी कहते हैं । नेपाल आदि में इसे घी में मिलाते हैं। चिकना-वि० [सं० चिक्कण] [वि० मी० चिकनी] १. जो छूने में २. एक प्रकार का रंगीन रेशमी कपड़ा। खुरदार न हो। जो ऊबड़ खाबड़ न हो। जिसपर उंगली - पर्या-चिउग। फुलयारा । चार चूरी। फेरने से कहीं उभाड़ यादि न मालूम हो । जो साफ और चिउली-संशा सी० [सं० दिपिट, प्रा०चिबिड, छिबिल ] चिकनी बराबर हो । जैसे,—चिकनी चौकी, चिकनी मेज। २. जिस- सुपारी। पर सरकने में कुछ रुकावट न जान पड़े। जैसे,--यहाँ की चिक-संज्ञा स्त्री० [तचिक] १. बांस या सरकंडे की तीलियों का मिट्टी बडी चिकनी है, पैर फिसल जायगा । बना हुप्रा झंझरीदार परदा । चिलमन । २. पशुओं को मारकर मुहा०--चिकना देख फिसल पड़ना-के वल सौंदर्य या धन उनका मांस बेचनेवाला । चर। कर फंसाई (बूचरों की देखकर रीझ जाना । बन या रूप पर लुभा जाना। दुकान पर चिकटेगी रहती है। इसी से यह शब्द बना है)। ३. जिसमें रुखाई न हो। जिसमें तेल प्रादि का गीलापन हो। -उ०-जाट जुलाह जुरे दरजी मरजी पचड़े चिक चोर चमारे। जिसमें तेल लगा हो । स्निग्ध । तेलिया । तलौंस । . -(शब्द०)। महा०---चिफना घड़ा=(१) वह जिस पर अच्छी बातों का कुछ चिक'--संवा मी० [देश॰] कमरका वह दर्द जो एकबारगी अधिक बल असर न पड़े। योछा निर्लज्ज । बेहया । (२) जिसके पेट में पड़ने के कारण होता है। चमक । चिलक । झटका । लचक। कोई बात न पचे। क्षुद्र स्वभाव का । चिकने घड़ पर पानी चिक-संघा खौ[० चेक किसी वंक या महाजन के नाम वह कागज पड़ना=किसी पर अच्छी बात का प्रभाव न पड़ना। . जिसमें अपने खाते से रुपया देने का आदेश रहता है । हुंडी। ४. साफ सुथरा । संवारा हुआ । जैसे,—तुम्हारा चिकना मुह चिकट-वि० [सं० चिक्लद न एकरण (भेद नि०)। १. चिकना .देखकर कोई रुपया नहीं दिए देता। और मैल से गंदा । जिस पर मल जमा हो। मैला कुचला। मुहा०-चिकना चुपड़ा=बना ना । छैल चिकनियां । सवार . २. लसीला । चिपचिपा । सिंगार किए हुए । चिकनी चुपड़ी= दे० 'चिकनी चुपड़ी बाते'। . चिक्ट-संज्ञा पुं० देश.] १. एक प्रकार का रेशमी या टसर का चिकनी चुपड़ी बातें मीठी बातें जो किसी को प्रसन्न करने, पड़ा । २.दे कपड़े जिन्हें भाई अपनी बहन को उस समय बहकाने या धोखा देने के लिये कही जाय । वनावटी स्नेह से देता है जब बहिन की संतान का विवाह होता है। . भरी बातें । कृत्रिम मधुर भाषण । जैसे,—उनकी चिकनी चिकटमा-क्रि० प्र० [हिं० चिकट या चिक्फट से नामिक घातु] चुपड़ी वातों में मत पाना । चिकना मुह-सुंदर और संवारा जमी हुई मैल के कारण चिपचिपा होना। हुआ चेहरा। चिफने मुंह का ठग=ऐसा धूर्त जो देखने में और