पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/४६६

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चिरायता १५४४ -चिलका क्रि० प्र..-उपना।-उठना । - फलना-निकलना। पासा। किन चिरिहार हुकत लेई लासा |--जायसी (शब्द०)। मुहा०--चिरायध फैलना बदनामी फैलना। चिरायता--संशा पुं० [सं० चिरतिक्त या चिरात् ] दो ढाई हाथ ऊँचा चिरो-संवा श्री० [हिं० चिड़िया ] दे० 'चिड़िया' । उ०--चिरी- एक पौधा जो हिमालय के किनारे कम ठळे स्थानों में काश्मीर को मरन वालकन को खेल है |--श्यामा०, पृ०१५। से भूटान तक होता है । खसिया की पहाड़ियों पर भी यह चिरु--का पुं॰ [सं०] कंधे और बांह का जोड़ । मोढ़ा।. . पौधा मिलता है। चिरैता-ि--संज्ञा पुं० [हिं० चिरायता] दे० "चिरायता'। ... विशेष- इसकी पत्तियां छोटी छोटी और तुलसी की पत्तियों के चिरैया--संथा स्त्री० [हिं० चिडिया] १. दे० 'चिड़िया'। २. वर्षा बराबर होती हैं । जाड़े के दिनों में इसके फूल लगते हैं। का पुष्य नक्षत्र । उ०-अदा धान पुनर्वसु पैथा । गया किसान सूखा पौधा (जड़, डंठल, फूल, सव) औषध के काम में माता जो बोवै चिरैया । घाघ०, पृ०७३ । ३. परिहत का सिरा है । फूल लगने के समय पौधा उखाड़ा जाता है और दवाकर जिसे जोतनेवाला पकड़ता है। बाहर भेजा जाता है। नेपाल के मोरंग नामक स्थान से चिरौंजी--संज्ञा स्त्री० [सं० चार + बीज] पियार या पियाल वृक्ष के चिरायता बहुत पाता है। चिरायते का सर्वाग कड़वा होता फलों के बीज की गिरी। पियार के बीज की गिरी जो है। इसी से यह ज्वर में बहुतं दिया जाता है । वैधक में यह खाने में बड़ी स्वादिष्ट होती है और मेवों में समझी जाती दस्तावर, शीतल तथा ज्वर, कफ, पित्त, सूजन, सन्निपात, है। यह किशमिश, बादाम के साथ पकवानों और खुजली, कोढ़ श्रादि को दूर करनेवाला माना जाता है। मिठाइयों में भी पड़ती है। इसे पियार मेवा भी कहते इसकी गणना रक्तशोधक भोषधियों में है। डाक्टरी में भी हैं। दै० "पियार'। इसका व्यवहार होता है । चिरायते की बहुत सी जातियाँ । चिरोटा--संज्ञा पुं० [हिं०चिड़ा+ौटा (प्रत्य॰)] १ चिड़ा । गौरा होती हैं। एक प्रकारका छोटा चिरायता दक्षिण में बहत है। पक्षी । २. चिड़िया का छोटा बच्चा। एक चिरायता कल्पनाथ के नाम से प्रसिद्ध है जो सबसे अधिक चिरौरी--संक्षा पुं० [ देश०.] प्रार्थना । उ०-और कर्मचारियों को कड़ा होता है। गीमा नाम का एक पौधा भी चिरायते ही बहुत सा समय चिरौरी बिनती करने में कट जाता था। की जाति का है जो सारे भारत में जलाशयों के किनारे होता -काया०, पृ० १७१। है। दक्षिण देश के वंद्य और हकीम हिमालय के चिरायते चिर्क-संवा पुं० [फा०] १. गंदगी। मल । २. मल । ट्टी। की अपेक्षा शिलारस या शिलाजीत नाम का चिरायता चिर्भटी-संहासोसिं०] ककड़ी। प्राखाना। ३. मवाद। पीब। अधिक काम में लाते हैं जो मदरास प्रांत के कई स्थानों में होता है। चिर्म-संक्षा पुं० [फा०, तुलनीय सं० चम चमड़ा। .:. .. पर्या--भूनिय । अनार्य तिक्त । करात । कांडतिक्तक । किरातक। चिमिठी--संवा स्त्री० [हिं० चिरमिटी] दे० चिरमिटी'। उ०---क्या किराततिक्ता चिरतिक्त। रामसेवक। सुतिक्तफ। चिराटिका। मैं सोने के सुहावने दाने को काले मुह की चिमिठी के साथ काटुतिक्ता । तोल ?--श्रीनिवास प्र०, पृ० ११५। । चिरायु-वि० [सं० चिरायुस्] चिरंजीवी'। बड़ी उम्रवाला । बहुत । चिर्राहिम--संक्षा स्त्री० हिं० चिरायेंध] दे० "चिराइन'। उ०--मांस दिनों तक जीनेवाला । दीर्घायु । ' . का, चटचटाकर जलना और उसमें से चिर्राहिन की दुर्गध चिरायु-संशा पुं० देवता। निकलना ।-भारतेंदु ग्रं०, भा०२. पृ०८१॥ चिरारी@-संझा सी० [सं० धार ] चिरौंजी । उ०-खरिक दाख चिरी--संज्ञा स्त्री॰ [सं० चिरिका (=एक अस्त्र का नाम) ] बिजली। अरु गरी चिरारी। पीड़ वदाम लेत वनवारी। - सूर वन। (शब्द०)। क्रि० प्र०--गिरना ।-पड़ना ।--मारना-विजली गिरना । चिराव-संशा पुं० [हिं० चिरना] १. चीरने का भाव या क्रिया । २. स्त्रियाँ शाप में कहती हैं, तुम्हें चिरौं मारे। ___घाव जो चीरने से हो। चिलक'--संवा सी० [ हि चिलकना ] १. प्राभा । कांति । श्रुति । चिरिटिका, चिरिटी-संच झी० [सं० चिरिण्टिका, चिरिण्टी ] चमक । झलक । 30-(क) कहै रघुनाथ वाके मुख की लुनाई दे० 'चिरंटी। भाग चिलक जुन्हाइन की चंद सरसानो है। रघुनाथ (शब्द०) चिरि'- संज्ञा पुं० [सं०] तोता (को०] | . (ख) जब वाके रद की चिलक चमचमाती बहु कोनि । चिरि-संशा श्री० [हिं० चिरी] दे॰ 'चिरी'। होति दुति चंद की चपति चंचला जोति ।-शृगार ... चिरिका--संघात्री० [सं०] एक प्रकार का पुराना अस्त्र (को०]। - (शब्द०)। (ग) चिलक तिहारी चाहि के सूधो तिलक .. चिरिया--मंत्री [हिं॰] दे॰ 'चिड़िया' । 30--चिरिया सी ने ।-भूगार सत० (पाद०)।२. रह रहकर उ०१५ जागी चिंता जनक के जियरे । इतिहास, पृ० २८७।। दर्द । टीस । चमक । ३. एप बारगी पीड़ा होकर बंद . चिरिहार --संज्ञा पुं० [हिं० चिरी+हार (बाला) (प्रत्य॰)] . जानेवाला दर्द । जैसे,-उठते बैठते कमर में चिलक होती है पक्षी फंसानेवाला । बहेलिया। उ----जौं न होत चारा के क्रि० प्र०--उठना ।--होना।'