पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/४९८

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चेताना १५७७ चैवुला- घोताना--क्रि० स० [हिं० चेत या चेतना] १. भूली बात याद चन-संवा पु० [हिं० चैन] . 'कौन' । उ०---दिन रात्रि सेवा दिलाना। २. ज्ञानोपदेश करना ।। ३. चेतावनी देना। ४. विनु चन परत नाहा I" वा सा वावन०, भा० २, पृ० ८३ । चन -संज्ञा पुं० [सं० चणक, हिं० चेना ] दे० 'चेना"1.30-: : जलाना या सुलगाना (पूर्वी) । जैसे, प्राग या चूल्हा चेताना। बारह पानी चेन, नहीं तो लेन का देन |--लोकोक्ति । ५. धमकी देना। की नमा-समा स्री० [हिं० नवा] दे० 'चेनवा'। चेतावनी--संज्ञा गरी० [हिं० चोतमा ] वह बात जो किसी को । नगा-संज्ञा स्त्री॰ [देश॰] एक प्रकार की छोटी मछली जो उत्तर । होशियार करने के लिये कही जोय । सतर्क होने की सूचना । तथा पश्चिम भारत की नदियों और बड़े बड़े तालावों, क्रि० प्र०--देना। मिलना। विशेपतः ऐसी नदियों और तालाबों में जिनमें पास अधिक ... चोतिका --संज्ञा भी० [सं० चिति ] मुरदा जलाने की चिता । हो, पाई जाती है। सरा । उ०-चेतिका करुणा रची, सब छाँड़ि और उपाइ । विशेष---यह प्रायः एक बालिश्त लंबी होती है और इसका सिर क्यों जियों जननी बिना, मरिहूँ मिले जो पाइ।--केशव गिरई से कुछ बड़ा होता है। इसे प्रायः नीच जाति के और (शब्द०)। गरीब लोग खाते हैं । इसे चेगा या चेना भी कहते हैं। चेतुरा--संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार की चिड़िया जो संसार के 1 र नव-संशा पुं० [हिं० चेना] दे० 'चेना'। . . सब भागों में पाई जाती है । जेना--संज्ञा पुं० [सं० चणक] १. कॅगनी या. साँवा की जाति का विशेष—इसके नर और मादा के रंग में भेद होता है। यह पेड़ों एक अन्न जो चैत, वैसाख में बोया या असाढ़ में काटा . पर कटोरे के प्राकार का घोंसला बनाती है । जाता है। चतुवा@-वि० [हिं० चेत+उवा (प्रत्य॰)) चेतनेवाला । २० विशेष-- इसके दाने छोटे, गोल और बहुत सुंदर होते हैं। इसे . जात सवन कहं देखिया, कहहि कबीर पुकार। चेतुवा है तो पानी की बहुत आवश्यकता होती है, यहाँ तक कि काटने से: चेतहु, दिवस परतु है धार । - कबीर वी०, पृ० १६६ । तीन चार दिन पहले तक इसमें पानी दिया जाता है। : चेतोजन्मा-संा पुं० [सं० चेतोजन्मन्] कामदेव । इसी लिये खेतिहरों में एक मसल है--'बारह पानी चेन, नहीं . तोभव-संशः पुं० [सं०] दे० 'चेतोजन्मा' को०] । तो लेन का देन ।' कहते हैं, इस देश में यह अन्न मित्र : चेतोभू-संशा पुं० [सं०] कामदेव (को०] । या अरव से प्राया है। यह हिमालय में १०,००० फुट को .. तोविकार--संज्ञा पुं० [सं०] चित्त संबंधी विकार [को०] । ऊँचाई तक होता है। यह पानी या दूध.मैं नावल की तरह. . . चेतोहर-वि० [सं०] चेतना का हरण करनेवाला (को०] । पकाकर खाया जाता है और बहुत पौष्टिक समझा जाता है। चेतौनी-संज्ञा स्त्री० [हिं० चेतावनी] दे० 'चेतावनी'। शिमला के प्रासपास के लोग इसकी रोटियां भी बनाकर : चेत्य-वि० [सं०] १. जो जानने योग्य हो। ज्ञातव्य । २. जो खाते है। पंजाब में इसकी खेती प्रायः चारे के लिये ही होती. स्तुति करने योग्य हो । है । वैद्यक में इसे शोतल, कसैला, प्राक्तिवर्धक और भारी चोदि-संज्ञा पुं० [स] १. एक प्राचीन देश का नाम । माना है। विशेष- यह किसी समय शुक्तिमती नदी के पास था। महा- २. बेंच नामक साग। . . ... भारत का शिशुपाल इसी देश का राजा था। वर्तमान चेना-संज्ञा पुं० [हिं० चीना] दे० 'चीनी कपूर'। बुदेलखंड का चंदेरी नगर इसी प्राचीन देश की सीमा के चेप'- संज्ञा पुं० [हिं० चिपचिप से अनु०] १: कोई गाड़ा चिपचिपा अतर्गत है। इस देश का नाम पुर और चैद्य भी है। या लसदार रस । जैसे,--ग्राम का चेप, सीतला का चेप। २. इस देश का राजा। ३. इस देश का निवासी । ४. कौशिक २. लासा जो चिड़ियों को फंसाने के लिये बांस की लग्घियों मुनि के पुत्र का नाम। में लगाया जाता है। उ०--बनतन को निकसत लसत हसत हँसत उत प्राय । दृगखंजन गहि ले गयो, चितवनि चेप .. चोदिक-संज्ञा पुं० [सं०] दे 'नेदि'। लगाय'1--विहारी (शब्द०)। चेदिपति-संत पुं० [सं०] दे० 'चेदिराज'। . चेप-संज्ञा पुं० [हिं० चोप] चांव । उत्साह। . . .. चोदिराज....संज्ञा पुं० [सं०] १. शिशुपाल नामक राजा जिसका चोप..tan पं० [पना देला । मिट्टी का ढेला । 30--हमरे वजन . वध श्रीकृष्ण ने किया था। २. एक वसु का नाम जिन्हें इंद्र. जे तोहहि विराम । फेके लेगो चोप पवि पुनु ठाम |--- से एक विमान मिला था और जो पृथ्वी पर नहीं चलते थे, विद्यापति, पृ० ३०३ । ऊपर ही उपर अाकाश में भ्रमण करते थे। इनका दूसरा पदार-वि० [हिं० कोप-फा० दार (प्रत्य॰)] जिसमें चेप या... नाम परिचर भी था। लस हो। चिपचिपा । .. . चेन'-- संग एली० [अं०] बहुत सी छोटी छोटी कड़ियों को एक चपना--कि० स० [हिं० चेप से नामिक धातु] चिपकना । सटाना ! में गथकर बनाई हुई शृखला । सिकड़ी। जंजीर । जैसे,- पांग- संज्ञा पुं० [देश नेपाल में रहनेवाली एक पहाड़ी जाति :- नेलगाड़ी के दो डिच्चों को जोड़ने की चेन, घड़ो में लगाने चोबला--संज्ञा पुं० [देश॰] एक पेड़ जिसकी छाल चमड़ा सिझाने ... की चेन। . . . . और रंग बनाने में काम पाती है। ....