पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/५५२

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

छात्र छानना ऐसा घोर दुःख होना जो प्रकट न किया जा सके। मन ही छादन-संज्ञा पुं० [सं०] [वि० छादित] १. छाने या ढकने का काम । मन संतप्त होना । छाती में छेद होना या पड़ना=कष्ट या २. वह जिससे छाया या ढका जाय । आवरण । पाच्छा- अपमान सहते सहते हृदय जर्जर होना। बार बार के दुःख दन । ३. नीला म्लान वृक्ष । नीला कोरेया। ४. छिपाव । या कुढ़न से चित्त अत्यंत व्ययित होना । कुढ़ते कुढ़ते या गोपन । ५. पत्ता। पत्र [को०)। दुःख झेलते झेलते जी ऊब जाना। उ०-भेदिया सो भेद छादनी--संशा स्त्री० [सं०] चमड़ा । खाल [को० कहिवो छेद सो छाती परो।—सूर (शब्द०)। छादित वि० [सं०] ढका हुमा 1 छाया हुमा । आच्छादित । ३. स्तन । फुच । उ०-छाइ रहे छद छाती कपोलनि आनन छादी-वि० [सं० छादिन] [वि० स्त्री० छादिनी] छादक । प्रावरण- ऊपर प्रोप चड़ाई। - कविराज (शब्द०)। कारी । आच्छादन करनेवाला । मुहा०-- छाती उभरना युवावस्था प्रारंभ होने पर स्त्रियों के छादिमक-वि०सि०] १. जो वेश छिपाए हो । छद्म रूपधारी । स्तन का उठना या बढ़ना । छाती देना = बच्चे के मुह में २. पाखंडी । मक्कार । ३. बहुरूपिया ।' पीने के लिये स्तन डालना। दूध पिलाना । छाती पकना= छामिकर--संपा पु० ठग (को०] । स्तनों पर क्षत होना । स्तनों पर घाव होना । छाती भर छान--संज्ञा स्त्री० [सं० छादन, छाजन, प्रा० छायण छान] छप्पर । . श्राना=(१) छाती में दूध भर घाना। दूध उतरना । (२) घास फूस की छाजन । 30-टूटी छान मेघ जल बरस टूटै १० 'छाती उभड़ना । (३) अत्यंत दुःख होना अखिों में प्रासू पलंग विछाइए ।—सूर (शब्द॰) । भर माना । छाती में दूध छलकना=प्यार से छाती भर यो०-छान छप्पर - छाजन । खपरैल । पाना या छाती में दूध उतरना । उ०-प्यार से छाती उछलती छान--संश्चा स्त्री० [स० छन्द] वह रस्सी जिससे किसी पशु के पर ही रही, दूध छाती में छलकता ही मिला ।-चोखे०, पृ०७। बाँधे जायें । बंधन । छाती मसलना= छाती मलना । स्तन दबाना या मरोड़ना छान-संगा पुं० [हिं० छानना] छानना का समास में प्रयुक्त रूप । (संभोग का एक अंग)। जैसे, छानपछोर छानफटक, छानबीन आदि । ४. हिम्मत । साहस । दृढ़ता । जैसे,—किसी की छाती है जो छानना-कि० स० [सं०चालन या क्षारण] १. किसी चूर्ण या उसका सामना करे। ५. एक प्रकार की कसरत जो दुवगली तरल पदार्थ को महीन कपड़े या और किसी छरदार के ढंग की होती है। उ०-एक पंच जो उस समय किया वस्तु के पार निकालना जिसमें उसका कूड़ा करकट अयवा जाता है जब विपक्षी दोनों ओर से हाथ कमर पर ले जाकर खुरदुरा या मोटा अंश निकल जाय । जैसे, पानी छानना, कमर बांधकर झोंका देना चाहता है। इसमें विपक्षी के हाथ शरबत छानना, पाटा छानना । फो ऊपर से लपेटते हुए खेलाड़ी अपने हाथ मजबूत बांधकर संयो० क्रि०-डालना।--देना।-लेना। बाहरी या बगली टांग मारता है। २. मिली जुली वस्तुओं को एक दूसरे से अलग करना । भली और छात्र-संक्षा पुं० [सं०] १. शिष्य । चेला। विद्यार्थी । अंतेवासी। बुरी अथवा ग्राह्य और त्याज्य वस्तुभों को परस्पर पृथक २. मधु । ३. छतया नामक मधुमक्खी जो कुछ पीले और करना । बिलगाना । उ० -(क)जामि के अनजान हुआ कपिल वर्ण की होती है । सरधा । ३. छतया नामक तत्व न लिया छानि ।-कवीर (शब्द०)। (ख) मज्जन मधुमक्खी का मधु । पानि कियो को सुरसरि कर्मनाश जल छानि ?-तुलसी छात्रक-संह पुं० [सं०] १.छतथा या सरघा नामक मधमनखी (शब्द०) । ३. विवेक करना ! अन्त्रीक्षण करना। जाँचना । का बनाया हुमा मधु । २. विद्यार्थी। छात्र। पड़ तालना। ४. देखभाल करना। ढढना। अनुसंधान छात्रगंड-संज्ञा पुं० [सं० छात्रगण्ड] वह शिष्य जो श्लोक का एक करना । अन्वेषण करना । तलाश करना। खोज करना । चरण मात्र सुनकर सारे श्लोक का भाव समझ जाय । जैसे,-सारा घर छान डाला, पर कागज न मिला। तीक्ष्ण बुद्धिवाला शिष्य । १. अल्पज्ञ छात्र (को०)। संयो० क्रि०---डालना ।- मारना। छात्रदर्शन--संज्ञा पुं० [सं०] ताजा मक्खन । ५. भेदकर पार करना। किसी वस्तु को छेदकर इस पार से छात्रवत्ति--संधा स्त्री० [सं०] यह वृत्ति या धन जो विद्यार्थी को उस पार निकालना । उ०-जब ही मारयो खै चि के तन , विद्याभ्यास की दशा में सहायतार्थ मिला फरे। स्कालरशिप । मैं म वा जानि । लागी चोट जो सबद की गई करेजे छानि।- छात्रालय--संश पुं० [सं०] वह स्थान जहाँ विद्यार्थियों के ठहरने कबीर (शब्द०)। ६. नशा पीना । जैसे,—भाग छानना, का प्रबंध हो । वोडिंग हाउस । शराब छानना । ७. घृत या तेल आदि में काई खाद्यपदार्थ छात्रावास-संसा पुं० [मं छात्र-+प्रावास] दे० 'छात्रालय' । तलना। छाद-संज्ञा पुं० [सं०] १. छाजन । छप्पर । २.छत (को०] । छानना-फि० स० [सं० छम्दन, हिं० छावना] १. रस्सी से बांधना। छादक-वि०, संडा पुं० [सं०] १. छाननेवाला । पाच्छादन करने- रस्सी प्रादि से कसना । जकड़ना । वाला । २. खपरैल या छप्पर छानेवाला। छपरबंद । ३. यौ०-बावना छानना । जैसे, प्रसबाव वांध छानकर पहले से कपड़ा लत्ता देनेवाला। रख दो।