पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/७३

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खाकान .११४६ . खाट । ३. किसी काम का अनुमान । वह कागज जिसमें किसी काम के खाग-संक्षा पुं० [हिं०] ३०. 'खाँग। खर्च का अनुमान लिखा जाय । चिट्ठा तिखमीना । ४. कच्चा खाग- संज्ञा पुं॰ [फा० खाग] मुर्गी का.अंडा [को०] । चिठ्ठा । मसौदा । ५. किसी कहानी. लेख आदि का ढांचा। खागना'-क्रि०अ० [हिं० खांग = कांटा] चमना। गड़ना । उ०-. खाकान-संद्धा पुं० [ तु० खाकान ] १. महाराजा सम्राट् । शाहन- . (फ) शर सो प्रति वासर वासर लागें । तन घाय नहीं मन । शाह । २. तुर्फी सौर चीन के पुराने शासकों की उपाधि (को०] । प्राणन खाएं।--केशव (शब्द॰) । (ख). नासा तिलक प्रसून ... खाकानी--संवा स्त्री० [तु० खाकान + ई(प्रत्य॰)] शाहनशाही। । पद विपर चिवुक चारु चित खाग।--सूर (शब्द०)।...' उ.--तुमने मंगोलों से सीखो रणचतुराई प्रो खाकानी/- खानाRara TETiwar', खागनारे-क्रि० अ० [हिं०] 'खाँगना'। . . हंस०, पृ०१७॥ खागीता--सपा पुं० [सं० खागीनह] अंडे की बनी तरकारी प्रावि खाकिस्तर-संज्ञा सोफा० खाकिस्तर] १. जली हुई वस्तु का [को०]1 __ अवशेष । २. राख । भस्म [को०] 1 खाज-संहा पुं० [सं० खजु] एक' रोग जिसमें शरीर बहुत . खाकिस्तरी-संशा खो० [फा० खाफिस्तरी] १. मटमैला रंग । २. खुजलाता है । खुजली। मटमैले रंग की कोई भी वस्तु को । खाको'–वि० [फा० खा] १. मिट्टी के रंग का। भूरा । २. मुहा०-कोढ़ की खाज = दुःख में दुःख बढ़ानेवाली वस्तु । विपत्ति मिट्टी से संबंधित । मिट्टी का बना हुआ । मृण्मयं [को०] । ३. पर विपत्ति लानेवाली वस्तु । उ० --एक तो कराल कलिकाल सूल मूल तामें, कोढ़ में की खाज सो सनीचरी है मीन की।- बिना सींची हुई (भूमि)। तुलसी (शब्द॰) । मुहा०-खाफी अंडा-(१) वह अंडा जो भीतर से बिगड़ गया खाज-संथा पुं० [खाद्य, प्रा. सज्जा] खाद्य। चुग्गा उ०-वाका खातर हो और जिसमें से बच्चा न निकले । वयंडा। गंदा अंडा। चेचा ऊजला, चाका खाज निषेद । जन दरिया कैसे बने, हुस । (२) हरामजादा । बगुल के भेद ।-दरिया० बानी, प०२२। खाकी२- संज्ञा पुं० [फा० खाक] १. एक प्रकार के वैष्णव साधु जो खाजा-संज्ञा पुं० [सं० खाद्य प्रा० खज्जप] १. भक्ष्य वस्तु । खाद्य तमाम शरीर में राख लगाया करते हैं । २. मूसलमान फकीरों पदार्थ । जैसे,—बिल्ली का खाजा । उ०---ये उन तीर काल का एक संप्रदाय जो खाकी शाह का अनुयायी है। ३. पुलिस कार खाजा !-घट०, पृ० २०६ । फौज आदि के सिपाहियों की वर्दी के लिये प्रयुक्त होनेवाला महा०-खाजा होना= शिकार होना। मटमैले रंग का मोटा वस्त्र । २.एक प्रकार की मिठाई जो बारीक मैदे से बनाई जाती है। खाकेपा-संग पं० [फा० लाक-ए-पा] १. पदरज । पांव की उ.--हम खरमिटाव कइली है रहिला . चबाय के । भेवल धूल ।२.अत्यंत विनीत या दीन व्यक्ति [को०] । धरल बा दूध में खाजा तोरे बदे ।--बदमाश०, पृ०६। खाख-संज्ञा स्त्री० [फा०. खाक] ३०, 'खाक' । उ०-हुतभुक विच विशेष-गूध हुए मैदे को घी लगाकर सीधा वेलते हैं। फिर ' जल खाक ह्र उडणों हे दिन एक।-बांकी०.०, भा०२ 'मोयन देकर उसे दोहर देते हैं और फिर बेलते हैं। पृ० ४११ इसी प्रकार बार बार बेलकर मोयन देते, दोहरते और फिर बेलते . . खाखर-संज्ञा पुं० [हिं०] एक पक्षी। उ०-खाखर लावा घेरे . जाते हैं। अंत को उसे चौकोर बनाकर घी में तलते हैं और परे । जाला माह पर गट सव . धरे।-चित्रा०, पृ०२५ चीनी की चाशनी में पागते हैं । खाजा प्रायः दूध में भिगोकर खाखरा'@---संज्ञा पुं० [हिं०] एक युद्धवाद्य ।.3०-बण्जत खाया जाता है। सुगज्जत खाखारे । जे करत दिसि दिसि साकरे ।---हिम्मत, ३.एक जंगली पेड़ जो बहुत बड़ा नहीं होता। . खाजिक-संघा पुं० [सं०] भुना हुअा अन्न या धान्य [को०] । खाखरा-संज्ञा पुं० [देश॰ खवखरग] १.सूखी और कड़ी रोटी। . खाजिन-संज्ञा पुं० [अ०खा ज़िन] कोशाध्यक्ष । खजांची। मशियर . कोमा २.प्राटे को मोयन देकर घी में पकाया हुमा एक प्रकार का खाजी-संज्ञा स्त्री० [सं० खाद्य खाद्य पदार्थ। . . सूणा और कड़ा खाद्य पदार्थ । गुजरात में इसका विशेष महायाजी जाना= मुंह फी खाना । बुरी तरह परास्त और चलन है। लज्जित होना । उ--सानुज सगन ससचिव सुजोधन भए खाख सौ-संडा पुं० [फा० खुशखाश] पोस्त का दाना । खसखास । . सुखा मलिन लाई खाल खाजी--तुलसी (शब्द॰) । खाखी@-संशा रसी० [फा० खाक, पुं० हि० खाख+ई (प्रत्य०)] खाट---संज्ञा स्त्री० [सं० खवा] चारपाई। पलंगड़ी । बाटिया । धूलि । भस्म । खाक । उ०—प्रेम का चोलना सत्त सेल्ही . माचा। वनी, मान को मदि के कर खाखी--पलटू०, १०२६। यो०-खाटखटोला-वधना वोरिया। कपड़ा लसा । गृहस्थी का खाग"@-संशा पुं० [सं०] खड्ग, प्रा० खग्ग] खड़ग तलवार । सामान । जैसे--बस अपना बाट बाटोला ले जानो। 30--(क) विग्रहिया लागे समवादी।-रा० रु०, पृ० १४.। मुहा०-(किसी- फौ) खाट कटना= किसी का इतना बीमार .(स) गहूँ साग सनमुक्या दुई प्रत गर्व सुद्ध द्रढ़ा-ह० रासो, . पड़ना कि उसके मलमूत्र त्याग करने के लिये चारपा की पु० २५॥ . . बुनावट काटनी पड़े। बहुत बीमार पड़ना। खाट पड़ना या .