पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/७४

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खोटो खाता - खाट पर पढ़ना= बीमार पड़ना । बीमार होकर चारपाई पर खाड़ेती -वि० [खहना-चलना] चलना। हांकनेवाला । पड़ना । खा लगना या खाद से लगना-बहुत बीमार पड़ना। . ' चलानेवाला । उ०---खाईती खोटी हवं, धवल न खोटी - इतना बीमार पड़ना कि उठ बैठ न सकना । खाट से उतारा होय :--बाँकी० ग्रं॰, भा० २, पृ० ४२ 1 ':...: जाना-प्राजन्नमरा होना। मरने के समीप होना। खादर--संज्ञा पुं० [हिं० दे० 'सादर'। | विशेष-हिंदू धर्म के अनुसार चारपाई पर मरना बुरा समझा खात'--संचा। पुं० [सं०] १. खोदना । खोदाई। २.तालाव । जाता है । इससे जव प्राणी मरने के निकट होता है तब वह पुष्करिणी। ३. कुप्रा ४. गड्ढा ५.वह गड्ढा जिसमें खाद | बारपाई से नीचे उतार दिया जाता है। . . . . . बनाने के लिये कूड़ा और मैला आदि जमा किया जाता है। खाटर-संज्ञा मौ० [सं०] अरथी [को०] . . . ": : खात--संवा सी० १. मद्य बनाने के लिये रखा हया महुए का खाटना gf क्रि० स० [हिं० खटना] उपार्जन करना। पंदा देर। २. वह स्थान जहाँ मद्य बनाने के लिये महुधा रखा करना । 30-~-सादूलो वन साहियो खाट पग पग खून :- ... 'जाता है। वाकी ०, भा० १, पृ०२१।।.. . खात--संध्या स्त्री० [हिं० खाद] दे० 'खाद'। उ०--कोदो निपजन खाटना -कि० अ० निभना। टिकना । उ०-पिय विन : दल काज खात धनसारहि डारत! -अज० न०, पृ० ७८ । ..... मैं और न खाटा । सुंदर मन सब सौ भया खाटा ।-सुदर खात-वि० [सं०] १. खाना हमा। २. मैला । गंदा । | न०, भा०१, ३५।। खातक-संज्ञा पुं० [सं०] १. छोटा तालाव । तलया। २. नाई। खाटा'@-संघा स्त्री० [म.] प्ररथी [को०] | ... ... .. . .: परिखा । ३. ऋणी। अधमरा । फजदार । ४.सादनवाला | खाटा-वि० [हिं०] दे० 'खट्टा' 170-(क) दादू वैद ..बेचारा व्यक्ति । सानक (को०)। ___... क्या करें रोगी रहै न नाच । खाटा. मीठा चरपरा, माँ मेरा खातभू-संमायोः [सं०] परिखा । साई । ३ कुएं का गड्ढा । सात। वाच । दादू०, पृ०३६। (ख) पिय विन दिल में और न खातम--संधा पुं० [प्र. खातम] १. अंगूठी। अंगुलीय। मुद्रा। २. | खाटा । संदर मन सन सब भया खाटा --सुंदर में, भा० मोहर लगाने की अंगठी किोग। . ".१,०३५ ... . . यो०-खातमकार, खातमयंद%= (१) मुहर की अंगूठी बनानेवाला। खाटि-मंशा डी० [सं०] १.प्ररथी । २. क्षत वा घाव का चिह्न। (२) हाथीदांत के ऊपर नक्काशी करनेवाला। ४. वहम । सनक । चलचित्तता [को०] :: खातमा--संग्रा पुं० [फा० खातमा] १. प्रत । समाप्ति । २. परिणाम । | खाटिका-मद्या स्त्री० [सं०] खाट । प्ररथी । खाटि (को०] : . . नतीजा । अंजाम ३. मृत्यु । मौत।। | खाटिन -संघा पुं० [देशा०] एक प्रकार का धान जो अगहन के महीने खातर----प्रव्य०[फा० खातिर] दे॰ 'खातिर । २०-- सुनि सुनि प्रभु में तैयार होता है। . ..: . खादो -वि० [हिं॰] दे० 'खट्टा ।... ... तेरो गुननि तुव ज्ञानर के जात । -स० सप्तक, पृ० ३४५ ॥

साढ़ -संधा पुं० [सं० खात] गंढा। गतं । उ-तुईप्रस बहुत । सखीतल्पकार-संज्ञा पुं० [सं०] मिट्टी का पात्र बनानेवाला कुम्हार । !... खाड़ खनि मूदी। वहर न निकसवार होय मदी। जायसी " कुंभकार (को०)। ' (शब्द०)।

म 'खातव्यवहार-संज्ञा पुं० [सं०] एक प्रकार का गणित जिससे पोबारे -खाडव-संज्ञा पुं० [सं०] मिसरी [को० - तालाव आदि का क्षेत्रफल जाना जाता है। | खाडा -संक्षा पुं० [हिं०] दे० 'खोडा' उ०-खाडौ पाहो दुई खोता'-संघा चौ० [सं०] कृत्रिम तालाब या बावड़ी [को०] 1 . ... दिसि धारा । कबीर सा०,०७६ खांता-संवा पुं० [सं० शात] अन्न रखाने का गढ्ढा । बखार । | खाडव- संहासं० पाठय] वह रांग जिसमें केवल छई स्वर खाता-संक्षा पुं० [हिं० खात] १ वह वही या किताब जिसमें प्रत्येक | लगते हों। पाडव । आसामी या व्यापारी यादि का हिसाब मितिवार पौर खाड़ी'-संपा मौ० [हिं० खाद] समुद्र का वह भाग जो तीन मोर ... व्योरेवार लिखा हो। | : समुद्र से घिरा हो । प्राखाता ! खलीज.। ' ... मुहा०-खाता खोलना=(१) ३० 'साता डालना' ! (२) नया खाड़ी-संशा स्त्री० [हिं० खोड़] अरहर का सूखा और बिना फल संबंध स्थापित करना । नया व्यव्हार करना । खाता दाखना- . : पत्ते का पेड़ : . ... . .... ..हिसाव खोलना । लेन देन प्रारंभ करना । खाता पड़ना= ..... | खाड़ी--संग श्री. हि फाढ़ना किसी चीज. में से अंतिम वार ।। . लेन देन प्रारंभ होना । खाते बाकी वह रकम जोमांति । निकाला हृया रंग। . .. . ........ .....बाको निकलती हो। २.मट विभाग जैसे-धर्म खाता, सार्च साता, माल साता। | खाड़ा-संदा पुं० [हिं० खांड] वे लंबी पतली' लकड़ियाँ जिनके ऊपर ...... ३. हिसाब । लेखा ! ३०-तुमसे छिग नहीं है मेरा लंबा रखकर नुपड छाए जाते हैं।

. : चौड़ा भाता।-अपलक, १० १६ । .. .