पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/७७

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खानजादा खाना खानजादा-संक्षा पुं० [फा०Jखान जाहJ१.अमीर का पुत्रा अमीर- पीता है। खानापीना लहू फरना-ऋद या खिन्न करके खाने । जादा । २. ऊंचे घराने का व्यक्ति । ३. ४. अच्छी जाति के वे पीने को निरानंद कर देना । फोध या खेद उत्पन्न करना। हिंदू जिनके पूर्वजों वे मुसलमानों के राजत्वकाल में मुसल खाने पीने से अच्छा या खुश-सूखसे जीवन निर्वाह करनेवाला। मानी धर्म ग्रहण कर लिया था। इनमें अधिकांश क्षत्रिय खामो वहो. तो पानी पियों यहाँ-खाने के बाद पानी पीने के लिये भी वहाँ न ठहरे; तुरंत चले पायो। पाने में क्षण मर' खानदान--संज्ञा पुं० [फा०खानदान] [वि० खानदानी] वंश । कुन। ... को भी देर न करो। खामी यही, तो हाथ धोनो यहाँ-तुरंत घराना। चले पायो। खाना न पचना-चैन न पढ़ना। जी न मानना । खानदानी-वि० [फा०] १. ऊँचे वंश का पिच्छे कुल का । २.क्श जैसे,-जबतक वह इधर उधर गप नहीं मारता, तबतक . . परपरागत । पैतृक । पुश्तैनी । ३. (व्यंग्य) अकुलीन (को०) उसका खाना नहीं पचता। खानदेश-संज्ञा पुं० [देश० खाँद = जगली जाति+देश] सतपुरा की विशेष--'खाना' क्रिया का प्रयोग कभी कभी अकर्मक के समान: पर्वतमाला के दक्षिण में बंबई प्रांत का एक प्रदेश। भी होता है। जैसे--यह खाने गया है। खानपान-संश पुं० [सं०] अन्न पानी । प्रावदाना। भोजन और २:हिंसक जंतनों का शिकार पफहना और भक्षरण करता . जल ।२.भोजन करने और जल पीने की क्रिया । खाना। जैसे-उसे शेर खा गया। . . .:.:.:. पीना । ३. खाने पीने का ढंग या भोजन करने की रीति। मुहा०- खा जाना-मार डालना। जैसे-वह ऐसा ताकता है। खाने पीने का प्राचार । ४. खाने पीने का संबंध । खुर्दनोश। मानो खा जायगा। फच्चा खा जाना-मार डालना। प्राण जैसे,—उनसे हमारा खानपान नहीं है। - ले लेना । जैसे--जी चाहता है, उसे कच्चा खा जाऊँ । खाने क्रि० प्र०—करना ।-चला आना ।--होना ।--रहना। दौड़ना-चिड़चिडाना । क्रुब होना । जैसे-जव उसके पास खानबहादुर-संशा पुं० [फा० खानबहादुर] एक खिताब जो ब्रिटिश रुपया मांगने जाते हैं, तब वह खाने दौड़ता है... शासन में भारत सरकार की ओर से मुसलमानों को दिया विशेष-विपैले कीड़ों के काटने के अर्थ में केवल काला' जाता था। खा बिहादुर । (साप) के साथ इस क्रिया का प्रयोग होता है । जैसे-तुझे खानस- संज्ञा स्त्री॰ [तु० खानम] १. खान की स्त्री । २. कुशीन या काला खाय । उ०—(क) प्राजुद्वि मेरे घर. खेलन आई । जात प्रतिष्ठित महिला । उ० बादशाह की माता खानम को छह कहूँ कारे-तेहि खाई-सूर (शब्द०) (ब) ताको माता खाई. दिन तक ज्वर पाता रहा। हुमायू, पृ०६. कारे। सो मर गई शाप - के मारे -सूर (शब्द०)। पर खानसामा-संज्ञा पुं० [फा० खानसामा] अंगरेजों, मुसलमानों आदि अलंकृत या मुहावरेदार भाषा में प्रत्युक्ति का भाव लेकर इस का भंडारी या भोजन बनानेवाला। क्रिया से खटमल, मच्छड़ आदि का बहुत काटना , भी व्यक्त खानसाहब-संज्ञा पुं० [फा० खानसाहब] १. पठानों के लिये. प्रयुक्त किया जाता है । जैसे-(क) . आज रात खटमलों ने खा. प्रादरार्थक शब्द । २. एक उपाधि ! डाला । (ख) यहाँ तो मच्छर खाए डालते हैं.... . खाना-क्रि० स० [सं० खादन, पा० खायन, खान [प्रे० रूप खिलाना] ३.किसी इंद्रिय-या अंग को उसके अरुचिकर विषय उपस्थित १.पाहार को मुह में चबाकर निगलना । भोजन करना। करके पीड़ित करना । तंग करना । दिक करना । कष्ट देना। भक्षण करना । पेट में डालना। जैसे—(क) तुम तो हमारे कान खा गए। (कड़े शब्द से), विशेष-इसका प्रयोग घन पदार्थों के लिये होता है, द्रव के (ख) क्यों सिर या जान खाते हो। ४. (कीड़ों का)..किती. लिये नहीं, यद्यपि किसी किसी के मह से प्रकिना ....वस्तु को कुतरना या काटना । जैसे,-किताब को कोडेखा- में) 'जल शााना' प्रादि सुना जाता है। गए । लकड़ी को दीमक खा गए । छुरी को मुर्चा खा गया । संयो० क्रि०--जाना ।-डालना ।-लेना । . ५.मुंह में रखकर रस प्रादि चूसना । चबाना। जैसे-पान, . यो.-खाना कमाना । खाना पीना । खाना उड़ाना.... लाना, तंबाकू खाना । ६ नष्ट करना। वरवाद करना । सत्या- महा--जिसका खाना, उससे गुर्राना=जिसका अन्न खाना .... ... नाश करना । जैसे-(क) तुम्हारी चालाकी तुम्हें.बा गई। ": () कोच मनुष्य' को खा जाते है। (ग) विदेशी माय. उसी को प्रांख दिखाना । उपकार न मानना । खाता कमाता म. - देशी कारीगरी को खा गया। ७.उड़ा देवा । दूर कर देना। पावमी-खाने पीने भर को कमानेवाला प्रादमी । वह मनुष्य न रहने देना। जैसे-चूना दीवार के रंग को घा गया। जिसके पास धन संचित न हो। खाना- कमाना = काम धंधा हजम करना । मार लेना। हड़प जाना । जैसे-वे कोठी का. करके जीविका निर्वाह करना । मेहनत मजदूरी करके गुजर .. बहुत रुपया खा गद। ६.खर्च करना । उड़ाना । जैसे, करना । खाने के दांत और दिखाने के और बाहर कुछ, - तनखाह में से कुछ बचाते भी हो कि सब खा डालते हो? मंदर फूछ । करना कुछ और, प्रगठ करना कुछ और खा पका १०.बेईमानी से रुपया' पैदा करना। रिशवत.यादि लेना। जाना या डावना-खर्च कर डालना। उड़ा डालना। जैसे,-प्रमले और नौकर चाकर सब जगह खाते पीते हैं। खानापीना%3 (१) भोजन पान करना। (२) सुख से दिन :११. खर्च करवाना । रुपया लगाना । जैसे, यह मकांत.... बिताना । जैसे-लड़के वाले भूखों मरते हैं और थाप खातार उनकी सारी माईखा गया। १२. समाना। समाना।