पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ३.pdf/९१

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खुखुड़ी खुटिला खड़ी -संज्ञा स्त्री० [हिं०] दे० 'खुखड़ी'। खंझड़ा-संक्षा पुं० [हिं०] ३० ख झा। खगीर-संज्ञा पुं० [फा० ख.गीर] १. वह ऊनी कपड़ा जो घोड़ों के खुझना -क्रि० अ० [हिं० खीझना ] झुंझलाना । खीझना । चारजामें के नीचे लगाया जाता है । नमदा । २. चारंजामा। . ज०-फईं गुलाल राम नहिं जानत खुझिहैं हमरी बलाई। जीन । ' गुलाल०, पृ० २५॥ · महा०--खुगीर की भरती = बहुत ही अनावश्यक और व्यर्थ खुझर-संज्ञा पुं० [सं० कु+हिजड़] पेड़ की वह जड़ जो धरती के के लोगों या पदार्थों का संग्रह । . भीतर कम जाती है, ऊपर ही चारो ओर फैलती है। .. खुच्ड़, खुचर-संज्ञा स्त्री० [सं० कुचरपराए दोष निकालनेवाला] नाटक - संज्ञा स्त्री० [अनु०, हि० खटवाना] खटका। प्राशंगा। ध्यर्थ के दोष निकालने की क्रिया। झूठमूठ अवगुण दिख चिता। उ० --मन में नेक साटक जनि राखहु दीन बचन मुख लाने का कार्य। . ते तुम भाखहु 1 -सूर (शब्द०)। (8) सोना फेंकने से मों क्रि० प्र०—करना ।-निकालना !-लगाना। को खुटक होगी, इससे इनका हाथों ही में रहना अच्छा है ।- खुचड़ी खुचरी-वि० [हिं० खुवर] व्यर्थ के दोष निकालनेवाला। ठेउ०, पृ० १८। । खुचुर-संज्ञा स्त्री० [हिं०] दे० 'चर' । उ०-मुझे क्या पड़ी थी जो खुटकना-क्रि० स० [सं० खुड़ या खुण्ड] किसी वस्तु का शिरोभाग चुर करती।-श्यामा०, पृ०६४ । . तोड़ना । किसी वस्तु को ऊपर ऊपर से तोड़ या लेना। खुचरी–वि० [हिं॰] दे॰ 'सा चरी'। खोटना। खजलाना'-क्रि० स० [सं० खर्जु, सर्जस] [संज्ञा , खा जलाहट, ‘खुटका-संज्ञा पुं० [हिं० ] दे० 'खटका'। खुजली] जटमल, मच्छड़ आदि के काटने के कारण या यों ही खुटको संज्ञा पुं० [हिं० ] खटका । आशंका । 30-मैं चंद्रावली किसी अंग में सुरसुराहट मालूम होने पर नाखान आदि से की पाती वाके यार सौंप देती तो इतनो चुटकोऊ न रहतो!- उसे रगड़ना । जलो मिटाने के लिये अंगुली प्रादि को अंग भारतेंदु ०, भा०१, पृ०४४१1 . पर फेरना । सहलाना । जैसे,-(क) वह सिर खा जला रहा है। खुटचाल -संज्ञा स्त्री० [हिं० खोटी+चाल ] १. दुष्टता । पाजी. (ख) हिरन सीगों से एक दूसरे को खुजला रहे हैं । पन । उ०---करे क्यों न खुटचाल, पडि सों पठन कटुक संयो० क्रि०-डालना।--देना।-लेना। तिय । चंद्रकला हरमाल, सदा एक परिवार है। -गुमान । खुजलाना--कि० अ० किसी अंग में सुरसूरी या खा जली मालूम (शब्द०)। २. कुत्सित प्राचरण । खराब चालचलन । ३.. होना । जैसे, हमारे हाथ सा जला रहे हैं। उपद्रव । बखेड़ा । टंटा। मुहा०-किसी काम के लिये कोई अंग खुजलाना= किसी काम खुटचाली-वि० [हिं० खुटचाल+ई (प्रत्य०)] १. दुष्ट । के करने या होने के लिये किसी अंग का चंचल होना या पाजी। २. उपद्रवी । दुराचारी । बदचलन। फड़कना । किसी काम के किप या हुए बिना न रहा जाना। खुटना'-क्रि० प्र०] सं० खुड ] खुलना। 30-तो तगि या मन- जैसे—(क) तुम्हें मारने के लिये हमारे हाथ ख जलाते हैं। . सदन मैं, हरि पावै फेहि वाट । निपट विकट. जौ लौ जुटं, (ख) मार लाने के लिये तुम्हारी पीठ ना जलाती है । (ग) - खुटहि न कपट कपाट ।-विहारी (शब्द०)। बोले बिना तुम्हारा मुह सा जलाता है। ... खुटना-क्रि० अ० [सं० तुड, प्रा० खुट्ट. हिं० छुटना] अलग खुजलाहट-संवा खी० [हिं० चा जलाना] अंग में खटमल, मच्छड़, होना। पृथक, होना। संबंध छोड़ देना। आदि के काटने या किसी कृमि के धीरे धीरे रेंगने का सा खुटना-क्रि० अ० [सं० खुर या खोट ] समाप्त होनां । खतम होना। अनुभव । सुरसुरी । छा जली। .. . खुटपन, खुटपना-संघा पुं० [ हि खोटा+पन, पना (प्रत्य॰)] खुजलो- संक्षा श्री० [हिं० ख जलाना 1 १. खुजलाहट । सुरसुरी। खोटापन । दोष । ऐव। क्रि० प्र०-उठना ।—होना । ... खुटवाई-वि० [हिं० खोटा ] खोटा । बुरा । उ०--दरिया जो कहै। २. एक रोग जिसमें शरीर बहत सा जलाता है और उसपर छोटे दरे दालि भई, दर देखि परा खुटवा किहा जाना ।-सं० छोटे दाने निकल पाते हैं। .. . .. : दरिया, पृ०६१ मुहा०- जली उठना=(१) दंड पाने की इच्छा होना। शामत खुटाई-संक्षा स्त्री॰ [हि० खोटाई ] खोटापन। दोप । उ-अरी पाना (विशेषतः बालकों के लिये) (२) प्रसंग कराने मधुर प्रधान तें. कटक वचन मत बोल । तनक खटाईते घटे, की इचछा होना (बाजारू)। सा जली मिटना=(१) दंड लखि सुबरन को मोल ।-रसमिधि (शब्द०)। - मिलना । पिटना । (२) प्रसंगहीना। . ' ' .. खुटाना -क्रि० प्र० [सं० खुण्ड = खोंडा होना, या खोट] समाप्त खुजवाना--क्रि० स० [हिं०] दे० 'खोजबाना' . होना । खतम् होना । खुटना । उ०-- जेहिं सुभाय चितवहि खजाना-क्रि० स०, कि० अहि .] दे० 'खुजलाना' । उ०-दग। हित जानी। सो जाने जनु प्रायु खुटानी।—तुलसी (शब्द०)। . फरमायर सींगते बायौं रही जाय ।-शकुंतला, १० ११६ । खुटिला--संज्ञा पुं॰ [देश॰] करमफूल नामक कान का गहना । उ०- खुज्जाक-संक्षा पुं० सं०] देवताल युक्ष (को०] । . खुटिला सुझग जराइ के, मुकुतामनि छनि देत । प्रगट भयो धन खज्झा -संवा पुं० [हिं०] दे० 'ख का। ... .. मध्य ते, शशि मनु, नखत सभेत 1---सूर (शब्द)। .