पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ५.pdf/१३६

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बात २४२९ बात (९) फँसाने या धोखा देने के लिए कहे हुए कादया किए हुए व्यवहार । जैसे,—तुम उसकी बातों में न आना। मुहा०-बातों में आना या जानाकाथन या व्यवहार से धोखा खाना। (1.) झूठ या बनावटी कथन । मिस । बहाना । जैसे,- यह सब तो उपकी बात है। (11) अपने भावी आचरण के संबंध में कहा हुआ वचन । प्रतिज्ञा । कौल । वादा । जैसे,—वह अपनी बात का पक्का है। मुहा०--यात का धनी, पक्का या पूरा-प्रतिशा का पालन करने- बाला । कौल का सच्चा । मुंह से जो कहे वही करनेवाला। दृढ़प्रतिश । बान का कच्चा या हेठा प्रतिक्षा भंग करनेवाला । अपनी बात पर न रहनेवाला प्रतिज्ञा भंग करनेवाला । कैल पूरा न करनेवाला । बात पक्की करना- (१) परस्पर स्थिर करना कि ऐसा ही होगा । दृढ़ निश्चय करना । (२) प्रतिज्ञा या संकल्प पुष्ट करना । वचन देकर और वचन लेकर किसी विषय में कर्तव्य स्थिर करना । बात पकी होना=(१) स्थिर होना कि ऐसा ही होगा। (२) प्रतिशा या संकल्प का दृढ़ होना । बात पर आना-अपने कहे हुए वचन के अनुसार ही काम करने के लिए उतारू होना। जैसा मैने कहा वैसा ही हो, ऐसा हठ या आग्रह करना । बात पर जाना--काथन या प्रतिज्ञा पर विश्वास करना । कहे का भरोसा करना । (अपनी बात रखना-वचन पूरा करना । प्रतिज्ञा का पालन करना । उ०—वेद विदित बहु धर्म चलाउब राखु हमारी बाता।-रघुराज । बात हारना- प्रतिज्ञा करना। वादा करना । वचन देना । जैसे,—मैं बात हार का हूँ नहीं तो तुम्हीं को देता। (१२) वचन का प्रमाण । साख । प्रतीति । विश्वास । जैसे,—जिसकी बात गई उसकी जान गई। मुहा०—(किसीकी) बात जाना-बात का प्रमाण न रहना । ( लोगों को) एतबार न रह जाना । यात खोना साख बिगाड़ना । ऐसा काम करना जिससे लोग एतबार करना छोड़ दें। बात बनना-साख रहना। विश्वास रहना । जैसे,- अभी बाज़ार में उनकी बात बनी है। बात हेठी होना : बात का प्रमाण या साख न रह जाना। वचन का विश्वास या प्रतिष्ठा उठ जाना । बात की कदर न रह जाना। (१३) मानमर्यादा । थाप । प्रतिष्ठा। इजत । कदर । जैसे,--अपनी बात अपने हाथ । उ०-सुनो राजा लंका पति, आज तेरी बात अति, कौन सुस्पति, धनपति, लोक- पति है।--सुलसी। मुहा०-यात खोना-प्रतिष्ठा नष्ट करना । इतत गॅवाना । ऐसा काम करना जिससे लोग आदर प्रतिष्ठा करना छोड़ दें । यात जाना-प्रतिष्ठा नष्ट होना । रुजत न रह जाना। उ.- उचित यासु निग्रह अब भाई । नतरु बात ज्दुकुल की जाई -गोपाल । बात बनना-प्रतिष्ठा प्राप्त होना । इज्जत पैदा होना। रंग जमना । लोगों पर अच्छा प्रभाव होना । जैसे,-दस आदमियों में उनकी बात बनी हुई है। ( अपनी) बात बना लेना-लोगों में प्रतिष्ठा प्राप्त कर लेना। लोगों के बीच जजत पदा करना । नाम या या प्राप्त करना । हैसियत पैदा करना । बात बिगदना (१) प्रतिष्ठा न रहन।। इक्जत न रह जाना । लोगों के बीच वैमा आदर या सम्मान न होना । (२) हैसियत बिगड़ना । दिवाला निकलना । बात बिगाना-प्रतिष्ठा नष्ट करना । ज्यान खान। । ५सा काम करना जिससे साख या मर्यादा न रह जाय । बात रख लेना प्रतिष्ठा नष्ट न होने देना। इनत न बिगड़ने देना। बात रह जाना मान मर्यादा रह जाना । इजात रह जाना । (१४) अपनी हैसियत, योग्यता, गुण सामर्थ्य इत्यादि के संबंध में कथन या वाक्य । जैसे,—अब तो वह बहुत लंपी चौड़ी बातें करता है। (१५) आदेश । उपदेश । माख । नसीहत । जैसे,—बड़ों की बात माना करो। क्रि० प्र०-पर चलना ।-~-मानना । मुहा०-थात उठाना=बात न मानना । थन या आदेश का पालन न करना । कहे अनुमार न चलना । (१६) रहस्य । भेद । मर्म । गुप्त विषय । जैसे, इसके भीतर कोई बात है। मुहा०—बात खुलना=गुप्त विषय प्रकट होना। छिपी व्यवस्था ज्ञात होना । छिपा मामला जाहिर होना । बात फूटना-- गुप्त विषय का कोई आदमियों पर प्रकट हो जाना । रहस्य प्रकाशित होना। (10) तारीफ की यात । प्रशंसा का विषय । जैसे,- उससे पहले पहुँचो तब तो बात । (१८) उक्ति । चमत्कार- पूर्ण कथन । (१९) गूद अर्थ । अभिप्राय । मानी। 30--- चतुरन की कहिए कहा बात बात में बात । मुहा०-बात पाना--छिपा हुआ अर्थ समझ जाना । गूदार्थ जान जाना । जैसे,—वह यात पाकर हँसा है, यों ही नहीं। (२०) गुण या विशेषता । खूवी । जैसे,—यह भी अच्छा है; पर उसकी कुछ बात ही और है। (२१) बंग। ध । तौर । (२२) प्रश्न । सवाल । समस्या । जैसे,—उनकी बात का जवाब दो । (२३) अभिप्राय । तात्पर्य । आशय । विचार । भाव । जैसे,—किसी के मन की बात क्या जानूँ ? (२४) कामना । इच्छा । चाह । उ०-उधो! मन की (बात) मन ही माहि रही।--सूर । (२५) कपन का सार । कहने का असल मतलब । तस्य । मर्म । जैसे,—तुमने अभी बात नहीं पाई, यों ही बिना समझे बोल रहे हो। ६०८