पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ५.pdf/४३९

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मारपंच २७३० मारी रना कहा इतनो मनमोहन जू अपने मन ऊटे।-रघुनाथ। और हिंदुस्तान की गवर्नमेंट से आवश्यकतानुसार लिखा-पढ़ी कुछ पढ़कर मारना=मंत्र से फूककर काई चीज़ किसी पर होती है। -द्विवेदी।। फेंकना । जैसे, मूंग मारना । साँप पर सरसों मारना। मारव-संज्ञा पुं० [ स० ] (१) मरु देवता । (२) राजतरंगिणी के जादू मारना=किसी पर जादू का प्रयोग करना । किसी पर मंत्र अनुसार एक प्राचीन देश । या तंत्र करना । सँग मारना शेखी वधारना । बड़ा बड़ी बाते - मारवा-संज्ञा पुं० [देश॰] (१) एक संकर राग जो परज, विभास करना । ऐसी बातें करना जिनका होना असंभव हो। उ.- और गौरी को मिलाकर बनाया जाता है। कुछ लोग इसे वाह ऐसा ही था तो चूदी पहिर लेते; जामर्दी की डींग भ्रम से श्रीराम का पुत्र मानते हैं। (२) एक प्रकार का क्यों मारते हैं। देवकीनंदन । मंत्र मारना जादू करना । खयाल जी तिलवाडा ताल पर बजाया जाता है। मंत्र पदकर फूंकना । उ.-गड्डी को एक दिवाल पर फेंक मारवाड-संज्ञा पुं० [हिं० मेवाड़) (१) मेवाड़ राज्य । दे. "मेवा"। देना और ऐसा मंत्र मारना कि पहिचाना हुआ ही ताश (२) राजपूताने का एक प्रांत जहाँ अव योकानेर और जोध. उसमें चिपक जाय, बाकी सब गिर पड़े । रामकृष्ण । पुर के राज्य है। मेवाड़ के आस-पास का प्रांत । (1४) धातु आदि को जलाकर उसकी भस्म तैयार करना। मारवाड़ी-संज्ञा पुं० [हिं० मारवाड] [स्त्री० मारवादिन] (१) मारवाद जैसे, पारा मारना, मोना मारना। (१५) अनुचित रूप देश का निवासी । (२) मारवाद देश की भाषा । से, बिना परिश्रम के अथवा बहुत अधिक प्राक्षि करना। वि० [हिं० मारवाड़ ] मारवाड़ देश का। मारवाद देश (इस अर्थ में इसका प्रयोग प्रायः माल या रकम आदि | संबंधी। शब्दों के ही साथ होता है । ) जैसे, माल मारना, किसी i मारवीज-संज्ञा पुं० [सं०] एक प्रकार का मंत्र। का हक मारना। (१६) करना । लगाना । जैसे, गोता ! मारा*-वि० [हिं० मारना ] जो मार डाला गया हो। मारा मारना । चकर मारना । (१७) विजय प्राप्त करना । जीतना। हुआ । निहत । उ.- परखेसु मोहि एक पखवारा । नहि जैम, मैदान मारना । (24) ताश या शतरंज आदि ! आवहुँ तो जानेसुमारा।-तुलसी। खेलों में विपक्षी के पत्ते या गोट आदि को जीतना । (१५) महा०-मारा फिरना,मारा सारा फिरना व्यर्थ घूमना फिरना। जो कुछ देना वाजिब हो, वह न देना । अनुचित रूप से बुरी दशा में इधर उधर घूमना । उ०-टुक हिर्स हवा को रख लेना । जैसे,—हमारे १००) उसने मार लिए। (२०) छोर मियाँ मत देश विदेश फिरे मारा। नजीर । बल या प्रभाव कम करना । मारक होना । जैसे,—जहर को मारात्मक-वि० [सं०] (1) हिंसक । (२) दुष्ट । (३) प्राण- जहर मारता है। (२१) किसी योग्य न रहने देना। निर्जीव ' नाशक । सांघातिक। साकर देना। जैसे, इन्हें तो फजूलखर्ची ने मारा है। माराभिभ-संज्ञा पुं० [सं०] बुद्ध देव । (२२) उसना । काटना । क मारना । (२३) लगाना । मारामार-कि० वि० [हिं० मारना ] अत्यंत शीघ्रता से । बहुत देना । जैसे, टाँका मारना । (२४) गुदा भंजन करना। जल्दी । उ.-मैं अयोध्या के राजा का सारथी है। दम- पुरुष का पुरुष के साथ संभोग करना । (२५) संभोग यंती का स्वयंवर आज ही सुनके मारामार घोड़ों को यहाँ करना । स्त्री-प्रसंग करना। लाया हूँ।-शिवप्रसाद । विशेष--(क) यह शब्द भिन्न भिन्न संज्ञाओं तथा कुछ विशिष्ट संज्ञा स्त्री० दे० "मारपीट"। क्रियाओं के साथ मुहावरे के रूप में अनेक प्रकार के अर्थ मारि*--संज्ञा स्त्री० [सं०] (1) मार डालना। वध करना। देता है। जैसे,—दम मारना, लकीर मारना, कोर मारना, (२) मरी (रोग)। धार मारना, पीस मारना, सता मारना, आदि । (ख) मारिच*-संज्ञा पुं० दे० "मारीघ" । इसके साथ प्रायः "डालना" और "देना" आदि संयोज्य संज्ञा पुं० दे० "मार्च"। क्रियाएँ आती हैं। मारित*-वि० [सं०] (1) जो मार डाला गया हो। निहत । मागच-संज्ञा पुं० [हिं० मारना+पच ] वह युक्ति जो किसी को (२) जी भस्म कर दिया गया हो। (वद्यक) धोखे में रखकर उसकी हानि करने या उसे नीचा दिखाने मारिष-समा पु० [सं०] (१) नाटक का सूत्रधार । (२) नाटक के लिए का जाय । धूर्तता । चालबाजी। में किसी मान्य या प्रतिष्ठित व्यक्ति के लिए संबोधन । मारफत-अन्य० [40] द्वारा । वलीले मे । जरिये से । (३) मरवा नामक साग । उ.--(क) सधै मागध मारफत यह काज श्रम बिनु मारिषा-संज्ञा स्त्री० [ से० ] दक्ष की माता का नाम । आसु।-गोपाल । (ख) नेपाल में एक अंगोली दृप्त रहता मारी-संज्ञा स्त्री० [हिं० मारना । कोई ऐसा संक्रामक रोग जिसके है। परेमाने rur karan mum zwain Termni m er