पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ५.pdf/४५३

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मिटका मिट्टी का तेल मिटका-संशा दे. "मटका"। वहाँ रख आता है, जिससे मालिक को चीज़ तो मिल जाह मिटना-कि... अ. [ में गृट, प्रा. मि । () किसी अकित चिह्य और यह नहीं प्रकट होने पाता कि चोर कौन है । आदि का न रह जाना । जैसे,—इस पन्ने के कई अक्षर डलवाना-चोरी गई हुई चीज का पता लगाने के लि गारो मिट गए है। (२) नष्ट हो जाना । न रह जाना । (३) किसी स्थान पर मिट्टी टालने के लिए करना । वि०-दे. खराब होना। धरबाद होना। जैसे, घर मिटना। (४) "मिट्टी डालना"। (३) मिट्टी देना--(१) मुसलमानों में किसी रह होना । जैसे, विधाता का लेख मिटना। के मरने पर सब लोगों का उसकी कन में तीन तीन मुट्ठी मिट्टी संयो० कि०-जाना। डालना जो पुण्य का कार्य ममझा जाता है । (२) क्रम में गाड़ना। मिटाना-कि० म.[हिं० मिटना का राक० रूप ] (1) रेखा, दाग, (मुसल०) मिट्टी पकड़े या तूप सोना होना भाग्य का प्रबल चिह आदि दूर करना । (२) नष्ट करना । न रहने देना । होना । सितारा चमकना । साधारण काम में भी विशेष लाभ (३) खराव करना । चौपट करना । बरवाद करना । (५) होना। मिट्टी में मिलना- (१) नष्ट होना । चौपट होना । खराव रह करना। होना । (२) भरना । मिट्टी में मिलाना नष्ट करना । चौपट संयां० क्रि०-जाना ।—देना । करना । बरबाद करना । मिट्टी होना=(१) नष्ट होना । खराब मिटिया-संवा [मिटा+इया (प्रत्य॰)] मिट्टी का छोटा होना । (२) गंदा या मैला कुचैला होना। परतन शिपमें प्रायः दूध आदि रखा जाता है। मटकी । यौ०--मिट्टी का पुतला--मानब शरीर । मिट्टी की सूरत-: वि० [हिं० मिटा+श्या० (प्रत्य॰)] मिट्टी का। मानव शरीर । मिट्टी के माधव-भूर्म । बेवकूफ । भोंदू । मिट्टी मिटियाना-कि. ग. | हिं० मिट्टा+आन। (प्रत्य॰)] मिट्टी लगाकर खरावी-(१) दुर्दशा । (२) बरबादी । नाश । माफ करना, रगहना गा चिकना करना । जैसे, लोटा (३) किसी चीज़ को जलाकर तैयार की हुई राख । भस्म । मिटियाना । जैसे, पारे की मिट्टी । सोने की मिट्टी। (४) कुछ विशेष मिटिया फस-वि० [हि गिटिया+फूस ] जो कुछ भी ह न हो। प्रकार की अथवा साफ की हुई मिट्टी जो भिन्न भिन्न कामों बहुत ही कमजोर । में आती है। जैसे, मुलतानी मिट्टी, पीली मिट्टी । (५) मिटिया महल-संशा yo {iro मिटिया+फा महल ] मिट्टी का शरीर । जिस्म । बदन । मकान । डोपड़ी। (व्यंग्य) मुहा०-किसी की मिट्टी पलीद या बरबाद करना-दुर्दशा मिटिया साँप-सा पं० [हिं. मिटिया+साप ] मटमैले रंग का करना । ग्बराबी करना । (इस अर्थ में यह मुहावरा अर्थ एक प्रकार का याँप जिसके ऊपर काले रंग की चित्तियाँ नं. ६ के साथ भी लगता है।) होती हैं। (६) शव । लाश। मिट्टी-संशा ख्री. सतिका, प्रा. मिट्टिआ] (1) पृथ्वी। भूमि । मुहा०-मिट्टी ठिकाने लगना-शय का उचित अन्त्यष्टि किया जन । जैस,---जो चीज़ मिट्टी से बनती है, वह मिट्टी होना । मिट्टी ठिकाने लगाना-शव की उचित अंत्येष्टि क्रिया में ही मिल जाती है। करना। मुहाल-मिट्टी करना-जमीन पर दृढ़तापूर्वक जम जाना। (७) खाने का गोश्त । मास । कलिया। (क०) (0) शारी- (२) वह भुरभुरा पदार्थ जो पृथ्वी के ठोप विभाग अथवा रिक गठन । बदन की बनावट । जैसे,—उसकी मिट्टी बहत स्थल में साधारणत: सब जगह पाया जाता है और जो अच्छी है; साठ बरस का होने पर भी जवान जान पड़ता है। उसके ऊपरी तल की प्रधान वस्तु है। खाक । धृल। मुहा०-मिट्टी ढह जाना शरीर में बुढ़ापे के निह दिखाई देना । मुहा०--मिट्टी करना नष्ट करना । ग्यराब करना । चौपट करना। (९) चंदन की जमीन जो इन में दी जाती है। जैम, रुपया मिट्टी करना, इनत मिट्टी करना, शरीर मिट्टी मिट्टी का तेल-संशा पुं० [हिं० मिट्टी+का+] एक प्रसिद्ध करना, कपड़े मिट्टी करना। मिट्टी के मोल बहुत सस्ता । ज्वलन-शील, खनिज, तरल पदार्थ जिसका व्यवहार प्रायः बहुत ही थाई मूल्य पर । जैसे,-वह मकान तो मिट्टी के मोल सारे संसार में दीपक आदि जलाने और प्रकाश करने के विक रहा है। मिट्टी डालना-(१) किसी बात को जाने देना। लिए होता है। यह संसार के भिन्न भिन्न भागों में जमीन छोड़ देना । (२) किसी के दोप को छिपाना । परदा डालना । (३) के अंदर पाया जाता है। कभी कभी तो जमीन में आप से एक प्रकार का प्रयोग जिसमें किसी को कोई छोटी मोटी चीज, विशेषतः ।। आप दरारें हो जाती हैं जिनमें से यह तेल निकलने लगता गहना आदि, खो जाने पर मब लोग एक स्थान पर जाकर थोड़ी थोड़ी है और इस प्रकार वहाँ इसके चश्मे बन जाते हैं। पर प्रायः मिट्टी डाल आन है । इस प्रकार कभी कभी चुरानेवाला भी भयवश यह ज़मीन में बड़े बड़े सूराख या छिद्र करके पिचकारी की अथवा और किसी कारण से चुराई हुई चीज उसी मिट्टी के साथ . तरह के बड़े बड़े यंत्रों की सहायता से ही निकाला जाता है।