पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ५.pdf/४६०

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मिलनी २७५१ मिलावट मकान मिलकर एक हो गए हैं। (३) सम्मिलित होना। जाति से निकाले हुए आदमी को फिर से जाति में मिलाने समूह या समुदाय के भीतर होना । जैसे,—(क) हमारी का काम । कितायें भी इन्हीं में मिल गई है। (ख) अब बह भी मिलान-संज्ञा पु० [हिं० मिलाना ] (1) मिलाने की क्रिया या जात में मिल गए हैं। __ भाव । (२) तुलना । मुकाबला । (३) टाक होने की च। यो-मिला जुला=(१) सम्मिलित । (२) मिश्रित । क्रि० प्र०—करना ।---मिलाना ।—होना । (४) मटना । जुड़ना । चिपकना । (५) आकृति, गुण आदि मिलाना-hि० म. [सं० मिन्टन । कि० गिलना का मक रूप ] (1) में समान होना। बिलकुल या बहुत कुछ बराबर होना। एक पदार्थ में दूसरा पदार्थ डालना । मिश्रण करना । जैसे, जैसे,—(क) इन दोनों पुस्तकों का विषय बहुत कुछ दूध में पानी मिलाना । (२) दो भिन्न-भिन पदाथों को एक मिलता है। (ख) इन दोनों का स्वभाव बहुत कुछ करना। बीच में अंतर न रहने देना । जैसे,—दोनों दीवार मिलता है। मिाना गई। (३) सम्मिलित करना। एफ करना । यो-मिलता जुलता--पक सा। समान । तुल्य । जैसे,—यह रकम भी उसी में मिला दी गई है। (६) आलिंगन करना। छाती में लगाना । भंटना । जैसे,। संयो० क्रि०-डालना ।—देना ।। राम और भरत का मिलना । (७) भेंट होना । मुलाकात । (४) पटाना।ड़ना। चिपकाना। (५) दो पदार्थों में होना । देवा देवी होना । जैसे, वह मुझसे रोज मिलते तुलना करना । मुकाबला करना। जैन,-दोनों का मिला हैं । (८) विरोध या द्वेष दूर होना। मेल-मिलाप होना । कर देख लीजिए । (६) यह देखना कि प्रतिलिपि आदि (९) संभोग करना। मैथुन करना। (10) किमी के पक्ष मूल के अनुसार है या नहीं। ठंक होने की जाँच करना । में हो जाना । जैसे,—अब तो भार उधर ही जा मिले । जैसे,-नकल तो पूरी हो की है, पर अभी मिलाना (११) लाभ होता । फायदा होना । नफा होना । जैग,-: घाफी है। इन सौदे में आको भी कुछ न कुछ मिल रहेगा। (१२) । संयां क्रि०लेना। प्रत्यक्ष होना । सामने आना । पता लगना । जैसे,-रास्ता (6) भेंट या परिचय कराना । (4) दो व्यक्तियों का विरोध मिलना। या द्वेष दूर करके उनमें मेट कराना । सुबह या संधि संयो० क्रि-जाना। कराना। (१) स्त्री और पुरुप का संयोग कराना। संभोग (१३) बजने से पहले बाजों का सुर या आवाज ठीक होना। ! या संबंध कराना। जैन, तयला मिलना । सारंगी मिलना। संयोगक्रि०-~-देगा।

  • क्रि० स० [?] गौ आदि का दूध दुहना ।

(१०) किसी को अपने पक्ष में करना । अपना भेदिया या मिलनी-संशा श्री. [ हिं० भिलना+ई (प्रत्य०) (१) विवाह की पाथ बनाना। माँटना । जैसे,-हम उन्हें अपनी ओर एक रस्म जो कहीं तो कन्यादान हो चुकने के उपरांत और | मिला लेंगे। कहीं उससे पहले होती है। इसमें कन्या-पक्ष के लोग वर- संयोनि-लेना। पक्ष के लोगों से गले मिलते और उन्हें कुछ नकद देते हैं। यौ०-मिलाना-जुलाना। कहीं कहीं यह रस्म स्त्रियों में भी होती है। (२) दे । (११) थाने से पहले बाजों का सुर या आवाज़ ठीक "मिलन"। ___ करना । जैसे, पावावज मिलाना । सारंगी मिला।।। मिलपत्र-संवा पुं० [सं० ] अश्मंतक वृक्ष । बहेड़े का पेड़। मिलाए-मज्ञा पुं० [हिं० मिलना+आप (प्रत्य॰)] (१) मिलने की मिलवाई-संक्षा स्त्री० [हिं० मिलवाना+ई (प्रत्य०)] (1) मिल-J क्रिया या भाव । (२) मेल या सद्भाव होना । मित्रता । वाने की क्रिया या भाव । (२) वह धन या पुरस्कार जो यौ---मेल-मिलाप । मिलवाने के बदले में दिया जाय। (३) भेंट । मुलाकात । (५) एक साथ बजने वाले बाजों मिलवाना-क्रि० स० [हिं० मिलाना का प्रेर० रूप ] (1) मिलने : का एक सुर में होना । (५) संभोग । संयोग । (६) दे. का काम दूसरे से कराना। दूसरे को मिलने में प्रवृत्त । "मिलाई"। करना । (२) भेंट या परिचय कराना । (३) मेल कराना। विशेष—इस शब्द का प्रयोग अधिकतर मनुष्यों या प्राणियों (४) संभोग कराना। के संबंध में होता है, वस्तुओं के मिश्रण के लिए नहीं । मिलाई-संज्ञा स्त्री० [हिं० मिलाना+ई (प्रत्य०) ] (1) मिलाने का मिलाव-संशा पुं० [हिं० मिलाना+व ( प्रन्य०) ] (1) मिलाने क्रिया या भाव। (२) मिलाने की मजदूरी। (३) विवाह की क्रिया या भाव । मिलावट । (२) मिलाप । की मिलनी नामक रसम । वि.दे. "मिलनी"। (४) मिलावट-संक्षा स्त्री० [हिं० मिलाना+आवट (प्रत्य॰)] (1) मिलाए