पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ५.pdf/४८१

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मुखज २०७२ मुखमंडनक मुखज-वि० [सं०] मुँह से उत्पन्न । मुख दूषिका-संशा स्त्री० [सं०] मुंह का एक प्रकार का क्षुम रोग संज्ञा पुं. मामण (जो भगवान् के मुख से उत्पन्न माने | जिसमें चेहरे पर छोटी छोटी फुसियाँ निकल आती है। गए है)। मुँहासा। मुखड़ा-संज्ञा पुं० [सं० मुख+६ि० हा (प्रत्य॰)] नुस्ख । चेहरा । मुखदूषी-संज्ञा पुं० [सं० मुखदूषिन् ] लहसुन । आनन । मुखधीता-संज्ञा स्त्री० [सं०] (१) भागी। भार्गी। (२) बाह्मण- विशेष इस शब्द का प्रयोग प्राय: बहुत ही सुदर मुख के । यष्टिका। लिए होता है । जैसे, चाँद सा मुखदा। मुस्खन्नस-वि० [अ०] नपुंसक । मुखतार-संश पुं० [अ०] (1) जिसे किसी ने अपना प्रतिनिधि | मुखपट-संज्ञा पुं० [सं०] (1) मुंह ढकने का वस्त्र । नकाब । बनाकर कोई काम करने का अधिकार दिया हो । (२) घट। यौ-मुखतार भाम । मुखतार खास । मुखपाक-संज्ञा पुं० [सं० ] एक प्रकार का रोग जो ममुथ्यों और (२) एक प्रकार के कानूनी सलाहकार और काम करनेवाले घोड़ों को होता है और जिसमें उनके मुंह में छोटे छोटे धाव जो वकील से छोटे होते हैं और प्राय: छोटी अदालतों में हो जाते हैं। फौजदारी या माल के मुकदमे सहते हैं। मुखपान-संज्ञा पुं० [हिं० मुख+पान ] पान के आकार का पीतल मुखतार श्राम-संशा पु० [अ० ] वह गुमाश्ता या प्रतिनिधि जिसे या किसी और धातु का कटा हुआ वह टुकड़ा जो संतूक सब प्रकार के काम करने, विशेषतः मुकदमे आदि लबने या अलमारी आदि में ताली लगाने के स्थान में सुदरता के का अधिकार दिया गया हो। लिए जड़ा जाता है और जिसके बीच में ताली लगाने के मुखतारकार-संशा पुं० [अ० मुखतार+फा० कार ] वह जो किसी लिए छेद होता है। काम की देख-रेख के लिए नियुक्त किया गया हो। मुखपिंड-संज्ञा पुं० [सं०] वह पिड जो मृत व्यक्ति के उद्देश्य से मुखतारकारी-संज्ञा स्त्री० [हिं० मुखतारकार+ई (प्रत्य॰)] (1) उसकी अंत्येष्टि क्रिया मे पहले दिया जाता है। मुखतारकार का काम या पद । (२) दे. "मुस्खतारी"। मुखपिडिका-संशा स्त्री० [सं०] मुँहासा। मुखतारपास-संवा पु० [अ० मुखतार+का खास ] वह जो मुखपूरण-संशा पु० [सं०] (१) मुँह में पानी भरकर फेंकना। किसी विशिष्ट कार्य या मुकदमे के लिए प्रतिनिधि बनाया कुल्ला । (२) मुँह में कुल्ली के लिए लिया हुआ पानी। गया हो। मुखप्रसेक-संशा पुं० [सं०] भावप्रकाश के अनुसार मुंह का मुखतारनामा-संहा पुं० [अ० मुखतार+झा० नामा ] (1) वह | एक रोग जो श्लेष्मा के विकार ये होता है। अधिकार-पत्र जिसके द्वारा कोई व्यक्ति किसी की ओर से | मुखप्रिय-संशा पुं० [सं०] (1) वह जो खाने में अच्छा लो। अदालती कार्रवाई करने के लिए मुखतार बनाया जाय। __ स्वादिष्ट । नारगी। (३) ककड़ी। यह दो प्रकार का होता है-मुख्तारनामा स्वास और मस्स-! मुज़फ्फ्फ़ -वि० [अ०] जो खफीफ या हलका किया गया हो। तारनामा आम । (२) वह अधिकार-पत्र जिसके अनुसार जो घटाकर कम किया गया हो। कोई पेशेवर मुखतार कोई मुकदमा बने के लिए नियुक्त संज्ञा पुं० किसी पदार्थ या शब्द आदि का संक्षिप्त रूप । किया जाय। जैसे,-"मीठा" का मुखाफफ "मिट" या "घोड़ा" का मुखतारनामा आम-संवा पुं० [हिं० मुखतारनामा+का० आम ] मुखफ्फफ "धुर" होता है। वह अधिकारपत्र जिसके द्वारा कोई मुखतार आम नियुक्त । मुखबंद-संश पुं० [सं० मुख+हिं० बंद ] घोड़ों का एक रोग किया जाए। जिसमें उनका मुंह बंद हो जाता है और जलदी नहीं खुलता मुखतारनामा खास-संशा पु० [हिं० मुखतारनामा+झा. खास] इसमें उसके मुंह से लार भी बहुत बहती है। वह अधिकारपत्र जिसके द्वारा कोई मुखत्तारखास नियुक्त मुखबंध-संज्ञा पुं॰ [सं०] किसी ग्रंथ की प्रस्तावना या भूमिका। किया जाय। मुखबंधन-संज्ञा पुं॰ [सं०] मुखबंध । प्रस्तावना । मुखतारी-संशा स्त्री० [हिं० मुनतार-+ (प्रत्य०) ] (1) मुख्तार | मुखबिर-संज्ञा पुं० [अ०] खकर देनेवाला । जासूस । गोइंदा । होकर दूसरे के मुकदमे लड़ने का काम । (२) मुखतार का मुखबिरी-संज्ञा स्त्री० [हिं० मुखबिर+ई (प्रत्य॰)] (1) खबर देने पेशा । (३) प्रतिनिधित्व । का काम । मुखबिर का काम । (२) मुखबिर का पद। मुखताल-संज्ञा पुं० [हिं० मुख+ताल ] फिसी गीत का पहला | मुखभूषण-संज्ञा पुं० [सं०] तांबूल । पान । पद । टेक। मुखभेड़ -संज्ञा स्त्री० ० "मुठभेड"। मुखदूषण-संज्ञा पुं० [सं०] प्याज । | मुखमंडनक-संज्ञा पुं॰ [सं० ] तिल का पौधा ।