पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ५.pdf/५७०

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यूथग २८६१ योंही का समूह । झुंड । गरोह । जैसे, गजथूथ । (२) दल । स्थापित होती है; और उसकी परीक्षाओं तथा उपाधियों सेना । फौज। आदि का सब जगह समान रूप से मान होता है। यूथग-संक्षा पुं० [सं०] चाक्षुप मन्वंतर के एक प्रकार के देवता। विश्वविद्यालय। युथनाथ-संक्षा पुं० [सं०] (1) यूथ का स्वामी । सरदार । (२) यूप-संज्ञा पुं० [सं०] (१) यज्ञ में वह बभा जिसमें बलि का सेनापति । मनाध्यक्ष । दलपति। पशु बाँधा जाता है । (२) वह स्तंभ जो किमी विजय अथवा यूथप-संशा पुं० [सं०] (१) सरदार । (२) सेनापति । (३) कीर्सि आदि की स्मृति में बनाया गया हो। जंगली हाथियों का सरदार । यूप-कटक-संज्ञा पुं० [सं० ] लोहे या लकड़ी का करा या छला यथपति-संज्ञा पुं० [सं.] सेना-नायक । पेनापत्ति । जो यूर के सिरे पर अथवा नीचे होता था। युथपाल-संज्ञा पुं० दे० "यूथपति"। युपकर्ण-संशा पु० [सं० ] यूप का वह भाग जो घृत से अभिपिक्क यूथिका-संज्ञा स्त्री० [सं० | जूही नाम का फूल और उपका किया जाता था। पौधा । उ०—पित अरु पीन यूथिका बेनी गूंथी विविध उपकेतु-मंशा पुं० [ मे० ] भूरिश्रवा का एक नाम । बनाय । रच्यो भाल निज तिलक मनोहर अंजन नयन यूपद्र-संज्ञा पुं॰ [सं० ] खैर का वृक्ष । सुहाय । -सूर । यूपध्वज-संज्ञा पुं० [सं० ] यज्ञ । युथी-संशा स्त्री० [सं० } जूही का पौधा या फूल । यूथिका। यूपा-संशा पुं० [सं० यत ] जूआ । शतकम। उ.--यह मनोरथ युनक-संज्ञा पुं० [?] गरी की बली । जीतथ यूपा । कहूँ कहेउ यह भेद न भूपा ।--पथलसिंह। यूनाइटेड-वि० [*] मिला हुआ। संयुक्त । जैसे, यूनाइटेड यूपाक्ष-संज्ञा पु० [सं०] रावण की सेना का एक मुख्य नायक स्टेट स (अमेरिका ), यूनाइटेड माविमेज़ (संयुक्त-देश आगरा जिसको हनुमान ने प्रमदा वन उजाड़ने के समय मारा था। व अवध)। युपाति-संज्ञा स्त्री० [सं० ] वह कृत्य जो यज्ञ में यूप गाड़ने के यूनान-संशा पुं० [ग्राक आयोनिया ! एशिया के सत्र से अधिक समय किया जाता है। पाय पड़नेवाला युरोप का प्रदेश जो प्राचीन काल में अपनी मध्य-संज्ञा पुं० [सं०] पलाय । सभ्यता, शिल्पकला, साहित्य, दर्शन इत्यादि के लिए जगत् युरप-संज्ञा पुं० दे. "युरोप" । में प्रसिद्ध था । आयोनिया द्वीप इसी देश के अंतर्गत था, युगल-संज्ञा पुं० (१) बहुत बड़ा हाइ जो एशिया और युरोर के जिसके निवासियों का आना जाना एशिया के शाम, फारस बीच में है । (२) इस पर्वत से निकलने वाली एक नदी आदि देशों में बहुत था; इसी ये मारे देश को ही यूनान का नाम । कहने लगे थे। भारतीयों का यवन शब्द यूनान देश-वासियों यरोप-संज्ञा पुं० दे० "युरो"। का ही सूचक है। सिकंदर इसी देश का बादशाह था। युरोपियन-संज्ञा पुं० दे० "युरोपियन"। यूनानी-वि० [ यूनान+ई ( प्रत्य० ) | यूनान देश संबंधी। यूरोपीय-वि० [ गुरोप+: (प्रा.) ! युरोप संबंधी । यूनान का। युरोप का। संज्ञा स्त्री (1) यूनान देश की भाषा । (२) यूनान देश का यह* -संज्ञा पुं० [सं० यश ] समूह | इंट। निवासी । (३) यूनान देश की चिकित्सा-प्रणाली । हकीमी। ये-सर्व० दे० "यह"। विशेष-फारस के प्राचीन बादशाह अपने यहाँ यूनान के सर्व हिं . यह ] "यह" का बहुवचन । यह पब । चिकित्सक रखते थे, जिससे वहाँ की चिकित्सा-प्रणाली का येई -सर्व० [हिं० यह+ई (प्रत्य) । यही। प्रचार एशिया के पश्चिमी भाग में हुआ। इस प्रणाली में ये*-सर्व० [हिं० + (प्रत्य०) । यह भी। क्रमशः देशी चिकिल्मा भी मिलती गई। आजकल जिसे येतो*-वि० दे. "एतो"। यूनानी चिकित्मा कहते हैं, वह मिली जुली है। खलीफा यहां-सर्व० दे० "यह"। लोगों के समय में भारतवर्ष मे भी अनेक वैद्य बग़दाद गये येह -अन्य० [हिं. यह+हू } यह भी । थे, जिसमे बहुत से भारतीय प्रयोग भी वहाँ की चिकित्सा यो-अव्य० [सं० एवमेव, प्रा० एमेअ, अप० एमि ] इस तरह पर । में शामिल हुए। इस प्रकार से । इस भाँति । ऐसे । जैम,-वह यों नहीं यूनिवर्सिटी-संज्ञा स्त्री० [अ० ] वह संस्था जो लोगों को सब मानेगा। प्रकार की उच्च कोटि की शिक्षाएँ देती, उनकी परीक्षाएं लेती योंही-अव्य० [हिं० यो+ही प्रत्य० ] (१) इसी प्रकार से । ऐसे और उन्हें उपाधियाँ आदि प्रदान करती है। ऐसी संस्था ही । इसी तरह से । (२) बिना काम । व्यर्थ हो । जैसे,---- था तो राजकीय हुआ करती है अथवा राज्य की आज्ञा से आप तो योंही किताबें उलटा करते हैं। (३) विना विशेष