पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग ५.pdf/७१

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घटेरवाज़ी २३६४ बा बटेरचाज़ी-संशा श्री० [हिं० बटेर+फा बाजी ] बटेर पालने या बदलने या तुमाने में हो। वह घाटा जो सिक्के के बदले में लड़ाने का काम । उसी सिक्के की धातु अथवा छोटा या बड़ा सिक्का लेने में बटेग-संक्षा पुं० [हिं० बटा } कटोरा। सहना पड़े। वह अधिक द्रव्य जो सिक्का भुनाने या उसी बोई-संशा ५० दे० "बटोही"। सिक्के की धासु लेने में देना पड़े। भाँज । जैसे, (क) बटोर-संगा पुं० [हिं० बटोरना ] (1) बहुत से आदमियों का | रुपया तुहाने में यहाँ एक पैसा बट्टा लगेगा । (ख) आज इकट्ठा होना । जमावड़ा। कल चाँदी लेने में दो आना बट्टा लगेगा। क्रि० प्र०—करना । —होना । क्रि० प्र०-देना । --लगना ।—लेना। (२) बस्तुओं का ढेर जो इधर उधर से बटोर कर या इकट्ठा (३) खोटे सिक्के धातु आदि के बदलने या बेचने में वह करके लगाया गया हो। (३) कूने करकट का ढेर । (पालकी : कमी जो उसके पूरे मूल्य में हो जाती है। जैसे—रुपया के कहार)। खोटा है इसमें दो आना बट्टा लगेगा। घटोरन-संस स्त्री० [हिं० बटोरना ) (8) वस्तुओं का ढेर जो मुहा०-बट्टा लगना दाग लगना । कलंक लगना । ऐब हो इधर उधर से झाब बटोर कर लगाया गया हो। (२) जाना । त्रुटि या कसर हो जाना । जैसे, इज्जत या नाम में कूड़े करकट का ढेर । (३) खेत में पड़ा हुआ अन्न का दाना बहा लगना, साख में बट्टा लगना । बहा लगाना–कलंक जो बटोर कर इकट्ठा किया जाय । लगाना । ऐव लगाना । दूषित करना । बदनाम करना । जैसे, बटोरना-क्रि० स० [हिं० बदरना ] (1) फैली या बिखरी हुई ! बड़ों के नाम पर बट्टा लगाना । वस्तुओं को समेटकर एक स्थान पर करना । जैसे, गिरे हुए। (४) टोटा । घाटा । नुकसान । हानि । दाने बटोरना, कूड़ा बटोरना। क्रि० प्र०-सहना। संयो० क्रि०—देना । लेना। यौ०--बट्टाखाता। (२) दूर तक गई हुई वस्तु को समेटकर थोड़े स्थान में संज्ञा पुं० [सं० बटक, हि. बटान्गोला ) [ स्त्री. अल्प करना। समेटना। फैला न रहने देना । जैसे, अपनी बट्टी, बटिया ] (१) पत्थर का गोल टुकड़ा जो किसी वस्तु चहर बटोर लो। (३) इधर उधर पड़ी चीजों को बिन : को कूटने या पीसने के काम में आवे । कूटने या पीसने का थिनकर इकट्ठा करना । चुनकर एकत्र करना । जैसे, सड़क पत्थर । लोढ़ा। पर दाने बटोरना । (४) इकट्ठा करना। एकत्र करना । यौ०-सिलबध। जुटाना । जैसे, रुपया बटोरना, पंचायत के लिए आदमी। (२) पत्थर आदि का गोल टुकड़ा । (३) गोल डिब्बा बटोरना। जिसमें पान या जवाहिरात रखते हैं। (४) कटोरा या प्याला बटोहिया -संशा पुं० दे० "बटोही"। जिसे औधा रखकर बाजीगर यह दिखाते हैं कि उसमें कोई बटोही-संशा पुं० [हि० बाट+वाह (प्रत्य०)] रास्ता चलनेवाला। . वस्तु आ गई, या उसमें से कोई वस्तु निकल गई । पथिक । राही । मुसाफिर ।। यौ०-बट टेबाज़ । बह-संज्ञा पुं० [हिं० बटा ] (1) बटा। गोला । (२) गेंद। (५) एक प्रकार की उबाली हुई सुपारी। उ.-प्रेम रंग लहपट आ जायें शपष्ट देवव देखे परै , बट्टाखाता-संज्ञा पुं० [हिं० बट्टा खाता ] वह यही या लेखा मानो नट्ट वह हैं।-रघुराज । (३) ऐ उन। मरोड़। बटाई। जिसमें नुकसान लिखा जाय । डूबी हुई रकम का लेखा या (४) बल । शिकन । (५) बाट । बटखरा । बही। बट्टन-संज्ञा पुं० [हिं० बटना ] बादले से भी पतला तार जो एक मुहा०-बट्टेखाते लिखना-नुकसान के लेख में डालना । तोले में ८०० वा १०० गज़ होता है। घाटा या नुकसान मान लेना । गया हुआ समझना । जैसे, अब बढा-संशा पुं० [सं० वार्त, प्रा० वाह-बनियाई ] (1) कमी जो व्यव ! यह २) बटेखाते लिखिए । हार या लेन देन में किसी वस्तु के मूल्य में हो जाती है। : बट्टाढाल-वि० [हिं० बट्टा+ढालना ] इतना चौरस और चिकना दलाली । दस्तूरी। डिसकाउंट । जैसे, माल बिक जाने कि उस पर कोई गोला लुढ़काया जाय तो लुढ़कता जाय । पर बट्टा काटकर आपको दाम दे दिया जायगा। उ.- खुब समतल और चिकना । उ.---यह भी जानना आघ- बट्टा काटि कसूर भरम को फेरन लै लै गरे।--सूर। श्यक है कि ज़मीन अर्थात् थल सभी जगह बराबर एक सी यौर-म्याज बहा। बहावाल मैदान नहीं है, किसी जगह बहुत ऊँची हो गई मुहा०-बट्टा काटना-दस्तूरी आदि निकाल लेना। है।-शिवप्रसाद (२) पूरे मूल्य में वह कमी जो किसी सिक्के आदि को बट्टी-संज्ञा स्त्री० [हिं० बट्टा ] (१) छोटा बट्टा । पत्थर आदि का