पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/३७६

विकिस्रोत से
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

सुभग 1 ६०६६ सुभसत्तरा सुभग'-सहा पुं० १ शिव । २ सोहागा । टकरण । ३ चपा। चपक । सुभट वर्मा-सञ्ज्ञा पुं० [स० सुभटवर्मन्] एक हिंदू राजा जो ईस्वी ४ अशोक वृक्ष।५ पीली कट सरैया। पीतझिटी । ६ लाल कटस- १२वी शतान्दी के अत और १३वी के प्रारभ मे विद्य- रया । रक्तभिटी। ७ भूरि छरीला। पत्थर का फूल। शैलेय । मान था। शैलाग्य । शिलापुप्प । ८ गधक । गधपापाण। ६ मुबल के सुभट्ट'-तज्ञा पु० [सं०] अत्यत विद्वान् व्यक्ति । वहुत बडा पडित । एक पुत्र का नाम । १० जैनो अनुसार वह कर्म जिममे जीव सुभट्ट--सज्ञा पु० [स० सुभट] वीर । सुभट । सौभाग्यवान होता है। ११ अच्छा भाग्य । सौभाग्य (को०)। सुभड@t--सज्ञा पुं० [म. मुभट] सुभट । शूरवीर (डि.) । सुभगता--सज्ञा स्त्री० [सं०] १ मुभग होने का भाव । २ सुदरता । सुभद्र'--सज्ञा पुं० [स०] १ विप्ण । २ सनत्कुमार का नाम । ३ सौदर्य । खूबसूरती। उ०-जागं मनोभव मुर्हु मन बन सुभ वसुदेव का एक पुत्र जो पौरवी के गर्भ से उत्पन्न हुआ था। गता न पर कही।--मानस, १८६। ३ प्रेम । ४ स्त्री के ४ श्रीकृष्ण के एक पुत्र का नाम । ५ इध्मजिह्व के एक द्वारा होनेवाला सुख । पुन का नाम । ६ प्लक्ष द्वीप के अतर्गत एक वर्ष का नाम । ७ सौभाग्य। ८ कल्यारण। मगल। सुभगदत्त--सज्ञा पु० [स०] भौमासुर का पुन । ६ एक पर्वत का नाम (को०)। सुभगमानी--वि० [स० सुभगमानिन्] अपने को सौभाग्यशाली सम- झनेवाला [को॰] । सुभद्र-वि० १ भाग्यवान् । २ भला। सज्जन । ३ अत्यत शुभ । मागलिक (को०)। सुभगसेन--सज्ञा पुं० [सं०] एक प्राचीन राजा जो सिकंदर के आक्रमण सुभद्रक-तशा पु० [सं०] १ देवरथ । २ बेल। बिल्वक वृक्ष । के समय पश्चिम भारत के एक प्रात मे शासन करता था। सुभद्रा--सज्ञा स्त्री० [स०] १ श्रीकृष्ण की बहन और अर्जुन की सुभगा'-वि॰ स्त्री० [म०] १ सुदरी। खूबसूरत (स्त्री! । २ (स्त्री) पत्नी जो अभिमन्यु की माता थी। जिसका पति जीवित हो । सौभाग्यवती। सुहागिन । विशेष-एक वार अर्जुन रैवतक पर्वत पर नुभद्रा को देखकर सुभगा -- सज्ञा स्त्री० १ वह स्त्री जो अपने पति को प्रिय हो । मोहित हो गया। यह देख श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुभद्रा का प्रियतमा पत्ली। २ स्कद की एक मातृका का नाम । ३ पांच बलपूर्वक हरण कर उससे विवाह करने का आदेश दिया। वर्ष की कुमारी । ४ एक प्रकार की रागिनी। ५ केवटी तदनुसार अर्जुन सुभद्रा को द्वारका से हरण कर ले गया । मोथा । कैवर्ती मुस्तक । ६ नीली दूब । नील दूर्वा । ७ हलदी। २ दुर्गा का एक रूप। ३ पुराणानुसार एक गौ का नाम । ४ हरिद्रा । ८ तुलसी । सुरसा । ६ दहिंगना । प्रियगु। वनिता । सगीत मे एक श्रुति का नाम । ५ दुर्गम की पत्नी। ६ अनि- १० कस्तूरी। मगनाभि । ११ सोना केला। सुवर्ण कदली। रुद्ध की पत्ली। ७ एक चत्वर का नाम । ८ बलि की पुत्री १२ बेला मोतिया। वनमल्लिका । १३ चमेली। जाति पुष्प । और प्रवीक्षित की पत्नी। ९ एक नदी। १० सरिवन । १४ अादरणीया माता। समानित मां (को०)। १५ सौभाग्य अनतमूल । श्यामलता। ११ गभारी । काश्मरी। १२ मकडा वती नारी । सधवा स्त्री (को०)। घास । घृतमडा। सुभगातनय--सज्ञा पु० [सं०] दे० 'सुभगासुत' । सुभद्राएी - सज्ञा सी० [स०] नायती। नायमान | नायमारण लता। सुभगानदनाथ-मज्ञा पु० [म० सुभगानन्दनाथ] तात्रिको के अनुसार सुभद्रिका -सज्ञा ली० [स०] १ श्रीकृष्ण की छोटी बहन । २ एक एक भैरव का नाम । कालीपूजा के समय इनकी भी पूजा का वृत्त जिसके प्रत्येक चरण मे न न र ल ग (m, m, sis, I, 5) विधान है। होता है । ३ वायती लता (को०) । ४ वेश्या (को०) । सुभगासुत--सज्ञा पु० [स०] प्रियतमा पत्नी से उत्पन्न पुत्र [को०) । सुभद्रेश--सज्ञा पु० [म०] अर्जुन । सुभगाह्वया-मज्ञा स्त्री॰ [स०] १ कवतिका लता। २ हलदी। ३ सुभर- वि० [हिं० सु + भरा] अच्छी तरह मरा हुआ। सुपुष्ट । सरिवन । ४ तुलसी । ५ नीली दूव । ६ सोना केला। सुभर-वि० [स० शुभ्र] दे० 'शुभ्र' । उ०-सुभर समुंद अस नयन सुभग्ग --वि० [स० सुभग] दे० 'सुभग' । उ०--मालव भूप उदग्ग दुइ, मानिक भरे तरग । प्रावहि तीर फिरावही काल भर्वर चलेउ कर खग्ग जग्ग जित। तन सुभग्ग आभरन मग जगमग्ग तेहि सग।-जायसी (शब्द॰) । नग्ग सित |--गि० दास (शब्द॰) । सुभर'--वि० [स०] १ ठोस । घना। २ अधिक । प्रचुर। ३ सरलतापूर्वक वहन करने या प्रयोग करने योग्य । ४ पूर्णत मश्क या सुभट-सज्ञा पु० [स०] महान योद्धा। अच्छा सैनिक । उ०-रुक्म अभ्यस्त । ५ सुपोप [को०)। और कलिंग को राउ मारयो प्रथम, बहुरि तिनके बहुत सुभट सुभव'-वि० [स०] उत्तम रूप से उत्पन्न । मारे ।-सूर (शब्द०)। सुभव'-सज्ञा पुं० १ एक इक्ष्वाकुवशी राजा का नाम । ? साठ सवत्सरो सुभटवत -वि० [स० सुभट + वत्] अच्छा योद्धा। उ०--लस्यो मे से अतिम सवत्सर का नाम । वलराम यह सुभटवत है कोऊ हल मुशल शस्त्र अपनो सुभसत्तरा-सज्ञा स्त्री॰ [स०] वह स्त्री जो पति को अत्यत प्रिय हो। संभारयो।--सूर (शब्द०)। सुभगा स्त्री।