पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/४०६

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४ ज्ञान। सुविदग्ध ७०२६ सुवृत्ता सुविदग्ध-वि० [सं०] [वि० सुविदग्धा] बहुत चतुर । वहुत चालाक । सुविशुद्ध'-वि० अत्यत शुद्ध । पूर्णत मार्जित या स्वच्छ [को०] । सुविदत्-मज्ञा पु० [स०] राजा। सुविपाण-वि० [स०] जिमके विपाण वडे बडे हो । बडे दाँतोवाला । सुविदत्र --वि० [स०] १ अतिशय सावधान । २ सहृदय। ३ सुविष्ट भी'-सज्ञा पुं० [सं० सुविष्टम्मिन्] शिव का एक नाम । उदार । दयालु। सुविष्ट भी-वि० १ सहारा देनेवाला । सम्यक् रूप से पालन या सुविदत्र --सज्ञा पु० १ कृपा । दया । २ धन । सपत्ति । ४ कुटु च । वहन करनेवाला । २ विष्टभ से युक्त किो०] । सुविस्तार'-सज्ञा पु० [म.] १ अत्यधिक विस्तार या फैलाव। २ सुविदन्-मञ्ज्ञा पु० [स०] दे॰ 'सुविदत्त' । प्राधिक्य । प्रचुरता [को०)। सविदर्भ---सज्ञा पुं० [सं०] एक प्राचीन जाति का नाम । सुविस्तर--वि० १ अत्यत विस्तृत या विशाल । २ अत्यधिक । प्रचूर- सुविदला-सज्ञा स्त्री० [म०] वह स्त्री जिसका व्याह हो गया हो। तम। ३ अतीव उग्र। तीवतम । विवाहिता स्त्री। सुविस्मय - वि० [सं०] अत्यत विम्मययुक्त या चकित फिो०] । सुविदल्ल-~-सज्ञा पुं॰ [म०] १ अत पुर । जनानखाना । जनाना महल। सुविस्मित-वि० [सं०] १ श्राश्चर्य पैदा करनेवाला। कोतूहल- २ सोविदल्ल का असाधु प्रयोग । अत पुर का रक्षक [को०] । जनक । २ दे० 'मुविस्मय' [को०] । सुविदल्ला-सझा स्त्री॰ [स०] दे० 'सुविदला' [को०] । सुविहित-वि० [सं०] १ अच्छी तरह रखा हुअा या स्थापित । मम्यक सुविदा--संज्ञा स्त्री० [स०] बुद्धिमती स्त्री । गुणवती नारी [को०] । न्यस्त । २ जिसे अच्छी तरह क्रमयुक्त या व्यवस्थित किया सुविदित --वि० [सं०] भली भांति विदित । अच्छी तरह जाना हुग्रा। गया हो। ३ अच्छी तरह किया हुअा। मम्यक् कृत या सपन्न । ४ अच्छी तरह तुष्ट या तृप्त किया हुआ । अच्छी तरह तृप्त सुविद्य--वि० [स०] उत्तम विद्वान् । अच्छा पडित । या सतुष्ट [को०]। सुविद्युत्-सज्ञा पु० [स०] एक असुर का नाम । सुवीज-सज्ञा पुं० वि० [सं०] दे० 'सुबीज'। सुविध--वि० [स०] १ अच्छे स्वभाव का। सुशील । नेकमिजाज । सुवीथीपथ- सशा पुं० [सं०] प्रासाद मे जानेवाली विशिष्ट पद्धति २ उत्तम प्रकार का । अच्छी किस्म का (को०)। या राह (को०)। सुविधा--सज्ञा स्त्री॰ [हिं० सुभीता] दे० 'सुभीता' । सुवीर-सञ्ज्ञा पुं० [स०] १ स्कद का एक नाम । २ शिव जी का सुविधान'-सज्ञा पुं० [स०] सु दर विधान या उत्तम व्यवस्था । एक नाम । ३ शिव जी के एक पुत्र का नाम । ४ द्युतिमान् सुप्रबध (को०)। के एक पुत्र का नाग। ५ देवश्रवा के एक पुत्र का नाम । सुविधान-वि० जो सुदर व्यवस्थायुक्त हो । ६ क्षेम्य के एक पुत्र का नाम । ७ एकवीर नामक वृक्ष । सुविधि'--सज्ञा [स०] जैनियो के अनुसार वर्तमान अवसर्पिणी के नवें १० बेर का पेड (को०)। ११ छाछ की रवडी (डि.)। अर्हत् का नाम । सुवीर-वि०१ अतिशय वीर। महान् योद्धा । २ जिसे अनेक पुन सुविधि'--सज्ञा स्त्री० मुदर विधि या विधान । अच्छा नियम [फो०] । हो (को०) । ३ अनेक वीरो से युक्त (को॰) । सुविनय-वि० [सं०] अनुशासित या सुशिक्षित किो०] । सुवीरक-सशा पु० [स०] १ बेर । वदरी । २ एकवीर नामक वृक्ष । सुविनीत-वि० [सं०] १ अतिशय नम्र। २ अच्छी तरह सिखाया २ एक प्रकार का सुरमा। ४ काजिक । कांजी (को०)। हुअा। सुशिक्षित (जैसे घोडा या और कोई पशु)। सुवीरज-सज्ञा पुं॰ [स०] सुरमा । सौवीराजन । सुविनीता-वि० [स०] वह गौ जो सहज मे दूही जा सके । सुवीराम्न-सञ्ज्ञा पुं० [०] कांजी । काजिक । सुविनेय--वि० [स०] सरलतापूर्वक शिक्षित होने योग्य [को॰] । सुवीर्य'--सज्ञा पुं॰ [सं०] बेर । बदरी फल । सुविपिन-सञ्ज्ञा पु० [स०] अच्छा जगल । घना जगल [को०] । सुवीर्य-वि० महान् शक्तिशाली । बहुत बडा बहादुर । सुविभीषण-वि० [सं०] अत्यत भयकर [को॰] । सुवीर्या-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] १ वनकपास। वनकासी। २ वडी सुविभु-संज्ञा पुं॰ [स०] एक राजा का नाम जो विभु का पुत्र था। शतावरी। महाशतावरी। ३ कलपत्ती होग। डिकामाली। सुविरज--वि० [सं०] वासनानो से सम्यक मुक्त [को०] । नाडी हीग। सुविविक्त-वि० [स०] १ अकेला । जो बिल्कुल अलग हो। सुवृत्त' --सज्ञा पुं० [सं०] १ सूरन । जमीकद । ओल । २ सत् चरित्न । २ अत्यत निर्जन या एकात । ३ अलग अलग किया हुआ। सत् वृत्त या व्यवहार (को०)। निर्णीत (को॰] । सुवृत्त'-वि० १ सच्चरित्न । २ गुणवान् । ३ साधु । ४ सुदर गोला- सुविशाल-वि० [स०] बहुत वडा [को॰] । कार । वर्तुलाकार (को०) । ५ सुदर छदोवद्ध (काव्य०) । सुविशाला-सज्ञा ली० [सं०] कार्तिकेय की एक मातृका का नाम । सुवृत्ता-सहा खी० [सं०] १ एक अप्सरा का नाम । २ किशमिश । सुविशुद्ध' -सज्ञा पु० [सं०] बौद्धो के अनुसार एक लोक का नाम । काकोली द्राक्षा। ३ सेवती। शतपनी। ४ एक वृत्त का नाम -