पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/४०७

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सुवृत्ति ७०२७ सुशरीर जिसके प्रत्येक चरण मे १६ अक्षर होते हैं, जिनमे १, ७, ८, ९, सुवैया-वि० [हिं० सोना + ऐया (प्रत्य॰)] सोनेवाला । शयन १०, ११, १४ और १७ वा अक्षर गुरु तथा अन्य अक्षर लघु करनेवाला। होते हैं। सुवोपी---सज्ञा पु० [स० शुक, प्रा० सुअ, सुव] शुक पक्षी । सुग्गा । सुवृत्ति' -सज्ञा श्री० [सं०] १ उत्तम वृत्ति। उत्तम जीविका । २ तोता । (डि.)। सदाचार । पवित्र जीवन । पवित्रता का जीवन (को०)। ३ सुव्यक्त-वि० [सं०] १ उत्तम रूप से व्यक्त । बहुत स्पष्ट । २. ब्रह्मचर्य (को०)। ४ सद् व्यवहार या वृत्ति (को०)। चमकदार । दीप्तियुक्त । सुप्रकाशित । ३ साफ । स्वच्छ (को॰) । सुवृत्ति'--वि० १ जिसकी वृत्ति या जीविका उत्तम हो। २ सदा सुव्यवस्था-मज्ञा स्त्री० [स०] उत्तम व्यवस्था उत्तम प्रवध | अच्छी चारी। सच्चरित्र। योजना। सुवृद्ध'-मज्ञा पुं॰ [स०] दक्षिण दिशा के दिग्गज का नाम । सुव्यवस्थित--वि० स०] उत्तम रूप से व्यवस्थित। जिसकी व्यवस्था भली भाँति की गई हो। सुवृद्ध'-वि० १ बहुत वृद्ध । २ बहुत प्राचीन । सुवेग-वि० [म.] अत्यत वेगवान् । तीव्र गतिवाला। सुव्यस्त-वि० [सं०] छितराया हुअा। इतस्तत अस्तव्यस्त । छिन्न भिन्न । तितर वितर (को॰] । सुवेगा-सज्ञा स्त्री० [स०] १ मालकगनी। महाज्योतिष्मती लता। २ एक गिद्धनी का नाम । सुन्याहृत-वि० [स०] १ अच्छी उक्ति सूक्ति । सुदर वचन । २ अाधारवाक्य । सिद्धातवाक्य [को०] । सुवेणा-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] हग्विश के अनुसार एक नदी का नाम जिसका महाभारत मे भी उल्लेख है। सुव्यूहमखा--मञ्चा बी० [म०] एक अप्सरा का नाम । सुवेद--वि० [स०] १ आध्यात्मिक ज्ञान मे पारगत । अध्यात्मशास्त्र सुव्यूहा-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] दे॰ 'सुव्यूहमुखा' । का अच्छा ज्ञाता । २ सुखपूर्वक लभ्य । सुलभ (को॰) । सुव्रत' सज्ञा पुं॰ [मं०] १ स्कद के एक अनुचर का नाम । २ एक प्रजापति का नाम। ३ रोच्य मनु के एक पुत्र का नाम । सुवेदा-सञ्ज्ञा पुं॰ [स० सुवेदस्] एक वैदिक ऋषि का नाम । ४ उशीनर के एक पुत्र का नाम । ५ प्रियव्रत के एक पुत्र का सुवेल-सज्ञा पुं० [स०] त्रिकूट पर्वत का नाम, जो रामायण के अनु- नाम । ३ ब्रह्मचारी। ७ वर्तमान अवसर्पिणी के २०वें अर्हत् सार समुद्र के किनारे लका मे था और जहाँ रामचद्र सेना का नाम । इन्हें मुनि सुव्रत भी कहते है। ८ भावी उत्सर्पिणी सहित ठहरे थे । उ०-कौतुक ही वारिधि वैधाइ उतरे सुवेल के ११वें अर्हत् का नाम । तट जाड । तुलसीदास गढ देखि फिरे कपि प्रभु प्रागमनु सुनाइ । सुबत-वि० १ दृढता से व्रत का पालन करनेवाला । २ धर्मनिष्ठ । -तुलसी (शब्द०)। ३ विनीत । नम्र (घोडा या गाय आदि पशुओ के लिये सवेल-वि० १ बहुत झुका हुआ । प्रणत । २ शात । नम्र । प्रयुक्त ।) सुवेश-वि० [सं०] १ भली भांति या अच्छे कपडे पहने हुए। सुनता' - सच्चा स्त्री० [स०] १ गधपलाशी। कपूरकचरी । २ सहज वस्त्रादि से सुमज्जित । सुदर वेशयुक्त । २ सुदर रूपवाला। मे दही जानेवाली गाय । ३ गुणवती और पतिव्रता पत्नी। रूपवान् । ४ एक अप्सरा का नाम । ५ दक्ष की पुत्री का नाम । ६ सुवेश-सज्ञा पु० १ सफेद ईख। श्वेत् क्षु । २ सुदर वेश । भव्य वतमान कल्प के १५वें अहंत की माता का नाम । वेशभूषा (को०)। सुव्रता'- वि० सु दर व्रतवाली । पतिव्रता । साध्वी (को०] । सुवेशता--सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] सुवेश का भाव या धर्म । सुशंस-वि० [सं०] १ प्रसिद्ध । विख्यात । यशस्वी । २ प्रशसनीय । सुवेशी-वि० [स० सुवेशिन्] दे० 'सुवेश' । ३ शुभ शसा करनेवाला । शुभाकाक्षी (को०] । सुवेष--वि० [स०] दे० 'मुवेश' । सुशंसी - वि० [स० सुशासिन्] शुभ शसा करनेवाला। शुभाकाक्षी। सुवेषित-वि० [स० सुवेष + इत] सु दर वेशयुक्त । दे० 'सुवेश'१ । शुभाभिलाषी। गलीचे पर एक सुवेपित यवन बैठा पान खा रहा है।- सुशक--वि० [स०] सहज मे होने योग्य। सुकर। आसान। गदाधरसिंह (शब्द०)। सुशक्त-वि० [१०] अच्छी शक्तिवाला। शक्तिशाली। समर्थ । सुवेषो-वि० [स० सुपिन्] दे॰ 'सुवेश' । ताकतवर । सुवेसी-वि० [स० सुवेश] दे० 'सुवेश' । सुशक्ति-वि० [स०] दे॰ 'सुशक्त' । सुवेसल-वि० [स० सुवेश + हिं० ल (प्रत्य॰)] सुदर । मनोहर । सुशब्द -वि० [स०] अच्छा शब्द या ध्वनि करनेवाला। जिसको आवाज अच्छी हो। उ०-सुभग सुसम वधुर रुचिर कात काम कमनीय । रम्य सुवेसल भव्य अरु दर्शनीय रमणीय । --अनेकार्थ० । शब्द०)। सुशरण्य-सज्ञा पुं॰ [स०] शिव । महादेव । सुवैप-सज्ञा पुं॰ [स० सु + वचन, प्रा० वयण, हि० वैन] मित्रता। सृशरण्य-वि० [स०] शरण देनेवाला किो०] । दोस्ती । (डिं०)। सुशरीर-वि० [सं०] जिसका शरीर सुदर हो । सुडौल । सुदेह ।