पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/४०८

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शैत्य (को॰) । २ का नाम। सुशर्मा ७०२८ सुश्रवा' सुशर्मा-सचा पु० [स० सुशर्मन्] १ एक मनु के एक पुत्र का नाम। सुशिष्ट--मज्ञा पुं० विश्वसनीय अमात्य। वह मनी जिसपर भरोमा २ एक वैशालि का नाम । ३ एक काण्व का नाम । ४ निंदित किया जाय [को०] । ब्राह्मण । ५ विषय का इच्छुक व्यक्ति (को०) । ६ एक देव- सुशीत-सज्ञा पु० [म०] १ पीला चदन । हरिचदन। २ पाकर । वर्ग (को०)। ७ एक असुर (को॰) । ह्रस्व प्लक्षवृक्ष । ३ जलवेत। जलवेतस । ४ शीतलता। सुशर्मा-वि० वहुत प्रसन्न । अत्यत सुखी । सुशल्य-मज्ञा पु० [स०] खैर। खदिर। सुशीत-वि० अत्यत शीतल । वहुत ठढा । सुशवी-सज्ञा स्त्री० [स०] १ काला जीरा । कृष्णजीरक। २ करेला। सुशीतल'---सज्ञा पुं० [म०] १ गधतृण । सफेद चदन । ३ कारवेल्ल । ३ काली जीरी । सूक्ष्म कृष्णजीरक । ४ करज । नागदमनी । नागदवन । ४ शीतलता (को॰) । सुशात-वि० [स० सुशान्त] १ अत्यत शात । स्थिर। उ०-बहुत सुशीतल'-वि० अत्यत शीतल । बहुत ठढा । काल लौ विचरे जल मे तव हरि भए सुशात । बीस प्रलय विविध सुशीतला-सज्ञा स्त्री० [सं०] १ खीरा । वपुप। २ ककटी। नानाकर सृष्टि रची बहु भाँति ।—सूर (शब्द॰) । २ शात । कर्कटिका । प्रशमित (को०। सुशीता---सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] १ सेवती । शतपत्नी । २ स्थलकमल। सुशाता-सञ्ज्ञा स्त्री० [सं० सुशान्ता] राजा शशिध्वज की एक पत्नी सुशीम-सशा पुं०, वि० [स०] दे० 'मुपीम' । सुशील' - वि० [स०] [वि० सी० सुशीला] १ उत्तम शीलवाला । सुशाति'--मज्ञा पुं० [स० सुशान्ति] १ तीसरे मन्वतर के इद्र का नाम । २ उत्तम स्वभाववाला । शीलवान् । ३ सच्चरित्र । साधु । २ अजमीढ के एक पुत्र का नाम । ३ शाति के एक पुत्र का ४ विनीत । नम्र । ५ सरल । सीधा। नाम। सुशील-सज्ञा पु० सुदर शील । सत्स्वभाव । सुशाति'--सज्ञा स्त्री० पूर्णत शाति (को०] । सुशीलता-सज्ञा स्त्री० [स०] १ सुशील का भाव। सुशीलत्व। २ सुशाक-सज्ञा पुं० [स०] १ अदरक । आर्द्रक । २ चौलाई का साग । सच्चरित्नता। ३ नम्रता । तडुलीय शाक । ३ चचु । चेंच । ४ भिडी। सुशीलत्व~-सज्ञा पुं० [स०] सुशील का भाव । सुशीलता। सुशाकक--सज्ञा पुं० [स०] दे० 'सुशाक' । सुशीला'-सञ्ज्ञा स्त्री० [सं०] १ श्रीकृष्ण की आठ पटरानियो मे से सुशारद-सज्ञा पु० [स०] १ शालकायन गोत्र के एक वैदिक आचार्य एक का नाम । २ राधा की एक अनुचरी का नाम । ३ यम का नाम । २ शिव का एक नाम (को०)। की पत्नी का नाम । ४ सुदामा की पत्नी का नाम । सुशासन-सज्ञा पुं० [सं०] उत्तम शासन । अच्छी राज्यव्यवस्था । सुशीला-वि० सी० ३० 'सुशील' । सुशासित--वि० [स०] १ जिसका अच्छी तरह शासन किया गया मुशीली - वि० [सं० सुशोलिन्] दे० 'सुशील' । हो। २ अच्छी तरह नियनित । सुशीविका -सच्चा श्री० [स०] गेंठी । वाराहीकद । सुशृगर-वि० [स०] मुदर शृगयुक्न । सदर सीगोवाला | सुशास्य--वि० [स०] सहज मे शामित या नियनित होने योग्य । सुशिविका--सज्ञा स्त्री० [स० सुशिम्विका] एक प्रकार की शिवी । सुशृग-सज्ञा पुं० शृगी ऋषि । उ०-कस्यपमुन सुविभाडकं ह्वहै सिष्य मुशृग । ब्रह्मचरजरत वनहि मै वनचारिन के ढग ।- सुशिक्षित--वि० [म०] १ उत्तम रूप से शिक्षित । अच्छी तरह शिक्षा पद्माकर (शब्द०)। पाया हुग्रा। जिसने विशेष रुप से शिक्षा पाई हो। २ जो सुशृगार-वि० [म० सुशृद्धगार] अच्छी तरह भूपित या सज्जित । अच्छी तरह से सधाया हुअाहो। प्रशिक्षित । जैसे, घोडा आदि। सुशृत-वि० [म०] अत्यत तप्त । बहुत गरम । सुशिख'--सञ्ज्ञा [म०] अग्नि का एक नाम । सुशेव-वि० [म.] प्रसन्नता से परिपूर्ण । सुशिखर-वि० १ सुदर शिखावाला । २ जिसकी शिखा या लौ सुशोग-वि० [सं०] गहरा लाल [को०)। सु दर हो । जैसे, दीप (को०] । सुशोभन -वि० [स०] १ अत्यन शोभायुक्त। दिव्य । २ जो देखने मे सुशिखा-सज्ञा [स०] १ मोर की चोटी। मयूरशिखा। २ मुर्गे की वहुत भला मालूम हो । वहुत सुदर । प्रियदर्शन। कलेंगी। कुक्कटकेश। सृशोभित-वि० [स०] उत्तम रूप से शोभित । अत्यत शोभायमान । सुशिर'--वि० [स० सुशिरस्] सुदर शिरवाला। जिसका सिर सुश्रम--सञ्ज्ञा पुं॰ [सं०] धर्म के एक पुत्र का नाम । सु दर हो। सुश्रवार--सञ्ज्ञा पुं॰ [स० सुश्रवस्] १ एक प्रजापति का नाम । २ एक सुशिर--सज्ञा पु० [स. सुपिर] वह वाजा जो मुंह से फूंककर बजाया ऋपि का नाम । ३ नागासुर का नाम । जाता हो। जैसे,—वशी प्रादि । (संगीत) । दे० 'सुपिर' । सुश्रवा ---वि० १ उत्तम हवि से युक्त । २ प्रसिद्ध । कीर्तिमान । ३ सुशिष्ट'---वि० [स०] अच्छी तरह शासित [को०] । जो हर्पपूर्वक श्रवण करता हो। ४ दयायुक्त (को०) ।