पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/५१०

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सौम । सौसुराद ८०३० मोसुराद-मञ्ज्ञा पु० [२०] विष्ठा मे हानेवाला एक प्रकार का कीडा। सौहॉग--तज्ञा पु० [देश॰] दो भर का वाट या वटखरा । (सुनार) । सौस्थित्य-सज्ञा पु० [स०] १ अच्छी स्थिति । २ ग्रहो का शुभ सोहार्द-~मचा पुं० [सं०] १ सुहृद का भाव । मित्रता । मैत्री । सख्य । न्यान मे होना। दोस्ती। २ सुहृद या मित्र का पुत्र । ३ मन की ऋजुता । हृदय विशेप-वृहत्सहिता मे लिखा है कि ग्रहो का सौस्थित्य, अर्थात् की सरलता (को०) । ४ सद्माव (को०) । शुभ स्थान मे स्थिति, देव कर राजा यदि आक्रमण करे तो वह सोहार्दनिवि-सज्ञा पु० [स०] राम का एक नाम । अत्प पीरुपवाता होन पर भी पराया धन पाता है । सौहार्द-यजक-वि॰ [स० साहादव्यञ्जक] सौहार्द को व्यक्त करने- सौग्थ्य-सज्ञा पुं० [स०] कुशल । क्षेम । कल्याण । वाला । मंत्री प्रकट करनेवाला [को०] । सौस्नातिक-वि० [म०] यह प्रश्न कि यज्ञ के उपरात स्नान सफल सौहाद्य--सज्ञा पु० [सं०] सौहार्द । मित्रता । वधुत्व । दोस्ती । हुप्रा या नहीं। सौहित्य-सञ्ज्ञा पु० [सं०] तृप्नि । सतोष । २ मनोरमता । मनोज्ञता। सौस्वर्य-मना पु० [म०] मुम्वर या उत्तम स्वर होने का भाव । सुदरता। ३ पूर्णता । ४ कृपालुना । सद्भावना (को०) । सुस्वरता। सुरीलापन। सौही-सज्ञा स्त्री॰ [फा० सोहन] १ एक प्रकार की रेती। २. एक सौह-सज्ञा स्त्री० [म० शपथ, प्रा० सवह या स० सौगन्ध] शपथ । प्रकार का हथियार । कसम । उ०-हम रीझे मनभावते लखि तव सु दर गात । दीठ रूप वर लाल सिर नैना सौहें खात ।-रसनिधि (शब्द॰) । सौहीं-क्रि० वि० [हि० सौह] सामने। आगे। उ०—कहि प्रावति क्रि० प्र०--करना ।--खाना। हे जु कहावत हो तुम वाही तो ताकि सके हम सौहीं। तेहि सौह-क्रि० वि० [स० सम्मुख, प्रा० सम्मुह) सामने। आगे। उ०-- पैडे कहा चलिये कवहूँ जिहि काटो लगै पग पीर दुखौही।- केशव (शब्द०)। रग मरे अग अरतीहै सरसोहैं सोहै सौहै कार भौह रस भावनि भरत है।-देव (शन्द०) मौहृद'-सज्ञा पु० [स०] १ मित्रता। स्नेहसबध। सख्य। दोस्ती। सोहन-सधा पु० [देश॰] पैसे का चौथाई भाग। छदाम । टुक्रडा । २ सुहृद्। मित्र । दोस्त । ३ एक प्राचीन जनपद । (महा- (सुनार)। भारत)। ४ रुचि। मौहनीपुर-वि० [हिं० सुहावनी] सोहनी । शोभन । अच्छी । सुदर। सौहृद'-वि० सुहृद या मिन्न सवधी । उ०--अति पाछी तनक कनक की दौहनी सौहनी गढाइदै री सौहृदय, सौहृदय्य--सज्ञा पु० [स०] सौहार्द । मित्रता । दोस्ती। मैया ।-नद ग्र०,प० ३४०। सौहृद्य-सशा पु० [स०] सौहार्द । मिनता। बधुता । दोस्ती। सौहर-पज्ञा पुं० [अ० शौहर] दे० 'शौहर'। सौहोत्र-मञ्चा पुं० [सं०] सुहोत्र के अपत्य अजमीड और पुरुमीड नामक सौहरा-सश पु० [हि ससुर] ससुर । (पश्चिम)। वैदिक ऋपि। सौहविष---सक्षा ० [म०] कई सामो के नाम । सौह्म-सहा पु० [म०] सुह्म देश का राजा ।