पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 10.djvu/५४

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कवल। आदर देने- संप्रकाशित ४८७० संपुट' मपुटार-वि० ढका हुआ । मुंदा हुआ । वद । आवृत । जैसे, सपुट पाठ । ४ पूर्ण रूप से युक्त । ५ अत्यधिक । अतिशय । मपुटक-सञ्ज्ञा पु० [स० मम्पुटक] १ गोल डब्बा या पिटारी । पाव- सपूर्ण -सहा पु०१ वह राग जिसमे सातो स्वर लगते हो। २ रण | आच्छादन ढक्कन । ३ एक प्रकार का रतिवध [को०] । अाकाश भूत। सपुटका, सपुटिका-सज्ञा स्त्री० [स० सम्पुटका, सम्पुटिका] १ मजूपा। सपूर्णत -त्रि० वि० [स० सम्पूर्णतस् ] पूरी तरह से । पूर्ण रूप से । पिटारो। २ सगह । निधि । ३ एक प्रकार का सपूर्णतया-क्रि० वि० [म० सम्पूर्णतया] पूरी तरह मे । मली भांति । ज्यु । ४ आच्छादन । ढक्कन [को०] । अच्छी तरह। मपुटी—मला सी० [८० सम्पुट] छोटी कटोरी या तश्तरी जिसमे पूजन सपूर्णतर-वि० [स० सम्पूर्णतर] पूर्णत भरा हुमा । भलीभांति भरा के लिये घिसा हुआ चदन, अक्षत आदि रखते हैं । सपुटीकरए-सज्ञा पुं० [स० सम्पुटीकरण] सपुट करना | आवृत हुआ। अधिक भरा हुआ। करना । ढकना को०] । सपूर्णता-सज्ञा स्त्री० [स० सम्पूर्णता] १ सपूर्ण होने का भाव । सपुष्ट-वि० [स० सम्पुष्ट] १ पूर्णत पुष्ट । भरा पूरा । २ पूरी तरह पूरापन । २ समाप्ति। सथित। सपूर्णत्व-सञ्ज्ञा पुं० [स० सम्पूर्णत्व] दे० 'सपूर्णता' [को०] । मपुष्टि-मन्ना ली० [स० सम्पुष्टि] १ पूर्ण समृद्धता । २. सपुष्ट या सपूर्णमूर्छा-सञ्ज्ञा स्त्री० [स० सम्पूर्ण मूर्छा] युद्ध करने की एक कला समर्थन करना। या रीति को०] । सपूजक-वि० [स० सम्पूजक] समान करनेवाला । सपूर्णा-सज्ञा स्त्री॰ [स० सम्पूर्णा] एकादशीविशेष । वाला [को॰] । सपूर्ति- सधा सी० [स०] पूर्णत भर जाना । पूर्ण हो जाना [को०] । सपूजन'-वि० [स० सम्पूजन] [वि॰ स्त्री० सपूजनी] श्लाघ्य । वद्य । प्रशस्तियुक्त (को०। सपृक्त-वि० [स० सम्पृक्त] १ ससर्ग मे आया हुअा। छूया हुआ । २ मिला हुआ। मिश्रित । ३ मेल मे आया हुआ। ४. सपूजन' -सहा पुं० १ समादृत करना । पूजित करना । प्रशसन । सयुक्त । सवद्ध (को० । ५ पूर्ण । भरा हुआ (को०)। ६ वदन । २ उपस्थित होना । समुख होना । खचित । जटित (को०)। सपूजनीय-वि॰ [स० सम्पूजनीय] दे० 'सपूज्य' । - सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स० सम्पूजा] समान । स्तुति । प्रशसा । वदना । सपृष्ट-वि० [स० सम्पृष्ट) जिमसे पूछताछ की गई हो। जो पूछा सपूजा- गया हो [को॰] । सपूजित- वि० [स० सम्पूजित] जिसका भव्य रूप से आदर हुअा हो । सपेष-सज्ञा पुं० [स० सम्पेप] दे० 'सपेपण' । सपूज्य-वि० [म० सम्पूज्य] पूजनीय । मान्य । आदरणीय [को०] । सपूयन - सज्ञा पुं० [स० सम्पूयन] पूर्णत शुद्ध करना । पवित्र सपेषण-सचा पु० [स० सम्पेपण] पीसना। पीमने की क्रिया । चूर्ण करना [को०] | करना [को०] । सपूरक-वि० [म० सम्पूरक] पूरी तरह भरनेवाला । तृप्त या तुष्ट सपै–समा सी० [स० सम्पत्ति ] वैभव । वढती। करनेवाला (को०] । सपोषए-सशा पुं० [स० सम्पोपण] १ सवर्धन । पालन पोपण । २ सपूरए'-सञ्ज्ञा पु० [स० सम्पूरण] पुष्टिकर भोजन से उदर पूरी समर्थन । तरह भरना [को०] । सपोपित-वि० {स० सम्पोपित] १ सवधित । पालित पोपित । २ सपूरण-वि० [सं० सपूर्ण, सम्पूर्ण] दे॰ 'सपूर्ण' । जिसको पुष्टि की गई हो । समर्थित [को०] । सपूरनर-वि० [सं० सपूर्ण, सम्पूर्ण] दे॰ 'सपूर्ण' । सपोय-वि० [म० सम्पोष्य १ सपोपण या पालन के योग्य । २ सपूर्ण'--वि० [म० सम्पूर्ण] १ खूब भरा हुआ । पूरी तौर से भरा समर्थन करने योग्य [को०] । हुना। २ सब । विलकुल | समस्त । पूरा । ३ समाप्त । सप्रकल्पित-वि० [म० सम्प्रकल्पित] १ प्रतिष्ठित । व्यवस्थित । २. स्थापित । जिसकी प्रकल्पना की गई हो ।को०] । यौ०-सपूर्णकाम = (१) जिमको मभी कामनाएं पूर्ण हो चुकी सप्रकाश-सझा पु० [स० सम्प्रकाश] १ देदीप्यमान उदय । तेजयुक्त हो । (२) आकाक्षाग्रो से युक्त । सपूर्णकालीन = जो उचित आविर्भाव । २ विशद या निर्मल रूपाकृति [को०] । या पूरे समय पर हो । समय की पूर्णता या ठीक समय पर होनेवाला । पूरे समय का । सपूर्णपुच्छ = पूछ फैलानेवाला- सप्रकाशक-वि० [स० सम्प्रकाशक] व्यक्त करनेवाला। प्रकाशित मयर । मोर । सपूर्ण फलमाग = पूर्ण फल प्राप्त करनेवाला । करनेवाला [को०] । सपूर्णमूळ । सपूर्णलक्षण = सख्या या लक्षणो मे पूर्ण । सप्रकाशन-सधा पुं० [सं० मम्प्रकाशन] व्यक्त वा प्रकाशित करना । सपूणविद्य = जो विद्याओ से पूर्ण हो । प्राप्तविद्य। ममक्ष करना । सामने लाना (को०। मपूर्णस्पृह = जिसकी आकाक्षा पूरी हो गई हो। सप्रकाशित-वि॰ [स० सम्प्रकाशित] अभिव्यक्त । प्रकाशित छ । खत्म | सपन्न।