पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१०२

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ग्या स्वास्थ्यहानि ५४१४ स्वास्थ्यहानि-- 1--सपा सी० [सं०] ३० 'स्वास्थ्य नाण' । fogom fis-770 [H0 (271,1) fz1r. zelf +43 7 8 सर या पाहा स्वाहा'--गव्य० [०] एक शब्द या मन जिगका प्रयाग देयतामा यो हवि देने के समय किया जाता है। जैग,--नाय स्वाहा। ग्विपु--वि० [ग] जिगोपाल सम टिन, frater निजग पाग हा मुहा०-स्वाहा करना = नष्ट करना। फानना । जग,- उगने वाप दाद को मारी सपत्ति दो ही चम में पारागार बिष्ट- [10] १ मन्या किया! O PHI डाली। स्वाहा हा नष्ट हाता। यरवार हाा। जैग,-- गमाना। पृ01 उनका गाग धन माग ने मुगरम भ न्याहा हो गया । विटा--" पु. [ 10 ] कार " । स्विष्टि--1010 Jी नाम | स्वाहा --सक्षा सी०१ गति की पत्नी का नाम । २ गमी देवतामा को बिना किसी चिनार के दी जानेवाली ग्राहुनि (को०)। frazi-1121-70 71 77" fr ru 71 777 17. , स्वाहाकरण---गा पु० [सं०] ग्वारा मार का उच्चारणा गरे ग स्वीतरग--- [.JanRI अग्नि मे हवि छोडना [फो०) । 77111 ?!? TAI PSI,777 77 1 for स्वाहाकार--सा पु० [सं०] सामे स्वाहा शरगा उरण परमा। 977111117711 715171711757751 17 दना। प्रतिभा रगा। स्वाहापरण (को०] । स्वाहाकृत--वि० [सं०] यज्ञ करनेवाला । यार्ता । म्बीकरणीय-1. [6] गौर या । स्वाहाकृत-वि० [मं०] स्वाहा गर । साथ उपालिा, यियाजिना रवीननंव्य-- मोरारमगाम । यो। या प्रदत्त (फो०] । स्वीकलां-० [.. यो हार मर स्वाहाकृति, स्वाहाकृती-मशा झी० [40] स्पाहा शो माप करनामा । सस्कार या उत्सर्ग । स्वाहारण। स्वीकार--into 101 गा मी | Nirr। स्वाहानसण-सरा पुं० [#० स्वाहा + गगन] देवता । (४०)। गवन । मगर । २ लेगा । ।३ भारत स्वाहापति--सहा पुं० [सं०] अग्नि । गा। परिगह। ४ प्रतिTHE ERT। गोर। स्वाहाप्रिय [सण ० [सं०] अग्नि। स्वीकारगह-41. [40] am emaint पन पर से ना कि स्वाहामुक-सहा पुं० [स्वाहा मुज्] देवता । स्वीकारना-रि [#• ४० ग्बी +ffen (FT)] ग्रहा स्वाहार'--वि० [सं०] सरलता से पाहत । गुगमता से प्रागीत {पो०] । पताम्योर ना। स्वाहार--सझा पुं० मुदर पाहार । पन्छा भोज्य पदार्य [0] । स्वीकारपत्र-सा [म.] निगियामा प्रयापी स्वाहाह-वि० [सं०] स्याहा के योग्य । हवि पाने के योग्य । सपति गा विपि । स्वाहावन-सशा पुं० [स०] एक यन का नाम (को०)। स्वीकाररहित-३० [सं०] निमार नामापीरन स्वाहावल्लभ--सहा पुं० [१०] अग्नि । frपा गया हो। स्वाहाशन-सरा पुं० [स०] देवता । स्वीकाराती [म० पीपारा जिसमापीर में माय स्वाहिली-सा सी० [अ०] १ अफ्रीका गहाजीप मे चोली गावाती हा । ग्योरतियुगा hot एक भापा | स्वाहिनियो की भापा। २ अफ्रीका को एक रवीकारात्मक-[20] मरमनिपुरा । बोरा जाति ।-भोज० मा० मा०, पृ० ३ । स्वीकारोक्ति-मा [म.] पर यामा बगा जिसमें अपना स्वाहेय-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] कातिनीय का एक नाम । अपराध स्वीकार किया जाय। प्रपगध गोम्पीति । इकरारे स्विच-सहा रसी० [अ०] बिजली का वह बटन या राटा जिसे दवाकर गुम । जैसे,--पभियुगमा में मे दो ने मग्नेिट सामने प्रकाश, मशीन प्रादि चालू और बद करते हैं। उ०--शाति ने स्वीकारोक्ति पी। स्विच दवाकर वत्ती जला दी।--सन्यासी, पु० ४१४ । स्वीकार्य-वि० [सं०] स्योर मरने के योग । माने योग। स्विदित--वि० [सं०] १ प्रम्वेद से युक्त । पसीने से तरबतर । २ स्वीकृच्छ-सबा पु० [0] प्राचीन काल का ए जिसमें तीन ती द्रवीभूत । पसीजा हुअा। पिघना हुना (को०] । दिन क्रमश गोमूत, गोयर तथा गौ नी नपसी चाकर स्विध्य-वि० [सं०] [वि० सी० स्विध्या ] सूची अच्छी लकडी या रहते हैं। समिधा सबधी। सूपी और अच्छी लकडी का (को०] । स्वीकृत-वि० [सं०] १ स्वीकार किया हुअा। तल किया हुमा । स्विन्न---वि० [सं०] १ पसीने से युक्त । स्वेदविशिष्ट । २ सोझा हुना। गाना हमा। भगीकृत । मजूर । २. प्रतिशात । वचन दिया उबला हुआ। (जैसे अन्नादि) । ३. तरबतर । सिक्त (को० । हुमा (को०)।