पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१०३

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स्वीकृति ५४१५ स्वेदन शाक स्वीकृति -वि० [सं०] १ स्वीकार का भाव । मजूरी । समति । स्वेच्छासेवक-सज्ञा पुं० [सं०] [ी० स्वच्छामेविका ] वह जो विना रजामदी। जैसे, - (क) वायमराय ने उस विल पर अपनी किसी पुरस्कार या वेतन के किसी कार्य मे अपनी इच्छा से योग दे। स्वयसेवक। स्वीकृति दे दी। (ख) उनकी स्वीकृति से यह नियुक्ति हुई है। २ ग्रहण करना । अपनाना । दे० 'स्वीकरण'। स्वेच्छासनिक-सशा पु०[म०] वह मनुष्य जो बिना वेतन के अपनी क्रि० प्र०-देना।-मांगना। मिलना । लेना। इच्छा से फौज मे सिपाही या अफसर का काम करे। वाल टियर वल्लमटेर। स्वीकृतिपरक-वि० [सं०] जिसपे स्वीकृति सूचित हो। स्वीकारात्मक । विशेष-स्वतन्त्रताप्राप्ति के पूर्व हिंदुस्तान मे स्वेच्छामनिक या स्वीकृतियुक्त-वि० [सं०] जिसमे किसी विषय या विचार पर किसी वालटियर अधिकतर यूरोपियन योर यूरेशियन होते रहे है। का स्वोकार सूचित हो। किसी के स्वीकार या समति से युक्त। इनमे स ट काल मे वदरो, रेलो, छावनियो और नगरो की रक्षा स्वीट- वि० [अ०] १ मोठा। मधुर। स्वादु । २ चारु । ललित। करने का काम लिया जाता था। मनोज्ञ । ३ मनोरम । मनाहर । रुचिकर । स्वेच्छोपहार-सज्ञा पुं॰ [स०] अपनी इच्छा से भेट की हुई वस्तु या स्वीडिश'-सज्ञा स्त्री० [अ०] स्वीडेन देश की भापा । उपहार। स्वीडिश-वि० स्वीडेन का। स्वेटर-सज्ञा पुं० [अ०] ऊन की बुनी हुई वनियान, जाकिट या फतुही । स्वीय --वि० [सं०] अपना । निज का। उ०-रोग्रो मत । यह देखो हम तुम्हारे लिये स्वेटर बुन रही स्वीयर--सशा पु० अपने शदमी। स्वजन। प्रात्मीय । सबधी । है।--सन्यासी, पृ० २४ । नातेरिश्तेदार । स्वेतल१ वि० [सं० श्वेत] ३० 'श्वेत' । स्वीया-सशा स्त्री॰ [स०] अपने ही पनि मे अनुराग रखनेवाली स्त्री। स्वेत- वि० [सं० स्वेद ] प्रस्वेद । पसीना । जैसे,—स्वेतरज = विशेप दे० 'स्वकीया। स्वेदज।-गोरख०, पृ० २०५ । स्वीयाक्षर-सज्ञा पुं० [ स० ] अपने हाथ के प्रक्षर । दस्तखत । स्वेतरगी -संज्ञा ली [सं० श्वत + हिं० रगी] कीति | यश । (डि०) । हस्ताक्षर [को०] । विशेष-कीति का वर्णन श्वेत किया जाता है । स्वेल-वि० [हिं० स्व] दे० 'स्व' । उ० - जहें अभेद करि दुहुन सो स्वेतरज-सज्ञा पुं० [म० स्वेदज] दे० 'स्वेदज'। उ०-स्वेतरज करत और स्वे काम । भनि भूपन सब कहत हैं तासु नाम अडरज जेरेज उदवीरज। -गोरख०, पृ० २०५। परिनाम |-भूपण (शब्द०)। स्वेद-सज्ञा पुं० [सं०] १ पसीना। प्रस्वेद । उ०-भयौ तन स्वेद स्वेच्छा-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] अपनी इच्छा । अपनी मर्जी । जैसे,-वे सब प्रकपि जॅभाति । ठगी मनु मूरि ठगोरो मिपाति ।-पृ० काम स्वेच्छा से करते है। रा० २।४०२ । २ भाप । वाष्प। ३ ताप। गरमी। ४ पसीना स्वेच्छाकृत-वि० [स०] जो अपनी इच्छा से किया गया हो । लानेवाली औषध । स्वेच्छाचार-सज्ञा पु० [स०] मनमाना काम करना। जो जी मे आवे स्वेद'--वि० पसीना लानेवाला । वही करना । यथेच्छाचार । स्वेदक-सञ्ज्ञा पुं॰ [#०] काति लौह । स्वेच्छाचारिता-सज्ञा स्त्री॰ [स०] स्वेच्छाचार का भाव या धर्म। स्वेदक'-वि० पसीना लानेवाला। धर्मदायक । निरकुशता । उच्छृखलता । स्वेदकरण--सा पुं० [म०] पसीने की बूंद । स्वेच्छाचारी-वि० [सं० स्वेच्छाचारिन्] अपने इच्छानुसार चलने- स्वेदचूषक-सञ्ज्ञा पुं० [स०] ठढी हवा । शीतल वायु । वाला। मनमाना काम करनेवाला । निरकुश । अवाध्य । स्वेदच्छिद-वि० [सं०] स्वेद या पसीना को दूर करनेवाला । शीतलता जैसे,-वहाँ के पुलिस कर्मचारी वडे स्वेच्छाचारी है। प्रदायक [को०) । स्वेच्छादत्त - वि० [स०] जो अपनी इच्छा से किसी को दिया गया हो। स्वेदज'-वि॰ [सं०] १ पसीने से उत्पन्न होनेवाला । २ गर्म माप या स्वेच्छापूर्वक-वि [म०] अपनी इच्छा के अनुकूल या माफिक । उज्य वाप्प से उत्पन्न होनेवाला। जैसे,—वे सब काम स्वेच्छापूर्वक करते हैं । स्वेदज २.---सद्या पुं० वे जीव जो स्वेद से पैदा होते हैं । जैसे,—जूं, लीक, खटमल, मच्छर आदि कीड़े मकोडे । स्वेच्छाप्रेरित-वि० [स०] अपनी पाकाक्षा से कृत । स्वेदजल-सशा पुं० [सं०] पसीना । प्रस्वेद । स्वेच्छामरण-सा पुं० [स०] अपने इच्छानुसार मरण या मृत्यु । यौ०-स्वेदजलकण, स्वेदजलकणिका, स्वेदजलकन = पसीने की स्वेच्छामृत्यु-सया पुं० [स०] भीष्म पितामह, जो अपने इच्छानुसार बूंद । उ०-तैसे अग अगन खुले है स्वेदजलकन, खुली अलकन मरे थे। खरी खुली छवि छलक ।-भिखारी० ग्र०, भा० १, पृ० १४३ । स्वेच्छामृत्यु-वि० अपने इच्छानुसार मरनेवाला । स्वेदज शाक-सञ्ज्ञा पुं० [म.] एक प्रकार का शाक जो भूमि, गोवर, स्वेच्छामृत्यु'-सज्ञा स्त्री॰ [स०] अपनी इच्छा से मरण। स्वेच्छा- पांस, लकडी आदि मे उत्पन्न होता है । छतौना। छन्त्रक । छत्ना। मरण (फो० ॥ छनाक । भुइछत्ता । भुईफोड। 9