पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/११५

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हक्का' ५४२७ हजर' हक्का-सज्ञा पु० [देश॰] लकडी का एक प्रकार का आघात या हक-सज्ञा स्त्री॰ [हिं० हचकना] धक्का । झोका । झटका । प्रहार । (लखनऊ)। मुहा०-हचक खाना = आगे पीछे या नीचे ऊपर होना। झटक। हक्का'-सज्ञा पु० [स०] उलूक । उल्लू (को०] । खाना । झोका खाना। हक्काक-सज्ञा पु० [अ०] १ नग जडनेवाला । नग को काटने, सान हचकना--कि० अ० [अनु० हच हच ] चारपाई, गाडी आदि का पर चढाने, जटने ग्रादि का काम करनेवाला। जडिया । २ झोका खाना या बार बार हिलना । धक्के से हिलना डोलना। खुरचनेवाला । छीलने या खोदनेवाला व्यक्ति (को॰) । हचकनारे-क्रि० स० १ दे० 'हचकाना' । २ जोर से मारना । हक्कानी--वि० [अ० हक्कानी] ईश्वरीय । खुदाई । हक सवधी । मुहा०-हचक देना = जोर से मारना। हक्कानीयत-सज्ञा स्त्री० [अ० हाक्कानीयत ] १ सत्यता । सचाई । हचका-सचा पुं० [हिं० हचकना] धक्का । झोका । यथार्थता । २ हक्कानी होने का भाव [को॰] । क्रि० प्र०—देना । मारना । हक्का बक्का-वि० [ अनु० हक, धक ] किसी ऐसी बात पर स्तभित हचकाना-क्रि० स० [हिं० हचकना का सक० रूप] धक्के से जिसका पहले से अनुमान तक न रहा अथवा जो अनहोनी हिलाना । झोका देकर हिलाना। या भयानक हो । सहसा निश्चेप्ट और मौन होकर मुंह ताकता हचकीला-वि० [हिं० हचक + ईला (प्रत्य॰)] [ वि० स्त्री हचकीली ] हुआ । भौचक । घबराया हुआ। चित्रलिखा सा । ठक । जैसे- हचकनेवाला । हिलने डुलनेवाला (को॰] । यह सुनते ही वह हक्का बक्का हो गया। हेचकोला-सञ्ज्ञा पु० [हिं० हचकना] १ वह धक्का जो गाडी, चार- हक्कार-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] चिल्लाकर बुलाने का शब्द । पुकार । पाई ग्रादि पर उछलने या हिलने डोलने से लगे। धचका । २. हक्काहक्क--सज्ञा पु० [स०] पुकार । ललकार (को०] । आघात । चढाव उतार । उ०-आया हचकोला फाग का। हगनहटी-सज्ञा स्त्री० [हिं० हगना] १ मलत्याग की इद्रिय । गुदा । खग लगे परखने नये नये सुर अपने अपने राग का ।--इत्यलम्, २ वह स्थान जहां लोग पाखाना फिरते है। पृ० २०६। मुहा०-हगनहटी करना या बनाना = किसी स्थान पर गदा हचना-क्रि० अ० [अनु० हच ] किसी काम के करने में सकोच या करना । हगनहटी। मचाना = वारवार दस्त करना । आगा पीछा करना । हिचकना। हगना-क्रि० अ० [स० हदन] १ मलोत्सर्ग करना। मलत्याग हज-सज्ञा पु० [अ० ] मुसलमानो का कावे के दर्शन के लिये मक्के करना । झाडा फिरना। पाखाना फिरना। जाना । मुसलमानो की मक्के की तीर्थयात्रा । जैसे,--सत्तर चूहे सयो० कि०--देना। खा के विल्ली हज को चली। मुहा०-हग भरना या मारना = (१) हग देना । मलोत्सर्ग कर हज' - सज्ञा पुं० [अ० हज] १ आनद । मजा । राहत । सुख । २ देना । (२) अत्यत भयभीत होना । बहुत डर जाना । भाग। हिस्सा । लाभ । ३ खुशी । हर्ष (को०] । २ दवाव के मारे कोई वस्तु दे देना । झक मारकर अदा कर हजम-सज्ञा पु० [अ०] स्थूलता। मोटाई । दल । २-प्राकार देना । जैसे,--दावा होगा तो सब रूपया हग दोगे। प्रकार को ३ बहुत गदा कर देना । हजम --सज्ञा पु० [अ० हज़म, हज्म ] १ पेट मे पचने की क्रिया या हगनेटी-सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० हगनहटी] ३० 'हगनहटी' । भाव । पाचन । २ पाचन शक्ति । हाजमा (को॰) । हगाना -क्रि० स० [हिं० हगना का सक० रूप] १ हगने की क्रिया ३ तस्करता। गवन (को०] । कराना । पखाना फिरने पर विवश करना। हजम-वि० १ जो पाचन शक्ति द्वारा रस या धातु के रूप मे हो सयोकि०-देना। गया हो । पेट मे पचा हुआ । जैसे,--दूध हजम होना। २ पाखाना फिरने मे सहायता देना । मलत्याग कराना । जैसे,- रोटी हजम करना। बच्चे को हगाना। क्रि० प्र०—करना। होना । मुहा०--हगा मारना = बहुत थका देना या किसी को परेशान करना। १ बेईमानी से दूसरे से लेकर जो न दी गई हो। बेईमानी से हगा लेना = किसी से वलात् प्राप्य वस्तु या द्रव्य वसूल करना। लिया हुया । अनुचित रीति से अधिकार किया हुआ । जैसे- हगास-सज्ञा स्त्री॰ [ हि० हगना + पास (प्रत्य०) ] हगने की इच्छा। (क) दूसरे का माल या रुपया हजम करना। (ख) दूसरे की मलत्याग का वेग या इच्छा । चीज हजम करना। क्रि० प्र०-लगना । क्रि० प्र०—करना ।--होना ।--कर जाना |--कर लेना। हगोडा-वि० [हिं० हगना + प्रोडा (प्रत्य॰)] [ वि० सी० हगोडी] मुहा०-हजम होना = वेईमानी से ली हुई वस्तु का अपने पास बहुन हगनेवाला । वहुत झाडा फिरनेवाला । रहना । जैसे-बेईमानी का माल हजम न होना। हगना, हग्गां-- वि० [हिं०] बहुत हगनेवाला । हगोड़ा। हजर --सज्ञा पुं० [अ०] प्रस्तर । पत्थर । हिं० श० ११-१३