पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१२१

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की हो। हडप ५४३३ हड्डी हडप-वि० [अनु०] १ पेट मे डाला हुग्रा। निगला हुआ । २ गायव (क) चहुँवान राव हडहड हॅम्यो, हेरि मैन इम उच्चर्यो । किया हुया । अनुचित रीति मे ले लिया हुआ। उडाया हुआ। ह० रामो, पृ०७२। (ख) जहाँ, कडकडै वीर गजराज ह्य मुहा०-हडप करना= गायब करना । बेईमानी से ले लेना। --हडहडे, धडहडै धरनि ब्रह्मड गाजै।--सदर ग्र०, मा० २, अनुचित रीति से अधिकार कर लेना । जैसे-दूसरे का रुपया पृ० ८८२। इसी तरह हडप कर लोगे। हडहडाना--क्रि० स० [अनु०] जत्दी करने के लिये उकसाना । शीघ्रता हडपना-क्रि० स० [अनु० हडप १ मुंह मे डाल लेना । खा जाना । करने की प्रेरणा करना । जल्दी मचाकर दूसरे को घबराना । २ दूसरे की वस्तु अनुचित रीति से ले लेना। गायव करना। जने-वह क्यो न चलेगा, जब जाकर हडहडायोगे तव उठेगा । उडा लेना । जैसे,--दूसरे का माल या रुपया हडपना । हटहा'-सज्ञा पुं० [देश॰] जगली बैल । हडप्पा--सज्ञा पु० [देश॰] एक अत्यंत प्राचीन एव ऐतिहासिक स्थान हडहा--सशा पु० [हिं० हाड] व्ह जिसने किसी के पुरखे की हत्या जो पाकिस्तान में है। हडफुटनी , हडफूटना--सहा स्री० [हिं० हाड + फूटना] १ शरीर के हडहा--वि० [हि हाड] [वि॰ सी० हडही] १ अस्थि मवधी । हड्डी भीतर का वह दर्द जो हड्डियो के भीतर तक जान पडे । सबधी। २ जिसकी देह मे हड्डियाँ ही रह गई हो । बहुत हड्डियो की पीडा । वह रोग जिसमे मज्जा और हड्डी मे वायु दुबला पतला। का कोप हो।-माधव०, पृ० १३६ । २ वह अजीर्ण जिसमे हडा-सज्ञा पुं० [अनु०] १ चिडियो को उडाने का शब्द जो खेत के अफरा, हडफूटन कुछ न हो । यह पाँचवाँ अजीर्ण माना जाता रखवाले करते हैं। है ।-माधव०, पृ० ६४। मुहा०-हडा हडा करना = वोनकर चिडिया उडाना। हडफूटनी-सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० हडफटन] चमगादड । २ पथरकना बदक। विशेप-लोग चमगादर की हड्डी की ग्यिा पैर के दर्द मे पह- हडावर, हडवारि-सज्ञा स्त्री० [हिं० हाड + स० गवलि ] १ नते है। अत चमगादड का यह नाम पड़ा है। ठठरी। दे० 'हडावल'-२। उल--राम सरासन ते चल तीर, हडफोड-सञ्ज्ञा पुं० [हिं० हाड + फोडना ] एक प्रकार की चिडिया । रहे न शरीर हटावरि फ़्टी । —तुलसी (शब्द०) । २ हड्डियो हडवड-सज्ञा स्त्री० [अनु०] उतावलेपन की मुद्रा । जल्दबाजी प्रकट की माला। हडावल । उ०—कायरि कया हडावरि बाँधे । करनेवाली गतिविधि । मुडमाल और हत्या काँधे । -जायसी (शब्द०)। मुहा०-हडवड करना = जल्दी मचाना । जत्दवाजी करना । हडावल---सज्ञा स्त्री० [हिं० हाड + स० अवलि] १ हड्डियो की पक्ति हडवडाना--त्रि. ० अ० [अनु०] जल्दी करना । उतावलापन करना। शीघ्रता के कारण कोई काम घबराहट से करना। अातुर या समूह । २ हटियो का ढाँचा । टटरी। ३ हड्डियो की होना । जैसे-अभी हडबडायो मत, गाडी पाने में देर है। हडि ह-सज्ञा पु० [सं० हडि] १ प्राचीन काल की काठ की बेडी जो सयो० क्रि०-जाना। पैर मे डाल दी जाती थी। २ एक जाति । हडिक । हडवडाना-क्रि० स० किसी को जल्दी करने के लिये कहना। हडिक-सज्ञा पु० [स०] एक जाति जिसका पेशा झाडू लगाना तथा जैसे,--तुम जाकर हडबडायोगे तब वह घर से चलेगा। मल उठाना आदि है किो०] । सपो.क्रि०-देना। हडवडिया-वि० [हिं० हडवडी + इया (प्रत्य॰)] हडवडी करनेवाला। हडीला-वि० [हिं० हाड + ईला (प्रत्य॰)] १ जिसमे हड्डी हो। २ जिसकी देह मे केवल हड्डियाँ रह गई हो। बहुत दुवला जल्दी मचानेवाला। जल्दवाज । उतावला । आतुरता प्रकट पतला। करनेवाला। हडवडी-सझा सी० [अनु०] १ जल्दी। उतावली। शीव्रता। २ हड वा-सज्ञा स्त्री॰ [सं० हरिद्रा] एक प्रकार की हल्दी जो कटक मे शीघ्रता के कारण आतुरता। जल्दी के कारण घबराहट । होती है। जैसे, हडबडी मे काम ठीक नही होता है। हड्ड-सज्ञा पुं० [स०] अस्थि । हड्डी [को०] । क्रि० प्र०—करना।-पडना ।--लगना ।--होना। हड्डक-मज्ञा पु० [स०] एक जाति । दे० 'हडिक' [को०] । मुहा०--हडवडी मे पडना-ऐसी स्थिति मे पटना जिसमे काम हड्डज-मंज्ञा पुं० [सं०] मज्जा । मेद । वना [को०] । बहुत जल्दी जल्दी करना पडे। उतावली की दशा मे होना। हड्डा-सज्ञा पुं० [स० इडाचिका] पतग जानि का एक कीट जो मधु- हडबोंग--सज्ञा पुं० [हिं०] दे० 'हरबोंग'। उ०—एक हडवोग का मक्खियो के समान छत्ता बनाकर अडे देता है। भिड। बरें। पालम है। दाव व आदाव वालाए ताक, कहकहे पर कहकहा पड ततैया। रहा है। फिसाना०, भा० ३, पृ० ४७ । हड्डि, हड्डिक, हड्डिप-सशा पु० [सं०] दे० 'हडिक' । हडहडना-क्रि० अ० [अनु॰] घबराहट या प्रमन्नता के कारण हड्डी-सशा सी० [स० अस्थि, प्रा० अत्थि, अट्ठि (मस्कृत कोशो का जोरो से अावाज करना। ध्वनि करना। चिल्लाना । उ०- 'हड्ड' शब्द देशभापा से ही लिया जान पडता है, हेमचद्र ने भी माला।