पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१२५

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हत्थाजड़ी ५४३७ हथकरी हत्थाजडी-सक्षा बी० [हिं० हाथी + जडी] एक छोटा पौधा जिसकी क्रि० प्र०-लगना। पत्तियाँ सुगधित होती हैं और जो भारतवर्ष के कई भागो मे हथ-सज्ञा पु० [स० हस्त, प्रा० हत्य, हथ्थ, हि० हाथ] 'हाथ' का पाया जाता है। सक्षिप्त रूप जिसका व्यवहार समस्त पदो मे होता है। जैसे,- विशेष- इस पौधे की पत्तियो का रस घाव और फोडे आदि पर हथकडा, हथफेर, हथलेवा । उ० -रघुनाथ श्री हथ हथे रावण, रखा जाता है। विच्छू और भिड के डक मारे हुए स्थान पर परम सता कीध पावण । -रघु० रु०, पृ० २२७ । भी यह लगाया जाता है। संस्कृत मे इसे हस्तिशुडा कहते है । हथ-सज्ञा पुं० [सं०] १ आघात । २ बध । हनन। हत्या । ३ मौत । हत्थि- सझा पुं० [स० हस्तिन, प्रा० हत्थि] हस्ति। हाथी । गज । मृत्यु । ४ दुखी या निराश मनुष्य [को०] । फील । उ०-मिवा औरगहि जिति सकै, औरन राजा राव । हत्थि मत्य पर सिंह विनु आन न घाले धाव ।-भूषण ग्र०, हथ-सञ्ज्ञा पुं० [सं० हस्ति, प्रा० हत्यि, हथ्थि, हि० हाथी] 'हाथी' शब्द का सक्षिप्त रूप जो समस्त पदो मे व्यवहृत किया जाता है। पृ० १००। यौ०- हत्थिमत्थ = हाथी का मस्तक । जैसे,-हथनाल, हथशाला आदि । हत्थी--सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० हत्या, हाय] १ किसी औजार या हथियार हथउधार-मज्ञा पुं॰ [हि० हाथ + उधार] वह कर्ज जो थोडे दिनो के का वह भाग जो हाथ से पकडा जाय । दस्ता । मूठ । २ चमडे लिये यो ही बिना किसी प्रकार की लिखा पढी के लिया जाय । का वह टुकडा जिसे छीपी रग छापते समय हाथ मे लगा लेते हथफेर । दस्तगरदा। है। ३ वह लकडी जिससे कडाह मे ईख का रस चलाते है। क्रि० प्र०—करना ।-देना। -लेना। ४ गोमुखी की तरह का ऊनी थैला जिससे घोडो का बदन पोछते हे। ५ बारह गिरह लबी लकडी जिसमे पीतल के छह हथकडा- सज्ञा पुं० [सं० हस्त, हि० हाथ + सं० काण्ड] १ हाथ को इस प्रकार जल्दी से और ढग के साथ चलाने की क्रिया जिससे दाँत लगे रहते है और जो कपडा वुनते समय उसे ताने रहने के लिए लगाई जाती है। देखनेवालो को उसके द्वारा किए हुए काम का ठीक ठीक पता हत्थे-क्रि० वि० [स० हस्ते, प्रा० हत्थे, हिं० हाँथे] हाथ मे । न लगे। हाथ की सफाई । हस्तलाघव । हस्तकौशल । जैसे,- बाजीगरो के हथकडे । २ गुप्त चाल । चालाकी का ढग । मुहा०--हत्थे चढना = (१) हाथ मे आना । अधिकार मे आना। प्राप्त होना । (२) वश मे होना । प्रभाव के भीतर आना। चतुराई की युक्ति । जैसे,—यह सब हथकडे मै खूब पहचानता हत्थे लगना = दे० 'हत्थे चढना'। हूँ। ३ गुप्त अभिसधि । षड्यन्त्र । ४ तिकडमबाजी। धूर्तता हत्थेदड--सञ्ज्ञा पुं० [हिं० हत्या + दड] वह दड (कसरत) जो ऊंची इंट या पत्थर पर हाथ रखकर किया जाता है। हथकडेवाज-सञ्ज्ञा पुं० [हिं० हथकडा] तिकडमवाज एव धूर्त व्यक्ति । हत्या- सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] १ मार डालने की क्रिया । वध । खून । हथकटी-सशा स्त्री० [हिं० हाथ] गतके का दावँ जिसमे हाथ पर प्रहार क्रि० प्र०-करना ।-होना।। करते है। उ०--अखाडे मे गतका लेकर खडे हुए है तो मालूम २ वध करने का पाप । हत्या करने का दोप (को०) । हुआ विजली चमक गई । एक दफा ललकार दिया कि रोक मुहा०-हत्या लगना = हत्या का पाप लगना । किसी के बध का हथकटी।--फिसाना०, भा० १, पृ०७ । दोष ऊपर ग्राना । जैमे,--गाय मारने से हत्या लगती है । हत्या हथकडा--सशा पुं० [हिं० हाथ + कडा] १ उपाय । साधन । उ०- लेना = हत्या का पाप प्रोढना। उ०- एहू कहँ तसि मया मान सच्चा हाथ पाने के लिये, हाथ की ही हथकडी, है हथकडे।-- करेहू । पुरवहु प्रास कि हत्या लेहू ।--जायसी ग्र० (गुप्त), चुभते०, पृ० १५। २ 'हथकटी' का पुलिग । ३० 'हथकडी'। पृ०२६२। उ.--बहुत शोर होगा, कैदी के कठिन हथकडे तडकेगे।- ३ अत्यत दुर्बल और कमजोर प्राणी । ४ हैरान करनेवाली बात । अग्नि०, पृ०७। झझट । बखेडा । जैसे,--(क) कहाँ की हत्या लाए, हटायो । हथकडी--सज्ञा सी० [हिं० हाथ + कडी ] डोरी से बंधा हुअा लोहे (ख) चलो, हत्या टली। का छोटा कडा जो कैदी के हाथ मे पहना दिया जाता है (जिससे मुहा०--हत्या टलना = झझट दूर होना । हत्या सिर मढना या लगाना = बखेडे का काम देना । झझट लादना। वह भाग न सके) । उ०-मान सच्चा हाथ पाने के लिये हाथ की ही हथकडी है हथकडे ।--चुभते०, पृ० १५ । हत्यार-सञ्ज्ञा पुं० [हि० स० हत्या + कार] दे॰ 'हत्यारा'। क्रि० प्र०-पडना। --डालना। हत्यारा--वि०, सज्ञा पुं॰ [स० हत्या + कार] [नी हत्यारिन, हत्यारी] हत्या करनेवाला । वध करनेवाला। जान लेनेवाला। हिंसा यौ०-हथकडी वेडी = हाथ और पैर का लौहबधन । करनेवाला । उ०--अरु प्रभु मो तै जनम तिहारी । जिनि जान हथकरा-सज्ञा पुं० [हिं० हाथ + करना] १ धुनिये की कमान मे यह कस हत्यारौ।--नद० ग्र०, पृ० २२६ । बँधा हया कपडे या रस्सी का टुकडा जिसे धुनिये हाथ से पकडे हत्यारी-सज्ञा स्त्री॰ [हि० हत्यारा] १' हत्या करनेवाली । प्राण लेने रहते है । २ चमडे का दस्ताना जिसे चारे के लिये कटीले झाड वाली । २. हत्या का पाप । प्राणवध का दोष। खून का अजाब । काटते समय पहन लेते है । भरी चाल । 1