पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१३०

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जन्मोत्सव । हनुमत ५४४२ हनुमत--सशा पुं० [सं० हनुमत्] दे० 'हनुमान्' 150-तब हनुमत कही हनुसहति-मशास्त्री० [०] गाडा बैठने की व्याधि । सब रामकया निज नाम।--मानस, ५।६। हनुसहनन-~-सा पुं० [सं०] दे० 'हनुगहति' । हनुमत उडी--पज्ञा स्त्री० [हिं० हनुमत + उडना] मालखभ की एक हनुल-वि० [सं०] पुरट या दृढ दाबाना । मजबूत जबडेवाला । कसरत जिसमे सिर नीचे और पैर ऊपर की ओर करके सामने हनूं:-HT पुं० [हिं० हनुवं] हनुमान् । उ०-~जनह लक मर लाते है और फिर ऊपर खसकते है। लूमी हनूं निर्धासो वारि ।-जायमी १० (गुप्त), पृ० २५ ॥ हनुमती--मज्ञानी० [हिं० हनुमत] मालखम को एक कमरत जिसमे एक पाँव के अँगूठे से बेत पफड कर खूब तानते है और फिर हनू-सजा सी० [०] २० 'हनु' [को०) । दूसरे पाँव को ग्रटी देकर और उससे वेंत पकडकर वेटते है। हनूफाल---सशा पुं० [सं० हनू + हिं० फान, फाग] एक मात्रिक हनुमज्जयती--पज्ञा स्त्री० [सं० हनुमत् + जयन्ती] हनुमान जी का छद जिमके प्रत्येक चरण में बारह मानाएँ और प्रत में गुरु लघु होते हैं। उ-इति हनूफानय छद। कल बरनि बरनि विशेप--हनुमज्यती पुराणो के आधार पर वप मे दो दिन मनाई सुकद ।--प० रा०, १६५। जाती है। प्रथम चैत्र पूर्णिमा को जिस दिन उप काल मे हनुमान् हनूमान्-तज्ञा पुं० [सं० हतूमत्] दे० 'हनुमान्' । का जन्मोत्सव मनाया जाता है । द्वितीय कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को जो दक्षिण मे विशेष प्रचलित है । हनूप-पुं० [सं०] दैन्य । राक्षम |पो०] । हनुमत-सज्ञा पुं० [म० हनुमत] दे० 'हनुमान्' । हनोज-- [--प्रव्य० [फा० हनोज] अभी। अभी तक । जमे,--हनोज दिल्ली हनुमत्कवच-मज्ञा पुं० [म०] १ हनुमान को प्रसर करने का एक मन दूर है। उ०-कवि मेवक बूढ़े गए नो रहा पै हनोज है मौज जिसे लोग तावोज वगैरह मे रख कर पहनते है । २ हनुमान जी मनोज ही की।-गेवक (शन्द०)। को प्रसन्न करने की एक स्तुति । हनोद --सरा पुं० [श०] हिंडोल राग को एक पुत्र का नाम । हनुमद्धारा-सञ्ज्ञा स्त्री० [सं० हनुमत् + धारा] चित्रकूट का एक पवित्र हन'--सरा पुं० [सं०] पुरीप । विष्ठा । मल फिो०] । स्थान । उ०--नहराते धीर से, वह है हनुमद्वारा--पचकोसी हन-वि० जिसया उत्सर्जन या त्याग किया गया हो (विष्ठा) । का पहाड ।--कुकुर०, पृ० ५४ । हनुमान्'--वि० [८० हनुमत्] १ टाढवाला । जवडेवाला। २ भारी हन्नाह-सशा पुं० [ मे० सन्नाह ] दे० 'सनाह । उ०---तुम्ह लेह दाढ या जवडेवाला । महावीर । लेहु मुप जप जोध। हन्नाह सूर गव पहरि क्रोध। -पृ० हनुमान्'--सञ्ज्ञा पुं० पपा के एक वीर बदर जिन्होने मीताहरण के रा०, २०१४७ । उपरात रामचद्र की बडी सेवा और सहायता की थी। हन्यमान-वि० [सं०] जो मारने योग्य हो। हननीय । वध्य । २ जो विशेप-ये लका में जाकर सीता का समाचार भी लाए थे और मारा जा रहा हो।को०)। रावण की सेना के साथ लडे थे। ये अपने अपार बल, वीरता और वेग के लिये प्रसिद्ध है और वदरो के समान इनकी हप-शा पुं० [अनुव०] कोई वस्तु मुह मे चट से लेकर पोट वद फरने का शब्द । जमे,-प से पा गया। उत्पत्ति भी विष्ण के अवतार राम की सहायता के लिये देवाश से हुई थी। इनकी माता का नाम अजना था और ये वायु या मुहा०-हप कर जाना = झट से मुंह में डालकर खा जाना । चटपट उडा जाना। उ०-देखते देखते मारा भात हप से खा मरुत् देवता के पुत्र कहे जाते हैं। कही कही इन्हें शिव के वीर्य या अश से भी उत्पन्न कहा गया है। ये रामभक्तो मे सबसे गया। हप करना-दे० 'हप कर जाना' । आदि कहे जाते है और राम ही के समान इनकी पूजा भी भारत हपटाना -क्रि० स० [हिं० हांफना) हांफना । मे सर्वत्र होती है । ये वलप्रदाता माने जाते हैं और हिंदू पहलवान हपुषा-सशास्त्री० [सं०] दवा के काम आनेवाला एक फल जो बहुत या योद्धा इनका नाम लेते है और इनकी उपासना करते है। काला होता है । माक्षनाशिनी [को०)। हनुमान--सञ्ज्ञा पु० [स० हनुमान् | दे० 'हनुमान्' । हप्पा-सझा पुं० [अनुध्व०] १ भोजन । गास । कौर । २ उन्कोच । घूम । हनुमान बैठक-सज्ञा खी० [हिं०- हनुमान + बैठक] एक प्रकार की बैठक हप्पू -सज्ञा पुं० [?] अफीम (को० । (कसरत) जिसमे एक पैर पैतरे की तरह आगे बढाते हुए बैठते उठते हैं। हप्पू'-वि० अधिक खानेवाला। हनुमूल-सज्ञा पु० [स०] जबडे का मूल स्थान [को०] । हप्तासमा पु० [फा० हपतह] दे० 'हफ्ता' । उ०-द्वै हप्ता हित हनुमोक्ष--संज्ञा पुं० [स०] १ दाढ का एक रोग जिसमे बहुत दरद ह्र गई, जब रुखसत मजूर 1--प्रेमघन०, मा० १, पृ० १५४ । होता है और मुंह खोलते नहीं बनता। २ जाडे का खुलना। हफनि gी-सचा सी० [हिं० हाफना] हेफने की निया। हंफने का भाव। हनुभेद (को०)। हफनी। उ०-गई दावरी बावरी आई आतुर न्हाइ । तपनि तरल हनुवै ---सज्ञा पुं॰ [हिं० हनुमत] दे० 'हनुमान् । उ०---जनहुँ लक ननी सही मो हित हफनि मिटाइ।--स० मप्तक, पृ० २६४ । सव लूटी, हनुवं विधसी वारि। जागि उठि अस देखत, हफ्त---वि० [सं० मप्त, फा० हपत] सात की संख्या का बोधक या वाचक । सखि | कहु सपन विचारि ।-जायसी (शब्द॰) । सात (को०] ।