पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१५५

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१ ५४६७ हलका २ एक अस्त्र का नाम । विशेष-श्री कृष्ण के बडे भाई बलराम का यह प्रमुख अस्त्र था। इसी से उनका एक नाम 'हल्ली' भी है। ३ जमीन नापने का लट्ठा। ४ वृहत्सहिता के अनुसार उत्तर के एक देश का नाम । ५ सामुद्रिक के अनुसार पैर की एक रेखा या चिह्न । ६ प्रतिपेध । विघ्न । बाधा (को०) । ७ कुरूपता। विकृतियुक्तता। भद्दापन (को०)। ८ एक नक्षत्रसमूह (को०) । ६ कलह । विवाद । झगडा (को०)। हल'--सञ्ज्ञा पुं० [अ०] १ हिसाब लगाना । गणित करना। २ किसी कठिन बात का निर्णय। किसी समस्या का समाधान (या उत्तर)। जैसे—यह मुश्किल किसी तरह हल होती दिखाई नहीं देती। ३ मिलकर एकमेक हो जाना । घुलना। उलझन का सुलझना या खुल जाना (को०)। ४ किसी गणित या अन्य विषय के प्रश्न का उत्तर या जवाव (को०) । हलकप- सन्चा पुं० [हिं० हलना (= हिलना) + कप] १ भारी हल्ला या उथलपुथल । हलचल। आदोलन। हडकप । उ०-जब अहेर सो आयो नाही। तव हलकप परयो पुर माही।- रघुराज (शब्द॰) । क्रि० प्र०-मचना।-मचाना । २ चारो ओर फैली हुई घबराहट। लोगो के बीच फैला हुआ आवेग या आकुलता । उ०-शनुन के दल मे हलकप परयो सुनि के नृप केरी अवाई।-(शब्द०)। क्रि० प्र०-डालना। -पडना। हलक-सबा पुं० [अ० हलक] गले की नली । कठ । उ०-ऐसा यार हरीफ रहत मन हलक मे ।-पलटू०, पृ० ३०० । २ गला । गरदन । ३ मुडन । मूंडना । क्षौर कर्म (को०)। मुहा०-हलक के नीचे उतरना = (१) मुंह मे डाली हुई वस्तु का पेट में ले जानेवाले स्रोत मे जाना । पेट मे जाना । (२) किसी बात का मन मे बैठना । असर होना। हलक तक भरना = अावश्यकता से अधिक खाना । ठूस लूंसकर भोजन करना। हलक पर छुरी फेरना = दे० 'गला रेतना' और 'गले पर छुरी फेरना' । हलक मे डालना = कठ के नीचे उतारना । पेट मे पहुँचाना । पेट मे डालना । हलक से उतरना = (१) गले के नीचे उतारना । पेट मे पहुँचना । (२)मन मे बैठना । हलकई-सक्षा स्त्री० [हिं० हलका + ई (प्रत्य॰)] । १ हलकापन । गुरुत्वाभाव । २ अोछापन । तुच्छना। ३ हेठी। अप्रतिष्ठा । जैसे--वहाँ जाने से कोई हलकई न होगी।- बालकृष्ण भट्ट (शब्द०)। हलककुद्--मज्ञा पुं० [सं०] हल की वह लकडी जो लट्टे के एक छोर पर आडे बल मे जडी रहती है और जिसमे फाल ठोका रहना है । हरैना । विशेप दे० 'हल'-१। हलकना--सञ्ज्ञा स्त्री० [हिं० हलकना] १ हलकने की स्थिति । हिलने डलने की क्रिया। छलकन । हलकना --क्रि० प्र० [सं० हल्लन (= हिलना) अथवा 'हल हल' अनु०] १ किसी वस्तु मे भरे जल का हिलाने से हिलना डोलना या शब्द करना । जैसे,--दौडने से पेट मे पानी हलक्ता है। हिं० २० ११-१८ २ हिलोरें लेना । तरग मारना । लहराना। ३ वत्ती की लौ का झिलमिलाना । ४ हिलना । डोलना। 30--पानिप के भारन सँभारत न गात, लक लचि लचि जाति कचभारन के हलकै ।-द्विजदेव (शब्द॰) । हलकमी-सज्ञा पु० [हिं०] दे० 'हडकप', 'हलकप' । हलका'-वि० [स०लघुक, प्रा०लहुक, लहुअ, विपर्यय 'हलुक'] [वि॰ स्त्री हलकी] १ जो तौल मे भारी न हो । जिसमे वजन या गुरुत्व न हो। 'भारी' का उलटा । जैसे,—यह पत्थर हलका है, तुम उठा लोगे। उ०-गरुवा होय गुरु होय वैठे हलका डग- मग कर डोले ।-कवीर श०, भा०१, पृ० १०३ । २ जो गाढा न हो । पतला । जैसे,—हलका शरबत । ३ जो गहरा या चटकीला न हो। जो शोख न हो। जैसे,—हलका रग, हलका हरा । ४ जो गहरा न हो । उथला जैसे,-किनारे पर पानी हलका है। ५ जो उपजाऊ न हो। जो उर्वरा न हो। अनुर्वर । जैसे,—यहां की जमीन हलकी है, पैदावार कम होती है। ६ जो अधिक न हो । कम । थोडा । जैसे,—(क) हलका भोजन । (ख) हमे हलके दामो का एक घोडा चाहिए । ७ जो जोर का न हो । मद । थोडा थोडा । जैसे,--हलका दर्द, हलका ज्वर । ८ जो कठोर या प्रचड न हो । जो जोर से न पडा या बैठा हो । जैसे,—हलकी चपत, हलकी चोट । ६. जिसमे गभीरता या बडप्पन न हो । पोछा । तुच्छ । टुच्चा। जैसे,-हलका पादमी, हलकी बात । १० जो करने मे सहज हो । जिसमे कम परिश्रम हो। आसान । सुख साध्य । जैसे,- हलका काम । ११ जिसके ऊपर किसी कार्य या कर्तव्य का भार न हो । जिसे किसी बात के करने की फिक्र न रह गई हो। निश्चित । जैसे,—कन्या का विवाह करके अब वे हलके हो गए १२ प्रफुल्ल । ताजा। जैसे,--नहाने से वदन हलका हो जाता है। १३. जो मोटा न हो। झीना । पतला । महीन । जैसे,-हलका कपडा १४ कम अच्छा । घटिया । जैसे,—यह माल उससे कुछ हलका पड़ता है। १५ निदित । अप्रतिष्ठित । १६ जिसमे कुछ भरा न हो । खाली । पूंछा । उ०--सखि वात सुनी इक मोहन की, निकसे मटकी सिर ले हलकै । पुनि बाँधि लई सुनिए नत नार कहूँ कहुँ कुद करी छलकै ।--केशव (शब्द०)। मुहा०-हलका करना = अपमानित करना। तुच्छ ठहराना । लोगो की दृष्टि मे प्रतिष्ठा कम करना । जैसे,--तुमने दस प्रादमियो के वीच मे हलका किया । हलकी वात - (१)ोछी या तुच्छ वात। (२)बुरी वात । हलके भारी होना= (१) ऊबना । भार अनुभव करना । बोझ सा समझना । जैसे,—चार दिन मे तुम्हारे यहाँ से चले जायेंगे, क्यो हलके भारी हो रहे हो। (२) तुच्छता प्रकट करना। लोगो की नजर मे अोछा बनना। हलकी भारी बोलना = खोटे वचन कहना । खरी खोटी सुनाना । बुरे शब्द मुंह से निकालना। लोगो की दृष्टि मे हलका होना = अोछा या तुच्छ समझा जाना । प्रतिष्ठा खोना । बुरा समझा जाना। हलके हलके - धीरे धीरे। मद गति से । आहिस्ता आहिस्ता। हलका सोना = हलका सुनहरी रग । (रंगरेज)।