पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१६३

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हवाई ५४७५ हवाल महाजनो मे धाक । वडप्पन या उत्तम व्यवहार का विश्वास । हवाई बेडा-सञ्ज्ञा पुं॰ [हिं० हवाई + वेडा] युद्धक विमानो का दल [को०] । साख । हवाई मार्ग-सज्ञा पु० [हि० हवाई + स० मार्ग] आकाश मे हवाई मुहा०-हवा उखडना नाम न रह जाना। प्रसिद्ध न जहाज के आने जाने का रास्ता । रहना। (२) साख न रह जाना । बाजार मे विश्वास उठ हवाई युद्ध--सञ्ज्ञा पुं० [हिं० हवाई + सं० युद्ध ] हवाई जहाजो द्वारा जाना । हवा बंधना = (१) अच्छा नाम हो जाना। लोगो आकाश मे होनेवाली लडाई । वीच प्रसिद्ध हो जाना । (२) बाजार मे साख होना । व्यवहार हवाई हमला-सञ्ज्ञा पु० [ हि० हवाई + अ० हमला ] आकाश मार्ग मे लोगो के बीच अच्छी धारणा होना । से हवाई जहाजो द्वारा होनेवाला आक्रमण । ५ किसी बात की सनक । धुन। ६ इच्छा। स्पृहा आकाक्षा (को०)। ७ लोभ । लालच (को॰) । हवाखोरी -सञ्ज्ञा स्त्री० [अ० हवा+ फा० खोर + ई (प्रत्य॰)] १ हवाई?--वि॰ [अ० अथवा अ० हवा + हिं० ई (प्रत्य॰)] १ हवा का । हवा खाना। टहलना। खुली हवा मे घूमना । उ०-सवेरे ही लाला मदनमोहन हवाखोरी के लिये कपडे पहन रहे थे ।- वायु सवधी । २ हवा मे चलनेवाला । जैसे,-हवाई जहाज । ३ विना जड का। जिसमे सत्य का आधार न हो । कल्पित श्रीनिवास ग्र०, पृ० २१५ । २ निरर्थक घूमना । आवारागर्दी करना । या झूठ। निर्मूल । जैसे,—हवाई खबर, हवाई वात । यौ०--हवाई किला = अयथार्थ वात । अव्यावहारिक चोचला। हवागीर-सञ्ज्ञा पुं० [फा०] पातशवाजी के वान बनानेवाला । हवाई खबर 3 - झूठी सूचना । अफवाह । हवाई महल = दे० हवाचक्की-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [हि० हवा + चक्की] आटा पीसने की वह 'हवाई किला'। हवाई वात = दे० 'हवाई खवर'। चक्की जो हवा के जोर से चलती हो। पवन चक्की। मुहा०-हवाई किले वनाना = अयथार्थ कल्पनाएँ करना । अव्यव- हवादार'-वि० [फा० ] जिसमे हवा आती जाती हो। जिसमे हवा हार्य योजना बनाना । हवाई महल वनाना = दे० 'हवाई किले आने जाने के लिये काफी छेद, खिडकियाँ या दरवाजे हो । बनाना'। जैसे,—हवादार कमरा, हवादार मकान, हवादार पिंजरा । हवाई -सज्ञा स्त्री॰ हवा मे कुछ दूर तक बडे झोक से जाकर बुझ हवादार-सज्ञा पुं० वह हलका तख्त जिसपर बैठाकर बादशाह को जानेवाली एक प्रकार की आत शवाजी। बान । पासमानी। महल या किले के भीतर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले उ०-सत्त नाम ले उडे पलीता, हरदम चढत हवाई। कबीर जाते थे। श०, भा०३, पृ० ४६ । मुहा०—(मुंह पर) हवाइयां उडना = चेहरे का रग फीका पड जाना। हवादार--वि० [अ० हवा + फा० दार] १ शुभचितक। हितू । हित चाहनेवाला । खैरख्वाह । उ०-वली मोसिल मे था इक आकृति से भय, लज्जा या उदासी प्रकट होना। विवर्णता होना। शख्स मक्कार । उठा जाहिर मे वह शह का हवादार ।- (मुंह पर) हवाइयां छूटना = दे० (मुंह पर) 'हवाइयाँ उडना' । उ०-ऐसा फरमाइशी कहकहा लगाया कि छम्मी दक्खिनी०, पृ० १६० । २ मित्र । दोस्त (को॰) । जान के मुंह पर हवाइयाँ छूटने लगी।—फिसाना०, भा० १, पृ० हवादारी--सज्ञा स्त्री॰ [फा०] १ हितचिंतन । कल्याणकामना । शुभ- ५। हवाई गुम होना = धवडा जाना । अक्ल गायब हो जाना। कामना। २ दोस्ती। मैत्री (को०] । हवाई छोडना-आतिशवाजी छोडना । हवान-संज्ञा पुं० [अ० हवा, हवाई ] एक प्रकार की छोटी तोप जो हवाई अड्डा-सज्ञा पुं० [हिं० हवाई + अड्डा] हवाई जहाज के उडने जहाजो पर रहती है। कोठी तोप । (लश०) । और उतरने का स्थान । वायुयान केद्र । हवाना-सञ्ज्ञा पुं॰ [ हवाना द्वीप ] तवाकू का एक भेद । अमेरिका के हवाई अाक्रमण-सञ्ज्ञा पुं० [हिं० हवाई + सं० आक्रमण] दे० 'हवाई हवाना नामक स्थान की तबाकू । हमला'। हवापानी-सज्ञा पुं० [हि०] १ जलवायु । आबोहवा। २. सैर हवाईगर-सज्ञा पुं० [फा० हवाईगीर] दे० 'हवागीर'। उ०—सिकली सपाटा । घूमना फिरना। गर हवाईगर सुनार लुहार । धीमर चमार एई छत्तीस हवावाज-सज्ञा पुं० [अ० हवा + फा० वाज] १ वायुयान । उ०-- पउनिया।-अर्ध०, पृ० ४ । हवाबाज ऊपर धहराते हैं । डाक सैनिक आते जाते है।-- हवाई जहाज-सचा पु० [हि० हवाई + अ० जहाज] वायुयान । बेला, पृ० ५२। हवाई डाक-सञ्ज्ञा पुं० [ हि० हवाई + डाक ] हवाई जहाज से जाने- हवावाजी-सञ्ज्ञा स्त्री० [अ० हवा + फा० वाजी ] हवावाज का काम । वाली डाक या चिट्ठी पत्नी । वायुयान चलाने का काम, पद या पेशा [को०] । हवाई फायर, हवाई फैर-सचा पुं० [हिं० हवाई + अ० फायर ] हवाम--सज्ञा पुं० [अ० ] जमीन के भीतर विल मे रहनेवाले प्राणी। लोगो को डराने के लिये हवा में झूठी बदूक चलाना। जैसे,-सॉप, चूंटा, मूपक आदि [को०] । हवाई बदूक-सधा स्त्री॰ [ हि० हवाई + फा० बदूक ] झूठी बदूक । हवाल--सञ्ज्ञा पुं० [अ० अहवाल] १ हाल । गति । परिणाम । उ०--वकरी पाती खाति है ताकी काढी हिं० श० ११-१६ दशा। अवस्था। २ नकली वदूक ।