पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१६७

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हस्तकार्य, हस्तकार्य ५४७४ हस्तरेखा हस्तकार्य, हस्तकार्य-सज्ञा ० [सं०] १ हाथ का काम। हाथ से हस्ततुला-सझा पुं० [म०] हाथ मे तोलने या वजन करने की छोटी किया हुअा कार्य । २. दस्तकारी । तराजू । कांटा [को०] । हस्तकोहली -सञ्ज्ञा स्त्री॰ [सं०] वर और कन्या की कलाई मे मगल हम्तन-सभा पुं० [सं०] दे० 'हम्नवाण' । सूत्र बांधने की क्रिया या रीति । हस्तनाग--मज्ञा पुं० [म०] अस्त्रो के आघात से रक्षा के लिये हाय में हस्तकौशल-सज्ञा पुं० [सं०] १ किसी काम मे हाथ की सफाई । पहना जानेवाला दस्ताना। किसी काम मे हाथ चलाने की निपुणता । २ हाथ से किया हस्तदक्षिण --वि० [स०] १ दाहिनी ओर स्थित । दाहिनी ओर बैठा हुया कलापूर्ण काम । दस्तकारी। हुअा। २ ठीक । मही को । हस्तक्रिया-सझा स्त्री० [सं०] १ हाथ का काम । २ दस्तकारी। ३ हस्तदक्षिण-सज्ञा पुं० दाहिना हाथ [को॰] । हाथ से इद्रिय सचालन । सरका कूटना । हस्तमैथुन । हस्तदीप--मन्ना पुं० [स०] हाय का दीपक । हाथ की लालटेन या दीपक । हस्तक्षेप-सज्ञा पुं० [सं०] किसी काम मे हाथ डालना। किसी होते हस्तदोप--सज्ञा पुं० [स०] १ हाथ से डांडी मारने या नाप मे फर्क हुए काम मे कुछ कार्रवाई कर बैठना या वात भिडाना । दखल डालने का अपराध । २ हाथ से लिखने मे गलती हो देना । जैसे,—हमारे काम मे तुम हस्तक्षेप क्यो करते हो ? जाना। उ०--कजली त्योहार मे कृत्यादि के विरुद्ध शुक्ला हम जैसे चाहेंगे वैसे करेंगे । तृतीया का उल्लेख नि स देह हस्तदोष वा भ्रम का होना प्रमा- क्रि० प्र०—करना । होना। गित करता है।--प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ० ३४४ हस्त खस्त-वि० [फा० हप्त ( = है - अस्तित्वयुक्तता) + सस्त ( = हस्तधारण-पञ्चा पुं० [म०] १ हाथ पकडना । २ हाथ का महारा देना । ३ पाणिग्रहण करना । विवाह करना। ४. वार को हाथ खस्ता) क्षणभगुर । नश्वर। उ०-यह तन हस्त खस्त खराव पर रोकना। खातिर प्रदेसा विसियार ।-२० वानी, पृ० २६ । हस्तपर्ण-- --सज्ञा पुं० [सं०] एक प्रकार का ताड । हस्तग--वि० [स०] १ जो किसी के अधिकार मे जानेवाला हो। २ किसी के हाथ मे जानेवाला [को॰] । हस्तपाद-संज्ञा पुं० [स०] हाथ और पैर । हाथपाव । हस्तगत--वि० [सं०] १ हाथ मे आया हुआ । प्राप्त । लब्ध । हासिल । हस्तपुच्छ-संज्ञा पुं॰ [सं०] मणिवध के नीचे का हिस्सा । पजा (को०)। जैसे,—वह पुस्तक किसी प्रकार हस्तगत करो। २ अपने पक्ष, हस्तपृष्ठ--सञ्ज्ञा पुं० [सं०] हथेली का पिछला या उलटा भाग। अधिकार या वश मे आया हुआ । अधिकृत । वशीभूत । हस्तप्रद-वि० [म०] मदद देनेवाला । सहायता करनेवाला । मददगार। क्रि० प्र०--करना। --होना । सहायक (को०] । हस्तगामी-वि० [सं० हस्तगामिन्] १ किसी के हाथ या अधिकार मे हस्तप्राप्त-वि० [सं०] दे० 'हस्तगत' । जानेवाला । हस्तग। २ दे० 'हस्तगत' [को०] । हस्तप्राप्य--वि० [स०] १ हाथ से प्राप्त करने योग्य । जहाँ तक हाथ हस्तगिरि--सज्ञा पुं॰ [स०] एक पर्वत का नाम [को॰] । पहुँच सके । २ जो सरलता से प्राप्त हो सके। हस्तग्रह-सम्म पु० [स०] १ हाथ पकडना । २ पाणिग्रहण । विवाह । हस्तविव-मशा पु० [स० हस्तविम्ब] शरीर मे सुगधित द्रव्यो का लेपन । हस्तग्राह'-वि० [स०] हाथ ग्रहण करानेवाला। सहारा देनेवाला। हस्तभ्र श--मश पुं० [स०] किसी काम को करने के अवसर पर हाथ का वहक जाना। हस्तग्राह-सक्षा ० हाथ मे ग्रहण करना (को०] । हस्तग्राहक-वि० [सं०] हाथ पकडनेवाला । सहाग चाहनेवाला । मदद हस्तभ्र शी-वि० [सं० हस्त शिन्] १ हाथ से गिरा हुप्रा । जो हाथ की याचना करनेवाला (को०] । से गिरा या फिसल गया हो । २ जो हाथ मे आकर निकल गया हो । ३ काम करने मे जिसका हाथ बहक जाता हो [को०] । हस्तचापल्य-संसा पुं० [सं०] हाथ की फुरती । हाथ की सफाई। हस्तभ्रष्ट-वि० [स०] दे० 'हस्तभ्रशी' (को०] । हस्तचालन-सशा पुं० [सं०] १ हाय चलाना या हिलाना । २ हाथो हस्तमणि-तशा पुं० [म०] कलाई मे पहनने का रत्न । कलाई मे पह- से सकेत करना । हाथ से इशारा करना । नने का रत्नाभरण। हस्तजोडी-सशा पुं० [सं० हस्तज्योडि] करजोडी नामक पौधा । विशेष हस्तमैथुन-सज्ञा पुं० [सं०] हाथ के द्वारा इद्रिय का सचालन । सरका दे० 'हत्याजडी'। कूटना । हम्नदिया। हस्तज्योडी-सया पुं० [सं० हस्तज्योडि] करजोडी नामक पौधा । विगैप हस्तयोग-मरा पुं० [सं०] किमी काम मे हायो का प्रयोग करना या दे० 'हत्याजडी' (को०] । हाथ का अभ्यास होना [को०)। हस्ततल-सरा पुं० [सं०] १ हाश का तन भाग । हथेली । २ हाथी हस्तरेखा-सहा रसी० [सं०] हथेली मे पडी हुई लकीरें। की सूंड का एकदम निचला भाग [फो०] । विशेष-हाय मे पड़ो हुई इन रेयानो के विचार से सामुद्रिक मे हस्तताल-सा ई० [सं०] हाय से ताली बजाना। करतालो [को०] । सबद्ध व्यक्ति के संबंध में जानकारी पोर शुभाशुभ फन का