पृष्ठ:हिंदी शब्दसागर भाग 11.djvu/१६९

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HO हस्ताहस्ति ५४८१ हस्तिपिंड हस्ताहस्ति-संज्ञा श्री० [ स०] हाथावाँही । हाथापाई । मुठभेड । हस्तिजागरिक-संज्ञा पुं० [सं०] हाथियो का निरीक्षक । हाथियो की चांटे या घूसे की लडाई । गुत्थमगुत्थी । देखभाल करनेवाला व्यक्ति [को०] । हस्ताहस्तिका-सञ्ज्ञा स्त्री० [ स०] दे० 'हस्ताहस्ति' । हस्तिजिह्वा--सज्ञा स्त्री० [सं०] १ हाथी की जीभ । २ दाहिनी आँख की एक नस । हस्ति-सज्ञा पुं० [सं० हस्तिन् ] दे० 'हस्ती' । हस्तिकद-सञ्ज्ञा पुं० [स० हस्तिकन्द] एक पौधा जिसका कद खाया हस्तिजीवी-सज्ञा पुं॰ [सं० हस्तिजीविन] महावत । पीलवान [को०] । जाता है। हाथीकद । हस्तिदत--सज्ञा पु० [सं० हस्तिदन्त] १ हाथीदांत । २ दीवार मे हस्तिक-सन्ना पुं० [ स०] १ हाथी के आकार का खिलौना । खेल गडी हुई कपडे आदि टाँगने की खूटी । ३ मूलिका । मूली । या क्रीडा के लिये बना हुआ हाथी। २ हाथियो का समूह । यौ०-हस्तिदतफला = एर्वारु । फूट । ककडी । हस्तियूथ । ३ मामूली नौकर चाकर । साधारण कोटि का हस्तिदतक-सज्ञा पुं॰ [स० हस्तिदन्तक] मूलिका मूली [को॰] । सेवक [को० । हस्तिदती -सज्ञा पु० [स० हस्तिदन्ती] मूली। हस्तिकक्ष [-सञ्ज्ञा पुं० ] सुश्रुत मे वर्णित एक प्रकार का हस्तिद्वयस- वि० [स०] जो हाथी की तरह ऊँचा हो । हाथी के समान जहरीला कीडा । वडा या लवा [को०]। हस्तिकक्ष्य-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] १ सिह । २ व्याघ्र । वाघ । हस्तिनख--सज्ञा पुं॰ [स०] १. हाथी के नाखून । २ वह बुर्ज या टीला हस्तिकरज-सज्ञा पुं० [सं० हस्तिकरञ्ज] वडी जाति का करज या जो गढ की दीवार के पास उन स्थानो पर बना होता है जहां कजा । विशेष दे० 'करज'। चढाव होता है। हस्तिकरजक-सज्ञा पुं० [स० हस्तिकरञ्जक ] दे० 'हस्तिकरज' । हस्तिनपुर, हस्तिनापुर-सञ्ज्ञा पुं० [स०] चद्रवशियो या कौरवो की हस्तिकरणक-सञ्ज्ञा पुं० [सं०] कौटिल्य के अनुसार हथियारो राजधानी जो वर्तमान दिल्ली नगर से कुछ दूर पर थी। का वार रोकने का एक प्रकार का पटल या ढाल । पर्या०-गजाह्वय । नाग साह्वय । नागाह्र । हस्तिनीपुर । हस्तिकर्ण- सज्ञा पुं० [स०] १ अडी का पेड। एरड । रेड । विशेष-यह नगर हस्तिन् नामक राजा का बसाया हुआ था। २ टेसू का पेड । पलाश । ३ कच्चू । बडा । ४ शिव के इसका स्थान दिल्ली से उत्तरपूर्व २८ कोस पर निश्चित किया गणो मे से एक का नाम । ५ एक राक्षम का नाम । ६ गण गया है। देवताओ मे से एक। हस्तिनासा-सज्ञा स्त्री॰ [स०] हाथी की सूंड । नागनासा । हस्तिकर्णकदल -सञ्ज्ञा पुं० [सं०] एक प्रकार का पलाश या टेसू । हस्तिनिषदन-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] योग का एक आसन [को०] । हस्तिकणिक-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] एक योगासन । हस्तिकणिका [को०] । हस्तिनी-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] १ मादा हाथी। हथिनी । २ एक प्रकार हस्तिकणिका-सञ्ज्ञा स्त्री० [सं०] हठयोग का एक आसन । का सुगधित द्रव्य । हट्टविलासिनी। ३ कामशास्त्र के अनुसार हस्तिका-सज्ञा स्त्री० [सं०] एक प्राचीन वाजा जिसमे बजाने के स्त्री के चार भेदो मे से सबसे निकृष्ट भेद । लिये तार लग रहता था । एक प्रकार का तनवाद्य । विशेप- इसका शरीर स्थूल, अोठ और उँगलियाँ मोटी और हस्तिकोलि-सज्ञा स्त्री० स०] एक प्रकार का वेर का फल [को०] । आहार, कामवासना अन्य प्रकार की सब स्त्रियो से अधिक हस्तिकोशातकी-संवा स्त्री० [स०] तरोई या तोरई का एक भेद [को०] । कही गई है। अन्य भेद पद्मिनी, चित्रिणी और शखिनी है। विशेष के लिये वे शब्द द्रष्टव्य । हस्तिगिरि-सञ्ज्ञा पुं० [स०] १ काची नाम की नगरी जो मुक्तिः हस्तिप--सञ्ज्ञा पुं० [स०] १ हाथी पर बैठनेवाला या उसे अपने अनुकूल दायक और सप्तपुरियो मे एक है । २ एक पर्वत का नाम (को०] । करनेवाला व्यक्ति । २ हाथी की देखभाल करनेवाला व्यक्ति। हस्तिघात-सज्ञा पुं० [सं०] हाथी को मारना । हाथी का वध [को०) । महावत । हस्तिघोपा, हस्तिघोषातकी-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] एक प्रकार की तरोई । हस्तिपक-सञ्ज्ञा पुं० [स०] महावत । फीलवान । उ०-सावत्सर, बडी तरोई । वृहद्घोषा (को॰] । अश्ववाहक, हस्तिपक, कीडक, नर्म सचिव ।-वर्ण०, पृ०६। हस्तिघ्न--वि० [सं०] हस्तिघात करनेवाला। जो हाथी का वध कर हस्तिपत्र-सञ्ज्ञा पुं० [म०] हस्तिकद । हाथीकद [को०] । सके। हाथी को मारनेवाला [को०] । हस्तिपद-सञ्ज्ञा पुं॰ [स०] हाथी के पर। सबसे विशाल पर। हस्तिघ्न' ---सधा पुं० मनुज । मनुष्य । आदमी (को०। हस्तिपर्णिका-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] तुरई । तरोई। कोपातकी । हस्तिचार-सज्ञा पुं० [०] एक प्रकार का शस्त्र जो शरभ की प्राकृति हस्तिपरिणनी-सञ्ज्ञा स्त्री० [सं०] तरोई। का होता था और जिससे हस्तियो को भयभीत करके भगा देते हस्तिपर्णी--सज्ञा स्त्री॰ [म०] १ ककडी। २ मूर्वा या मोरटा नामक लता (को०) । विशेष दे० 'पूर्वा' । हस्तिचारिणी-सञ्ज्ञा स्त्री० [स०] महाकग्ज । दे० 'करज' । हस्तिपादिका-सञ्ज्ञा स्त्री॰ [स०] एक प्रकार की प्रोपधि । हस्तिचारी-सञ्ज्ञा पु० [सं० हस्तिचारिन्] हाथी चलानेवाला। हस्तिपाल, हस्तिपालक-सञ्ज्ञा पुं० म०] हाथीवान् । फीलवान [को॰] । महावत । पीलवान [को०] । हस्तिपिंड-सज्ञा पुं० [सं० हस्तिपिण्ड] एक नाग असुर [को॰] । ये (को०] ।